"हुसैनशाह शर्की": अवतरणों में अंतर
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*'''हुसैनशाह शर्की''' [[जौनपुर]] के [[शर्की वंश]] का अंतिम शासक था। | *'''हुसैनशाह शर्की''' [[जौनपुर]] के [[शर्की वंश]] का अंतिम शासक था। | ||
*उसने 1458-1485 ई. तक शासन किया था। | *उसने 1458-1485 ई. तक शासन किया था। | ||
*[[मुहम्मदशाह शर्की]] की हत्या के बाद उसके भाई हुसैनशाह शर्की को 1458 ई. में गद्दी पर बिठाया गया था। | *[[मुहम्मदशाह शर्की]] की हत्या के बाद उसके भाई हुसैनशाह शर्की को 1458 ई. में गद्दी पर बिठाया गया था। | ||
*उसने सत्ता प्राप्त करने के बाद [[लोदी वंश|लोदियों]] से संधि कर ली। | *उसने सत्ता प्राप्त करने के बाद [[लोदी वंश|लोदियों]] से संधि कर ली। | ||
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09:01, 5 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- हुसैनशाह शर्की जौनपुर के शर्की वंश का अंतिम शासक था।
- उसने 1458-1485 ई. तक शासन किया था।
- मुहम्मदशाह शर्की की हत्या के बाद उसके भाई हुसैनशाह शर्की को 1458 ई. में गद्दी पर बिठाया गया था।
- उसने सत्ता प्राप्त करने के बाद लोदियों से संधि कर ली।
- इसके समय में दिल्ली और जौनपुर का संघर्ष अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया था।
- इसके काल में अन्ततः बहलोल लोदी ने जौनपुर पर 1483-1484 ई. में अधिकार कर लिया।
- लगभग 75 वर्ष तक स्वतन्त्र रहने के उपरान्त जौनपुर को सिकन्दर शाह लोदी ने पुनः दिल्ली सल्तनत में मिला लिया।
- शर्की शासन के अन्तर्गत, विशेष कर इब्राहिमशाह शर्की के समय में जौनपुर में साहित्य एवं स्थापत्य कला के क्षेत्र में हुए विकास के कारण जौनपुर को ‘भारत का सीराज’ कहा गया।
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