"रामलला नहछू -तुलसीदास": अवतरणों में अंतर
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पनहि लिहे कर सोभित सुंदर आँगन हो।। | पनहि लिहे कर सोभित सुंदर आँगन हो।। | ||
बतिया कै सुधरि मलिनिया सुंदर गातहि हो। | बतिया कै सुधरि मलिनिया सुंदर गातहि हो। | ||
कनक रतनमनि मौरा लिहे मुसुकातहि | कनक रतनमनि मौरा लिहे मुसुकातहि हो।।7।। | ||
कटि कै छीन बरिनिआँ छाता पानिहि हो। | कटि कै छीन बरिनिआँ छाता पानिहि हो। | ||
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परिजन करहिं निहाल असीसत आवइ हो।। | परिजन करहिं निहाल असीसत आवइ हो।। | ||
तापर करहिं सुमौज बहुत दुख खोवहिँ हो। | तापर करहिं सुमौज बहुत दुख खोवहिँ हो। | ||
होइ सुखी सब लोग अधिक सुख सोवहिं हो | होइ सुखी सब लोग अधिक सुख सोवहिं हो ।।17।। | ||
गावहिं सब रनिवास देहिं प्रभु गारी हो। | गावहिं सब रनिवास देहिं प्रभु गारी हो। |
11:32, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण
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आदि सारदा गनपति गौरि मनाइय हो। |
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