"रामलला नहछू -तुलसीदास": अवतरणों में अंतर
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जाकी ओर बिलोकहि मन तेहि साथहि हो।। | जाकी ओर बिलोकहि मन तेहि साथहि हो।। | ||
दरजिनि गोरे गात लिहे कर जोरा हो। | दरजिनि गोरे गात लिहे कर जोरा हो। | ||
केसरि परम लगाइ सुगंधन बोरा हो | केसरि परम लगाइ सुगंधन बोरा हो ।।6।। | ||
मोचिनि बदन-सकोचिनि हीरा माँगन हो। | मोचिनि बदन-सकोचिनि हीरा माँगन हो। | ||
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तुलसिदास बलि जाउँ देखि रघुनायक हो।। | तुलसिदास बलि जाउँ देखि रघुनायक हो।। | ||
राजन दीन्हे हाथी, रानिन्ह हार हो। | राजन दीन्हे हाथी, रानिन्ह हार हो। | ||
भरि गे रतनपदारथ सूप हज़ार हो | भरि गे रतनपदारथ सूप हज़ार हो ।।16।। | ||
भरि गाड़ी निवछावरि नाऊ लेइ आवइ हो। | भरि गाड़ी निवछावरि नाऊ लेइ आवइ हो। |
11:29, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण
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आदि सारदा गनपति गौरि मनाइय हो। |
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