"सदस्य:DrMKVaish": अवतरणों में अंतर
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| संस्कृत सुभाषित एवं सूक्तियाँ हिन्दी में अर्थ सहित---- | | संस्कृत सुभाषित एवं सूक्तियाँ हिन्दी में अर्थ सहित---- | ||
( | (1) न राज्यं न च राजासीत् , न दण्डो न च दाण्डिकः । | ||
स्वयमेव प्रजाः सर्वा , रक्षन्ति स्म परस्परम् ॥ | स्वयमेव प्रजाः सर्वा , रक्षन्ति स्म परस्परम् ॥ | ||
( न राज्य था और ना राजा था , न दण्ड था और न दण्ड देने | (न राज्य था और ना राजा था, न दण्ड था और न दण्ड देने वाला। स्वयं सारी प्रजा ही एक-दूसरे की रक्षा करती थी॥) | ||
( | (2) रत्नं रत्नेन संगच्छते । | ||
( रत्न , रत्न के साथ जाता है ) | (रत्न, रत्न के साथ जाता है) | ||
( | (3) गुणः खलु अनुरागस्य कारणं , न बलात्कारः । | ||
( केवल गुण ही प्रेम होने का कारण है , बल प्रयोग नहीं ) | (केवल गुण ही प्रेम होने का कारण है, बल प्रयोग नहीं) | ||
( | (4) निर्धनता प्रकारमपरं षष्टं महापातकम् । | ||
( गरीबी दूसरे प्रकार से छठा महापातक | (गरीबी दूसरे प्रकार से छठा महापातक है।) | ||
( | (5) अपेयेषु तडागेषु बहुतरं उदकं भवति । | ||
( जिस तालाब का पानी पीने योग्य नहीं होता , उसमें बहुत जल भरा होता | (जिस तालाब का पानी पीने योग्य नहीं होता, उसमें बहुत जल भरा होता है।) | ||
( | (6) अङ्गुलिप्रवेशात् बाहुप्रवेश: | | ||
( अंगुली प्रवेश होने के बाद हाथ प्रवेश किया जता | (अंगुली प्रवेश होने के बाद हाथ प्रवेश किया जता है।) | ||
( | (7) अति तृष्णा विनाशाय | | ||
( अधिक लालच नाश कराती | (अधिक लालच नाश कराती है।) | ||
( | (8) अति सर्वत्र वर्जयेत् । | ||
( अति ( को करने ) से सब जगह बचना | (अति (को करने) से सब जगह बचना चाहिये।) | ||
( | (9) अजा सिंहप्रसादेन वने चरति निर्भयम्। | ||
( शेर की कृपा से बकरी जंगल मे बिना भय के चरती | (शेर की कृपा से बकरी जंगल मे बिना भय के चरती है।) | ||
( | (10) अतिभक्ति चोरलक्षणम्। | ||
( अति-भक्ति चोर का लक्षण | (अति-भक्ति चोर का लक्षण है।) | ||
( | (11) अल्पविद्या भयङ्करी। | ||
( अल्पविद्या भयंकर होती | (अल्पविद्या भयंकर होती है।) | ||
( | (12) कुपुत्रेण कुलं नष्टम्। | ||
( कुपुत्र से कुल नष्ट हो जाता | ( कुपुत्र से कुल नष्ट हो जाता है।) | ||
( | (13) ज्ञानेन हीना: पशुभि: समाना:। | ||
( ज्ञानहीन पशु के समान | (ज्ञानहीन पशु के समान हैं।) | ||
( | (14) प्राप्ते तु षोडशे वर्षे गर्दभी ह्यप्सरा भवेत्। | ||
( सोलह वर्ष की होने पर गदही भी अप्सरा बन जाती | (सोलह वर्ष की होने पर गदही भी अप्सरा बन जाती है।) | ||
( | (15) प्राप्ते तु षोडशे वर्षे पुत्रं मित्रवदाचरेत्। | ||
( सोलह वर्ष की अवस्था को प्राप्त पुत्र से मित्र की भाँति आचरण करना | (सोलह वर्ष की अवस्था को प्राप्त पुत्र से मित्र की भाँति आचरण करना चाहिये।) | ||
( | (16) मधुरेण समापयेत्। | ||
( मिठास के साथ ( मीठे वचन या मीठा स्वाद ) समाप्त करना | (मिठास के साथ (मीठे वचन या मीठा स्वाद) समाप्त करना चाहिये।) | ||
( | (17) मुण्डे मुण्डे मतिर्भिन्ना। | ||
( हर व्यक्ति अलग तरह से सोचता | (हर व्यक्ति अलग तरह से सोचता है।) | ||
( | (18) शठे शाठ्यं समाचरेत् । | ||
( दुष्ट के साथ दुष्टता का वर्ताव करना | (दुष्ट के साथ दुष्टता का वर्ताव करना चाहिये।) | ||
( | (19) सत्यं शिवं सुन्दरम्। | ||
( सत्य , कल्याणकारी और | (सत्य, कल्याणकारी और सुन्दर। (किसी रचना/कृति या विचार को परखने की कसौटी)) | ||
( | (20) सा विद्या या विमुक्तये। | ||
( विद्या वह है जो बन्धन-मुक्त करती | (विद्या वह है जो बन्धन-मुक्त करती है।) | ||
( | (21) त्रियाचरित्रं पुरुषस्य भग्यं दैवो न जानाति कुतो नरम् । | ||
( स्त्री के चरित्र को और पुरुष के भाग्य को भगवान् भी नहीं जानता , मनुष्य कहाँ लगता | (स्त्री के चरित्र को और पुरुष के भाग्य को भगवान् भी नहीं जानता, मनुष्य कहाँ लगता है।) | ||
( | (22) कामासक्त व्यक्ति की कोई चिकित्सा नहीं है। - नीतिवाक्यामृत-३।१२ | ||
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* कुलीनता यही है और गुणों का संग्रह भी यही है कि सदा सज्जनों से सामने विनयपूर्वक सिर झुक जाए। - दर्पदलनम् १।२९ | * कुलीनता यही है और गुणों का संग्रह भी यही है कि सदा सज्जनों से सामने विनयपूर्वक सिर झुक जाए। - दर्पदलनम् १।२९ | ||
* तुम प्लास्टिक सर्जरी करवा सकते हो, तुम सुन्दर चेहरा बनवा सकते हो, सुंदर आंखें सुंदर नाक, तुम अपनी चमड़ी बदलवा सकते हो, तुम अपना आकार बदलवा सकते हो। इससे तुम्हारा स्वभाव नहीं बदलेगा। भीतर तुम लोभी बने रहोगे, वासना से भरे रहोगे, हिंसा, क्रोध, ईर्ष्या, शक्ति के प्रति पागलपन भरा रहेगा। इन बातों के लिये प्लास्टिक सर्जन कुछ कर नहीं सकता। - ओशो | * तुम प्लास्टिक सर्जरी करवा सकते हो, तुम सुन्दर चेहरा बनवा सकते हो, सुंदर आंखें सुंदर नाक, तुम अपनी चमड़ी बदलवा सकते हो, तुम अपना आकार बदलवा सकते हो। इससे तुम्हारा स्वभाव नहीं बदलेगा। भीतर तुम लोभी बने रहोगे, वासना से भरे रहोगे, हिंसा, क्रोध, ईर्ष्या, शक्ति के प्रति पागलपन भरा रहेगा। इन बातों के लिये प्लास्टिक सर्जन कुछ कर नहीं सकता। - ओशो | ||
* पशु पालक की भांति देवता लाठी ले कर रक्षा नही करते, वे जिसकी रक्षा करना चाहते हैं उसे बुद्धी से समायुक्त कर देते | * पशु पालक की भांति देवता लाठी ले कर रक्षा नही करते, वे जिसकी रक्षा करना चाहते हैं उसे बुद्धी से समायुक्त कर देते है। महाभारत -उद्योग पर्व | ||
* विषयों का चिंतन करने वाले मनुष्य की उन विषयों में आसक्ति हो जाती है। आसक्ति से उन विषयों की कामना उत्पन्न होती है और कामना में विघ्न पड़ने से क्रोध उत्पन्न होता है। क्रोध से मूढ़ता और बुद्धि भ्रष्टता उत्पन्न होती है। बुद्धि के भ्रष्ट होने से स्मरण-शक्ति विलुप्त हो जाती है, यानी ज्ञान शक्ति का नाश हो जाता है। और जब बुद्धि तथा स्मृति का विनाश होता है, तो सब कुछ नष्ट हो जाता है। - गीता (अध्याय 2/62, 63) | * विषयों का चिंतन करने वाले मनुष्य की उन विषयों में आसक्ति हो जाती है। आसक्ति से उन विषयों की कामना उत्पन्न होती है और कामना में विघ्न पड़ने से क्रोध उत्पन्न होता है। क्रोध से मूढ़ता और बुद्धि भ्रष्टता उत्पन्न होती है। बुद्धि के भ्रष्ट होने से स्मरण-शक्ति विलुप्त हो जाती है, यानी ज्ञान शक्ति का नाश हो जाता है। और जब बुद्धि तथा स्मृति का विनाश होता है, तो सब कुछ नष्ट हो जाता है। - गीता (अध्याय 2/62, 63) | ||
* एक साधै सब सधे, सब साधे सब जाये, रहीमन, मुलही सिंचीबो, फुले फले अगाय । -रहीम | * एक साधै सब सधे, सब साधे सब जाये, रहीमन, मुलही सिंचीबो, फुले फले अगाय । -रहीम | ||
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| विभिन्न क्षेत्रों भारत में प्रथम | | विभिन्न क्षेत्रों भारत में प्रथम | ||
6. फील्ड मार्शल- S.H.F.J. मानेकशा | 6. फील्ड मार्शल - S.H.F.J. मानेकशा | ||
9. वायसराय एक्जिक्यूटिव कौंसिल के प्रथम भारतीय सदस्य- एस. पी. सिन्हा | 9. वायसराय एक्जिक्यूटिव कौंसिल के प्रथम भारतीय सदस्य - एस. पी. सिन्हा | ||
26. भारत में निर्मित प्रथम भारतीय फिल्म (silent film)- राजा हरिश्चन्द्र, 1913 में | 26. भारत में निर्मित प्रथम भारतीय फिल्म (silent film) - राजा हरिश्चन्द्र, 1913 में | ||
27. भारत में निर्मित प्रथम भारतीय फिल्म (silent film) के निर्माण कर्ता- दादा साहेब फाल्के | 27. भारत में निर्मित प्रथम भारतीय फिल्म (silent film) के निर्माण कर्ता - दादा साहेब फाल्के | ||
28. प्रथम भारतीय रंगीन फिल्म- किशन कन्हैया (1937) | 28. प्रथम भारतीय रंगीन फिल्म - किशन कन्हैया (1937) | ||
29. सिनेमास्कोप फिल्म- काग़ज़ के फूल (1959) | 29. सिनेमास्कोप फिल्म - काग़ज़ के फूल (1959) | ||
30. लाइफ टाइम अचिवमेंट के ऑस्कर पुरस्कार विजेता- सत्यजीत राय (1992) | 30. लाइफ टाइम अचिवमेंट के ऑस्कर पुरस्कार विजेता - सत्यजीत राय (1992) | ||
31. बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन ऑस्कर विजेता- भानु अथैया (1982) | 31. बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन ऑस्कर विजेता - भानु अथैया (1982) | ||
45. ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली प्रथम भारोत्तोलक- कर्णम मल्लेश्वरी देवी (सिडनी, 2000) | 45. ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली प्रथम भारोत्तोलक - कर्णम मल्लेश्वरी देवी (सिडनी, 2000) | ||
46. शतरंज में प्रथम विश्व चैम्पियन भारतीय - विश्वनाथन आनंद | 46. शतरंज में प्रथम विश्व चैम्पियन भारतीय - विश्वनाथन आनंद | ||
49. दलित वर्ग से प्रथम लोकसभा अध्यक्ष- G. M. C. बालयोगी | 49. दलित वर्ग से प्रथम लोकसभा अध्यक्ष - G. M. C. बालयोगी | ||
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यदि तुम परायी स्त्री को स्पर्श न करो तो मैं तुम्हारे वाम अंग में आऊँ। यह सातवां वचन है। | यदि तुम परायी स्त्री को स्पर्श न करो तो मैं तुम्हारे वाम अंग में आऊँ। यह सातवां वचन है। | ||
18:25, 16 जनवरी 2012 का अवतरण
मुट्ठीभर संकल्पवान लोग, जिनकी अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था है, इतिहास की धारा को बदल सकते हैं।
- महात्मा गांधी
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ख़ूबसूरत बातें
- खूबसूरत है वो लब जिन पर दूसरों के लिए एक दुआ है।
- खूबसूरत है वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए।
- खूबसूरत है वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए और किसी के प्यार के रंग मे रंग जाए।
- खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समझे।
- खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो।
- खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से कहानियाँ।
- खूबसूरत है वो आँखे जिनमे कितने खूबसूरत ख्वाब समा जाएँ।
- खूबसूरत है वो आसूँ जो किसी के ग़म मे बह जाएँ।
- खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए।
- खूबसूरत है वो कदम जो अमन और शान्ति का रास्ता तय कर जाएँ।
- खूबसूरत है वो सोच जिस मे पूरी दुनिया की भलाई का ख्याल आ जाए।
डा॰ मनीष कुमारवैश्य |
National Anthem =
मेरे पृष्ट पर आप का स्वागत है !
Hello.
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मुझे हिन्दुस्तानी, हिन्दू और हिन्दी भाषी होने का गर्व है | |