"रामलला नहछू -तुलसीदास": अवतरणों में अंतर
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रामलला कर नहछू गाइ सुनाइय हो।। | रामलला कर नहछू गाइ सुनाइय हो।। | ||
जेहि गाये सिधि होय परम निधि पाइय हो। | जेहि गाये सिधि होय परम निधि पाइय हो। | ||
कोटि जनम कर पातक दूरि सो जाइय हो | कोटि जनम कर पातक दूरि सो जाइय हो ।।1।। | ||
कोटिन्ह बाजन बाजहिं दसरथ के गृह हो । | कोटिन्ह बाजन बाजहिं दसरथ के गृह हो । | ||
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करि सिँगार अति लोन तो बिहसति आई हो।। | करि सिँगार अति लोन तो बिहसति आई हो।। | ||
कनक-चुनिन सों लसित नहरनी लिये कर हो। | कनक-चुनिन सों लसित नहरनी लिये कर हो। | ||
आनँद हिय न समाइ देखि रामहि बर हो | आनँद हिय न समाइ देखि रामहि बर हो ।।1०।। | ||
काने कनक तरीवन, बेसरि सोहइ हो। | काने कनक तरीवन, बेसरि सोहइ हो। | ||
गजमुकुता कर हार कंठमनि मोहइ हो।। | गजमुकुता कर हार कंठमनि मोहइ हो।। | ||
कर कंचन, कटि किंकिन, नूपुर बाजइ हो। | कर कंचन, कटि किंकिन, नूपुर बाजइ हो। | ||
रानी कै दीन्हीं सारी तौ अधिक बिराजइ हो | रानी कै दीन्हीं सारी तौ अधिक बिराजइ हो ।।11।। | ||
काहे रामजिउ साँवर, लछिमन गोर हो। | काहे रामजिउ साँवर, लछिमन गोर हो। | ||
कीदहुँ रानि कौसलहि परिगा भोर हो।। | कीदहुँ रानि कौसलहि परिगा भोर हो।। | ||
राम अहहिं दसरथ कै लछिमन आन क हो। | राम अहहिं दसरथ कै लछिमन आन क हो। | ||
भरत सत्रुहन भाइ तौ श्रीरघुनाथ क हो | भरत सत्रुहन भाइ तौ श्रीरघुनाथ क हो ।।1२।। | ||
आजु अवधपुर आनँद नहछू राम क हो। | आजु अवधपुर आनँद नहछू राम क हो। | ||
चलहू नयन भरि देखिय सोभा धाम क हो।। | चलहू नयन भरि देखिय सोभा धाम क हो।। | ||
अति बड़भाग नउनियाँ छुऐ नख हाथ सों हों | अति बड़भाग नउनियाँ छुऐ नख हाथ सों हों | ||
नैनन्ह करति गुमान तौ श्रीरघुनाथ सों हो | नैनन्ह करति गुमान तौ श्रीरघुनाथ सों हो ।।1३।। | ||
जो पगु नाउनि धोवइ राम धोवावइँ हो। | जो पगु नाउनि धोवइ राम धोवावइँ हो। | ||
सो पगधूरि सिद्ध मुनि दरसन पावइ हो।। | सो पगधूरि सिद्ध मुनि दरसन पावइ हो।। | ||
अतिसय पुहुप क माल राम-उर सोहइ हो।। | अतिसय पुहुप क माल राम-उर सोहइ हो।। | ||
तिरछी चितिवनि आनँद मुनिमुख जोहइ हो | तिरछी चितिवनि आनँद मुनिमुख जोहइ हो ।।1४।। | ||
नख काटत मुसुकाहिं बरनि नहिं जातहि हो। | नख काटत मुसुकाहिं बरनि नहिं जातहि हो। | ||
पदुम-पराग-मनिमानहुँ कोमल गातहि हो।। | पदुम-पराग-मनिमानहुँ कोमल गातहि हो।। | ||
जावक रचि क अँगुरियन्ह मृदुल सुठारी हो। | जावक रचि क अँगुरियन्ह मृदुल सुठारी हो। | ||
प्रभू कर चरन पछालि तौ अनि सुकुमारी हो | प्रभू कर चरन पछालि तौ अनि सुकुमारी हो ।।1५।। | ||
भइ निवछावरि बहु बिधि जो जस लायक़ हो । | भइ निवछावरि बहु बिधि जो जस लायक़ हो । | ||
तुलसिदास बलि जाउँ देखि रघुनायक हो।। | तुलसिदास बलि जाउँ देखि रघुनायक हो।। | ||
राजन दीन्हे हाथी, रानिन्ह हार हो। | राजन दीन्हे हाथी, रानिन्ह हार हो। | ||
भरि गे रतनपदारथ सूप हज़ार हो | भरि गे रतनपदारथ सूप हज़ार हो ।।1६।। | ||
भरि गाड़ी निवछावरि नाऊ लेइ आवइ हो। | भरि गाड़ी निवछावरि नाऊ लेइ आवइ हो। | ||
परिजन करहिं निहाल असीसत आवइ हो।। | परिजन करहिं निहाल असीसत आवइ हो।। | ||
तापर करहिं सुमौज बहुत दुख खोवहिँ हो। | तापर करहिं सुमौज बहुत दुख खोवहिँ हो। | ||
होइ सुखी सब लोग अधिक सुख सोवहिं हो | होइ सुखी सब लोग अधिक सुख सोवहिं हो ।।1७।। | ||
गावहिं सब रनिवास देहिं प्रभु गारी हो। | गावहिं सब रनिवास देहिं प्रभु गारी हो। | ||
रामलला सकुचाहिं देखि महतारी हो।। | रामलला सकुचाहिं देखि महतारी हो।। | ||
हिलिमिलि करत सवाँग सभा रसकेलि हो। | हिलिमिलि करत सवाँग सभा रसकेलि हो। | ||
नाउनि मन हरषाइ सुगंधन मेलि हो | नाउनि मन हरषाइ सुगंधन मेलि हो ।।1८।। | ||
दूलह कै महतारि देखि मन हरषइ हो। | दूलह कै महतारि देखि मन हरषइ हो। | ||
कोटिन्ह दीन्हेउ दान मेघ जनु बरखइ हो।। | कोटिन्ह दीन्हेउ दान मेघ जनु बरखइ हो।। | ||
रामलला कर नहछू अति सुख गाइय हो। | रामलला कर नहछू अति सुख गाइय हो। | ||
जेहि गाये सिधि होइ परम निधि पाइय हो | जेहि गाये सिधि होइ परम निधि पाइय हो ।।1९।। | ||
दसरथ राउ सिंहसान बैठि बिराजहिं हो। | दसरथ राउ सिंहसान बैठि बिराजहिं हो। |
09:48, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण
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आदि सारदा गनपति गौरि मनाइय हो। |
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