"ऐसी मूढता या मन की -तुलसीदास": अवतरणों में अंतर

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एसी मूढता या मन की।
एइसी मूढता या मन की।
परिहरि रामभगति-सुरसरिता, आस करत ओसकन की।
परिहरि रामभगति-सुरसरिता, आस करत ओसकन की।
धूम समूह निरखि-चातक ज्यौं, तृषित जानि मति धन की।
धूम समूह निरखि-चातक ज्यौं, तृषित जानि मति धन की।
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टूटत अति आतुर अहार बस, छति बिसारि आनन की।
टूटत अति आतुर अहार बस, छति बिसारि आनन की।
कहं लौ कहौ कुचाल कृपानिधि, जानत हों गति मन की।
कहं लौ कहौ कुचाल कृपानिधि, जानत हों गति मन की।
तुलसिदास प्रभु हरहु दुसह दुख, करहु लाज निज पन की।  
तुलसीदास प्रभु हरहु दुसह दुख, करहु लाज निज पन की।  
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12:06, 23 दिसम्बर 2011 का अवतरण

ऐसी मूढता या मन की -तुलसीदास
तुलसीदास
तुलसीदास
कवि तुलसीदास
जन्म 1532 सन
जन्म स्थान राजापुर, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1623 सन
मुख्य रचनाएँ रामचरितमानस, दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, आदि
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
तुलसीदास की रचनाएँ

एइसी मूढता या मन की।
परिहरि रामभगति-सुरसरिता, आस करत ओसकन की।
धूम समूह निरखि-चातक ज्यौं, तृषित जानि मति धन की।
नहिं तहं सीतलता न बारि, पुनि हानि होति लोचन की।
ज्यौं गज काँच बिलोकि सेन जड़ छांह आपने तन की।
टूटत अति आतुर अहार बस, छति बिसारि आनन की।
कहं लौ कहौ कुचाल कृपानिधि, जानत हों गति मन की।
तुलसीदास प्रभु हरहु दुसह दुख, करहु लाज निज पन की।

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