"सदस्य:DrMKVaish": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 376: | पंक्ति 376: | ||
| | | | ||
|- | |- | ||
| भारतवर्ष में कॉवर के त्योहार का बहुत ज़्यादा महत्व है। इस तौहार में आमलोग भगवन शिव की भक्ति में डुबकर कॉवर उठाते है। इन कॉवर उठाने वाले शिव भक्तो को कॉवरिया कहते है। यह त्योहार हिन्दी कैलेण्डर के अनुसार श्रावण ( सावन ) के महीने में पड़ता है। कॉवर के इस त्योहार में शिव भक्त एक निश्चित स्थान से गेरुआ वस्त्र धारण कर कन्धे पर कॉवर लेकर और कॉवर में गंगाजल रखकर उठाते है तथा कई किलोमीटर की नंगे पैर पैदल यात्रा करके एक निश्चित स्थान के शिव मंदिर में आकर भगवन शिव और माता पर्वती पर गंगाजल चढाते है। यह गंगाजल का अभिषेक श्रद्धा और विश्वास के महापर्व शिव रात्रि के दिन होता है। कॉवर का त्योहार भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है लेकिन विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, उत्तराँचल, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल के राज्यों में मनाया जाता है। | | भारतवर्ष में कॉवर के त्योहार का बहुत ज़्यादा महत्व है। इस तौहार में आमलोग भगवन शिव की भक्ति में डुबकर कॉवर उठाते है। इन कॉवर उठाने वाले शिव भक्तो को कॉवरिया कहते है। यह त्योहार हिन्दी कैलेण्डर के अनुसार श्रावण (सावन) के महीने में पड़ता है। कॉवर के इस त्योहार में शिव भक्त एक निश्चित स्थान से गेरुआ वस्त्र धारण कर कन्धे पर कॉवर लेकर और कॉवर में गंगाजल रखकर उठाते है तथा कई किलोमीटर की नंगे पैर पैदल यात्रा करके एक निश्चित स्थान के शिव मंदिर में आकर भगवन शिव और माता पर्वती पर गंगाजल चढाते है। यह गंगाजल का अभिषेक श्रद्धा और विश्वास के महापर्व शिव रात्रि के दिन होता है। कॉवर का त्योहार भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है लेकिन विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, उत्तराँचल, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल के राज्यों में मनाया जाता है। | ||
आषाढ़ी पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर तीर्थनगरी में गंगा स्नान करने व गुरु पूजन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। राजस्थान, मध्यप्रदेश, यूपी, दिल्ली के कोने-कोने से आज पूर्णिमा स्नान के साथ ही कस्बे में एक माह तक चलने वाला कॉवर मेला प्रारम्भ हो जाएगा। | आषाढ़ी पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर तीर्थनगरी में गंगा स्नान करने व गुरु पूजन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। राजस्थान, मध्यप्रदेश, यूपी, दिल्ली के कोने-कोने से आज पूर्णिमा स्नान के साथ ही कस्बे में एक माह तक चलने वाला कॉवर मेला प्रारम्भ हो जाएगा। | ||
पंक्ति 475: | पंक्ति 475: | ||
* धन अपना पराया नही देखता। | * धन अपना पराया नही देखता। | ||
* पृथ्वी पर तीन रत्न हैं - जल, अन्न और सुभाषित। लेकिन मूर्ख लोग पत्थर के टुकडों को ही रत्न कहते रहते हैं। | * पृथ्वी पर तीन रत्न हैं - जल, अन्न और सुभाषित। लेकिन मूर्ख लोग पत्थर के टुकडों को ही रत्न कहते रहते हैं। | ||
* संसार रूपी कटु-वृक्ष के केवल दो फल ही अमृत के समान हैं ; पहला, सुभाषितों का रसास्वाद और दूसरा, अच्छे लोगों की संगति। | * संसार रूपी कटु-वृक्ष के केवल दो फल ही अमृत के समान हैं; पहला, सुभाषितों का रसास्वाद और दूसरा, अच्छे लोगों की संगति। | ||
* हजारों मष्तिषकों में बुद्धिपूर्ण विचार आते रहे हैं। लेकिन उनको अपना बनाने के लिये हमको ही उन पर गहराई से तब तक विचार करना चाहिये जब तक कि वे हमारी अनुभूति में जड न जमा लें। | * हजारों मष्तिषकों में बुद्धिपूर्ण विचार आते रहे हैं। लेकिन उनको अपना बनाने के लिये हमको ही उन पर गहराई से तब तक विचार करना चाहिये जब तक कि वे हमारी अनुभूति में जड न जमा लें। | ||
* उच्चस्तरीय स्वार्थ का नाम ही परमार्थ है। परमार्थ के लिये त्याग आवश्यक है पर यह एक बहुत बडा निवेश है जो घाटा उठाने की स्थिति में नहीं आने देता। | * उच्चस्तरीय स्वार्थ का नाम ही परमार्थ है। परमार्थ के लिये त्याग आवश्यक है पर यह एक बहुत बडा निवेश है जो घाटा उठाने की स्थिति में नहीं आने देता। | ||
पंक्ति 507: | पंक्ति 507: | ||
* खेती, पाती, बीनती, औ घोड़े की तंग। अपने हाथ संवारिये चाहे लाख लोग हो संग।। खेती करना, पत्र लिखना और पढ़ना तथा घोड़ा या जिस वाहन पर सवारी करनी हो उसकी जाँच और तैयारी मनुष्य को स्वयं ही खुद करनी चाहिये, भले ही लाखों लोग साथ हों और अनेकों सेवक हों, वरना मनुष्य का नुक़सान तय शुदा है। | * खेती, पाती, बीनती, औ घोड़े की तंग। अपने हाथ संवारिये चाहे लाख लोग हो संग।। खेती करना, पत्र लिखना और पढ़ना तथा घोड़ा या जिस वाहन पर सवारी करनी हो उसकी जाँच और तैयारी मनुष्य को स्वयं ही खुद करनी चाहिये, भले ही लाखों लोग साथ हों और अनेकों सेवक हों, वरना मनुष्य का नुक़सान तय शुदा है। | ||
* जो किसी से कुछ ले कर भूल जाते हैं, अपने ऊपर किये उपकार को मानते नहीं, एहसान को भुला देते हैं उन्हें कृतघ्नी कहा जाता है और जो सदा इसे याद रख कर प्रति उपकार करने और अहसान चुकाने का प्रयास करते हैं, उन्हें कृतज्ञ कहा जाता है। | * जो किसी से कुछ ले कर भूल जाते हैं, अपने ऊपर किये उपकार को मानते नहीं, एहसान को भुला देते हैं उन्हें कृतघ्नी कहा जाता है और जो सदा इसे याद रख कर प्रति उपकार करने और अहसान चुकाने का प्रयास करते हैं, उन्हें कृतज्ञ कहा जाता है। | ||
* दूसरों को ख़ुशी देना सबसे बड़ा पुण्य का कार्य | * दूसरों को ख़ुशी देना सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है। | ||
|- | |- | ||
पंक्ति 542: | पंक्ति 542: | ||
| ;टैगोर व मदर टेरेसा की जयंती पर विशेष डाक टिकट व ट्रेन | | ;टैगोर व मदर टेरेसा की जयंती पर विशेष डाक टिकट व ट्रेन | ||
* डाक विभाग, कोलकाता नोबल पुरस्कार से सम्मानित विश्व कवि कविगुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर की 150 वीं जयंती तथा मिशनरीज आफ चैरिटी की संस्थापक मदर टेरेसा की 100वीं जन्म शताब्दी पर डाक टिकट जारी करेगा। संयोग से वर्ष 2010 में टैगोर की 150वी और मदर टेरेसा की 100वीं जयंती है। कोलकाता जीपीओ के निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि कविगुरु ने एक नाटक '''डाक घर''' लिखा था तथा बचपन में वह पोस्टऑफिस में ही काम करना चाहते थे। कविगुरु और मदर पर डाक टिकट के अलावा डायरी, ग्रीटिंग कार्ड और कैलेंडर भी इस वर्ष जारी किये जायेंगे। श्री कुमार ने बताया कि इस बारे में शोध कार्य किया जा रहा है कि मदर टेरेसा के मिशनरोज ऑफ चैरिटी के जरिए गरीबों की सेवा तथा उनके जीवन के अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यो को ‘बेहतर तरीके’ से कैसे व्यक्त किया जा सके। | * डाक विभाग, कोलकाता नोबल पुरस्कार से सम्मानित विश्व कवि कविगुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर की 150 वीं जयंती तथा मिशनरीज आफ चैरिटी की संस्थापक मदर टेरेसा की 100वीं जन्म शताब्दी पर डाक टिकट जारी करेगा। संयोग से वर्ष 2010 में टैगोर की 150वी और मदर टेरेसा की 100वीं जयंती है। कोलकाता जीपीओ के निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि कविगुरु ने एक नाटक '''डाक घर''' लिखा था तथा बचपन में वह पोस्टऑफिस में ही काम करना चाहते थे। कविगुरु और मदर पर डाक टिकट के अलावा डायरी, ग्रीटिंग कार्ड और कैलेंडर भी इस वर्ष जारी किये जायेंगे। श्री कुमार ने बताया कि इस बारे में शोध कार्य किया जा रहा है कि मदर टेरेसा के मिशनरोज ऑफ चैरिटी के जरिए गरीबों की सेवा तथा उनके जीवन के अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यो को ‘बेहतर तरीके’ से कैसे व्यक्त किया जा सके। | ||
* इसके अलावा इस साल टैगोर तथा मदर पर डाक टिकट, डायरियां, ग्रीटिंग कार्ड और कलेंडर जारी किए जाएंगे। कॉफी के मग पर दोनों महान विभूतियां के दुर्लभ चित्र और संदेश लिखकर उन्हें बेचा जाएगा। ये सभी वस्तुएं फिलाटेलिक ब्यूरो में उपलब्ध रहेंगे, जिन्हें कलेक्टर्स (संग्रहकर्ता) को पार्सल या वीपीपी से भेजा | * इसके अलावा इस साल टैगोर तथा मदर पर डाक टिकट, डायरियां, ग्रीटिंग कार्ड और कलेंडर जारी किए जाएंगे। कॉफी के मग पर दोनों महान विभूतियां के दुर्लभ चित्र और संदेश लिखकर उन्हें बेचा जाएगा। ये सभी वस्तुएं फिलाटेलिक ब्यूरो में उपलब्ध रहेंगे, जिन्हें कलेक्टर्स (संग्रहकर्ता) को पार्सल या वीपीपी से भेजा जायेगा। डाक विभाग को आशा है कि इन उत्पादों की कोलकाता में काफ़ी कद्र होगी, क्योंकि देश भर में सर्वाधिक 52 हजार स्टैंप कलेक्टर यहां हैं। उन्होंने बताया कि यह टिकट संग्रहण ब्यूरो में उपलब्ध होगा तथा मांग पर ज़िलाधिकारी को भेजा जाएगा। | ||
* श्री कुमार ने बताया कि अभिनेता उत्तम कुमार और जादूगर पीसी सरकार पर आधारित उत्पादों की बिक्री भी खासी हुई | * श्री कुमार ने बताया कि अभिनेता उत्तम कुमार और जादूगर पीसी सरकार पर आधारित उत्पादों की बिक्री भी खासी हुई थी। नदिया ज़िले के कृष्णनगर पोस्ट ऑफिस से भगवान कृष्ण पर आधारित 10 हजार कैलेंडर बेचे गये थे। उन्होंने बताया कि वह लोगों को डाक टिकट के क़रीब लाना चाहते हैं, क्योंकि इसके जरिये देश के इतिहास, संस्कृति, जीवन और विकास का पता चलता है। | ||
* इधर रेलवे की ओर से घोषणा की गयी है कि मदर टेरेसा के नाम पर मदर एक्सप्रेस की शुरूआत की | * इधर रेलवे की ओर से घोषणा की गयी है कि मदर टेरेसा के नाम पर मदर एक्सप्रेस की शुरूआत की जायेगी। गुरुवार को रेल मंत्री ममता बनर्जी इसकी शुरूआत सियालदह से करेंगी। यह ट्रेन देश भर के विभिन्न स्टेशनों पर अगले छह महीने तक जायेगी। | ||
* उदघाटन के मौके पर मिशनरीज ऑफ चैरिटी की सुपीरियर जनरल सिस्टर प्रेमा, सिस्टर निर्मला, सिस्टर ऐंसी, सिस्टर जोसफ, सिस्टर गेरार्ड, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री दिनेश त्रिवेदी, केंद्रीय जहाजरानी राज्य मंत्री मुकुल राय, केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री सुलतान अहमद, सुदीप बनर्जी, सोमेन मित्रा, शोभन चटर्जी, शिखा मित्रा, शुभाप्रसन्ना, सांवली मित्रा, डेरेक ओ ब्रायन व अन्य मौजूद रहेंगे। | * उदघाटन के मौके पर मिशनरीज ऑफ चैरिटी की सुपीरियर जनरल सिस्टर प्रेमा, सिस्टर निर्मला, सिस्टर ऐंसी, सिस्टर जोसफ, सिस्टर गेरार्ड, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री दिनेश त्रिवेदी, केंद्रीय जहाजरानी राज्य मंत्री मुकुल राय, केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री सुलतान अहमद, सुदीप बनर्जी, सोमेन मित्रा, शोभन चटर्जी, शिखा मित्रा, शुभाप्रसन्ना, सांवली मित्रा, डेरेक ओ ब्रायन व अन्य मौजूद रहेंगे। | ||
|- | |- | ||
पंक्ति 718: | पंक्ति 718: | ||
*'''ध्यान का नियम''' -- यम नियम तो आत्मा रुपी बर्तन की सफाई के लिए है ताकि उसमें ईश्वर अपने प्रेम का भोजन दे सके। वह भोजन सुबह शाम एकाग्र मन के साथ ईश्वर से माँगना चाहिए। ओ३म् का उच्चारण इसी भोजन मांगने की प्रक्रिया है, अब क्या करना चाहिए वह नीचे लिखते हैं। | *'''ध्यान का नियम''' -- यम नियम तो आत्मा रुपी बर्तन की सफाई के लिए है ताकि उसमें ईश्वर अपने प्रेम का भोजन दे सके। वह भोजन सुबह शाम एकाग्र मन के साथ ईश्वर से माँगना चाहिए। ओ३म् का उच्चारण इसी भोजन मांगने की प्रक्रिया है, अब क्या करना चाहिए वह नीचे लिखते हैं। | ||
# किसी जगह जहाँ शुद्ध हवा हो, वहां अच्छी जगह पर कमर सीधी कर के बैठ जाएँ, आँख बंद करके थोड़ी देर गहरे सांस धीरे धीरे लीजिये और छोड़िये जिससे शरीर में कोई तनाव न रहे। | # किसी जगह जहाँ शुद्ध हवा हो, वहां अच्छी जगह पर कमर सीधी कर के बैठ जाएँ, आँख बंद करके थोड़ी देर गहरे सांस धीरे धीरे लीजिये और छोड़िये जिससे शरीर में कोई तनाव न रहे। | ||
# दिन में 4 बार ओ३म् का उच्चारण बहुत उपयोगी है, पहला सुबह सोकर उठते ही, दूसरा शौच व स्नान के बाद, तीसरा सूर्यास्त के समय शाम को और चौथा रात सोने से एकदम | # दिन में 4 बार ओ३म् का उच्चारण बहुत उपयोगी है, पहला सुबह सोकर उठते ही, दूसरा शौच व स्नान के बाद, तीसरा सूर्यास्त के समय शाम को और चौथा रात सोने से एकदम पहले। इसके अलावा जब कभी ख़ाली बैठे किसी की प्रतीक्षा या यात्रा कर रहे हों तो भी इसे कर सकते हैं। | ||
# धीरे धीरे उच्चारण की लम्बाई बढ़ा सकते हैं, पर उतनी ही जितनी अपने सामर्थ्य में हो। | # धीरे धीरे उच्चारण की लम्बाई बढ़ा सकते हैं, पर उतनी ही जितनी अपने सामर्थ्य में हो। | ||
# कम से कम एक समय में 5 बार जरूर उच्चारण करें, मुंह से बोलने के बजाय मन में भी उच्चारण कर सकते हैं। | # कम से कम एक समय में 5 बार जरूर उच्चारण करें, मुंह से बोलने के बजाय मन में भी उच्चारण कर सकते हैं। |
17:58, 8 अक्टूबर 2011 का अवतरण
माँ तुझे सलाम
मुट्ठीभर संकल्पवान लोग, जिनकी अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था है, इतिहास की धारा को बदल सकते हैं।
- महात्मा गांधी
|
National Anthem =
मेरे पृष्ट पर आप का स्वागत है !
Hello.
|
|
मेरा पसंदीदा चित्र संग्रह |
---|
शोध क्षेत्र |
---|
A | Aa |
B | Bb |
C | Cc |
D | Dd |
E | Ee |
मुझे हिन्दुस्तानी, हिन्दू और हिन्दी भाषी होने का गर्व है | |