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*[[मध्य प्रदेश]] के बुन्देलखण्ड सम्भाग में [[बेतवा नदी]] के किनारे स्थित आधुनिक ओरछा मध्य काल में परिहास राजाओं की राजधानी थी। | [[चित्र:Jahangir-Mahal-Orchha.jpg|thumb|250px|जहाँगीर महल, ओरछा<br />Jahangir Mahal, Orchha]] | ||
*[[मध्य प्रदेश]] के [[बुन्देलखण्ड]] सम्भाग में [[बेतवा नदी]] के किनारे स्थित आधुनिक ओरछा मध्य काल में परिहास राजाओं की राजधानी थी। | |||
*परिहास राजाओं के बाद में यह चन्देलों के अधिकार में रहीं। | *परिहास राजाओं के बाद में यह चन्देलों के अधिकार में रहीं। | ||
*चन्देल राजाओं के पराभव के बाद ओरछा श्रीहीन हो गया। | *चन्देल राजाओं के पराभव के बाद ओरछा श्रीहीन हो गया। |
06:47, 27 मार्च 2011 का अवतरण
![](/w/images/thumb/8/82/Jahangir-Mahal-Orchha.jpg/250px-Jahangir-Mahal-Orchha.jpg)
Jahangir Mahal, Orchha
- मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड सम्भाग में बेतवा नदी के किनारे स्थित आधुनिक ओरछा मध्य काल में परिहास राजाओं की राजधानी थी।
- परिहास राजाओं के बाद में यह चन्देलों के अधिकार में रहीं।
- चन्देल राजाओं के पराभव के बाद ओरछा श्रीहीन हो गया।
- उसके बाद में बुंदेलों ने ओरछा को राजधानी बनाया और इसने पुनः अपना गौरव प्राप्त किया।
- राजा रुद्रप्रताप (1501-03ई.) वर्तमान ओरछा को बसाने वाले थे।
- 1531 ई. में इस नगर की स्थापना की गई और क़िले के निर्माण में आठ वर्ष का समय लगा।
- ओरछा के महल भारतीचन्द के समय 1539 ई. में बनकर पूर्ण हुए और राजधानी भी इसी वर्ष पुरानी राजधानी गढ़कुंडार से ओरछा लायी गयी।
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