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'''रोहण''' [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] धार्मिक [[ग्रन्थ]] '[[महावंश]]'<ref>महावंश 22,6; 23,13</ref> में उल्लिखित [[श्रीलंका|लंका]] का दक्षिणी और दक्षिणी पूर्वी भाग था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=804|url=}}</ref> 'हूवाचकण्णिका' इसी का एक भाग था। यहीं 'चूलनाग पर्वत' नामक एक [[बौद्ध विहार]] स्थित था।<ref>[[महावंश]], 34-90</ref>
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रोहण श्रीलंका (सिंहलद्वीप) के इतिहास ग्रन्थ 'महावंश'[1] में उल्लिखित लंका का दक्षिणी और दक्षिणी पूर्वी भाग था।[2] 'हूवाचकण्णिका' इसी का एक भाग था। यहीं 'चूलनाग पर्वत' नामक एक बौद्ध विहार स्थित था।[3]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महावंश 22,6; 23,13
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 804 |
  3. महावंश, 34-90

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