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अर्थ - अस्वस्थता, रुग्णता आदि के कारण मुँह का स्वाद बिगड़ना; बढ़िया-बढ़िया और चटपटी चीज़ें खाने का चस्का पड़ना।
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अर्थ - बिना समझे-बुझे और बिना छोटे-बड़े का ख़्याल किए अशिष्टता या उद्दंडतापूर्वक बातें करना।
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अर्थ - कुछ कहते-कहते रुक जाना, किसी को कुछ कहने से रोकना।
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13:32, 16 नवम्बर 2015 का अवतरण

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कहावत लोकोक्ति मुहावरे अर्थ

1- जो बोये गेहूं पांच पसेरी, मटर के बीघा तीन सेर,
बोये चना पसेरी तीन, सेर तीन जुबारी कीन्ह,
दो सेर मेथी अरहर माल, डेढ सेर बीघा बीज कपास,
पांच पसेरी बीघा धान, खूब उपज भर कोटिला धान।

अर्थ - एक बीघा में पांच सेर गेहूं, मटर तीन सेर, चना तीन पसेरी, ज्वार तीन सेर, अरहर और उड़द दो दो सेर बोना चाहिए। डेढ़ सेर कपास और धान पांच पसेरी बोया जाए तो अनाज की इतनी उपज होगी कि आपके भंडार भर जायेंगे।

2- जो हल जोतै खेती वाकी, और नहीं तो जाकी ताकी।

अर्थ - खेती उसी की अच्छी होती है जो खुद जुताई करता है।

3- जब बरखा चित्रा में होय। सगरी खेती जावै खोय।।

अर्थ - चित्रा नक्षत्र की वर्षा प्राय: सारी खेती नष्ट कर देती है।

4- जो बरसे पुनर्वसु स्वाती। चरखा चलै न बोलै तांती।।

अर्थ - पुनर्वसु और स्वाति नक्षत्र की बारिश से किसान सुखी रहते हैं, उन्हें और तांत(चरखा) चलाकर जीवन निर्वाह करने की ज़रूरत नहीं पड़ती।

5- जो कहुं मग्घा बरसै जल। सब नाजों में होगा फल।।

अर्थ - मघा नक्षत्र में पानी बरसने से सब अनाज अच्छी तरह पैदा होते हैं।

6- जब बरसेगा उत्तरा। नाज न खावै कुत्तरा।।

अर्थ - यदि उत्तरा नक्षत्र बरसेगा तो अन्न इतना अधिक होगा कि उसे कुत्ते भी नहीं खाएंगे।

7- जंगल में मोर नाचा किसने देखा।

अर्थ - ऐसे स्थान पर गुण प्रदर्शन न करें जहाँ कद्र न हो।

8- जड़ काटते जाएं, पानी देते जाएं।

अर्थ - भीतर से शत्रु ऊपर से मित्र।

9- जने–जने की लकड़ी, एक जने का बोझ।

अर्थ - सबसे थोड़ा-थोड़ा मिले तो काम पूरा हो जाता है।

10- जब चने थे दाँत न थे, जब दाँत भये तब चने नहीं।

अर्थ - कभी वस्तु है तो उसका भोग करने वाला नहीं और कभी भोग करने वाला है तो वस्तु नहीं।।

11- जब तक जीना तब तक सीना।

अर्थ - जीते-जी कोई न कोई काम करना पड़ता है।

12- जब तक साँस तब तक आस।

अर्थ - अंत समय तक उम्मीद बनी रहती है।

13- ज़बरदस्ती का ठेंगा सिर पर।

अर्थ - ज़बरदस्ती आदमी दबाव डाल कर काम लेता है ।

14- जबरा मारे रोने न दे।

अर्थ - ज़बरदस्त आदमी का अत्याचार चुपचाप सहना पड़ता है।

15- ज़बान को लगाम चाहिए।

अर्थ - सोच-समझकर बोलना चाहिए।

16- ज़बान ही हाथी चढ़ाए, ज़बान ही सिर कटाए।

अर्थ - मीठी बोली से आदर और कड़वी बोली से निरादर होता है।

17- ज़र का ज़ोर पूरा है, और सब अधूरा है।

अर्थ - धन सबसे बलवान है।

18- ज़र है तो नर, नहीं तो खंडहर।

अर्थ - पैसे से ही आदमी का सम्मान है।

19- जल में रहकर मगर से बैर।

अर्थ - जहाँ रहना हो वहाँ के मुखिया से बैर ठीक नहीं होता ।

20- जस दूल्हा तस बनी बराता।

अर्थ - जैसे आप वैसे साथी।

21- जहं जहं चरण पड़े संतन के, तहं तहं बंटाधार।

अर्थ - अभागा व्यक्ति जहाँ जाता है, बुरा होता है।

22- जहाँ गुड़ होगा, वहीं मक्खियाँ होंगी।

अर्थ - आकर्षक जगह पर लोग जमा होते हैं।

23- जहाँ चार बासन होगें, वहाँ खटकेगें भी।

अर्थ - जहाँ कुछ व्यक्ति होते है वहाँ कभी-कभी झगड़ा हो ही जाता है।

24- जहाँ चाह वहाँ राह।

अर्थ - इच्छा हो तो काम करने का रास्ता निकल ही आता है।

25- जहाँ देखे तवा परात, वहीं गुजारी सारी रात।

अर्थ - जहाँ कुछ प्राप्ति होती हो, वहाँ लालची आदमी जम जाता है।

26- जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि।

अर्थ - कवि अपनी कल्पना से सब जगह पहुँच जाता है।

27- जहाँ फूल वहाँ काँटा।

अर्थ - अच्छाई के साथ बुराई भी लगी होती है।

28- जहाँ मुर्गा नहीं होता क्या वहाँ सवेरा नहीं होता।

अर्थ - किसी के बिना काम रुकता नहीं है।

29- जाके पैर न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई।

अर्थ - दु:ख को भुक्ता भोगी ही जानता है उसे अन्य कोई नहीं जान सकता है।

30- जागेगा सो पावेगा,सोवेगा सो खोएगा।

अर्थ - लाभ इसमें है कि आदमी सतर्क रहे।

31- जादू वह जो सिर पर चढ़कर बोले।

अर्थ - असरदार आदमी की बात माननी ही पड़ती है।

32- जान मारे बनिया पहचान मारे चोर।

अर्थ - बनिया और चोर जान पहचान वालों को भी ठगते हैं।

33- जाएं लाख, रहे साख।

अर्थ - धन भले ही चला जाए, इज्जत बचनी चाहिए।

34- जितना गुड़ डालो, उतना ही मीठा।

अर्थ - जितना खर्चा करोगे चीज़ उतनी ही अच्छी मिलेगी।

35- जितनी चादर देखो, उतने ही पैर पसारो।

अर्थ - आमदनी के हिसाब से खर्च करो।

36- जितने मुँह उतनी बातें।

अर्थ - अनेक प्रकार की अफवाहें।

37- जिन खोजा तिन पाइयाँ, गहरे पानी पैंठ।

अर्थ - जितना कठिन परिश्रम उतना ही लाभ होता है।

38- जिस तन लगे वही तन जाने।

अर्थ - जिसको कष्ट होता है वही उसका अनुभव कर सकता है।

39- जिस थाली में खाना, उसी में छेद करना।

अर्थ - जो उपकार करे, उसका ही अहित करना।

40- जिसका काम उसी को साजै।

अर्थ - जो काम जिसका है वही उसे भली प्रकार से कर सकता है।

41- जिसका खाइए उसका गाइए।

अर्थ - जिससे लाभ हो उसी का पक्ष लो।

42- जिसकी जूती उसी के सिर।

अर्थ - जिसकी करनी उसी को फल मिलता है।

43- जिसकी लाठी उसी की भैंस।

अर्थ - शक्ति संपन्न आदमी का रौब चलता है और वह अपना काम बना लेता है।

44- जिसके ह‍ाथ डोई, उसका सब कोई।

अर्थ - धनी आदमी के सब मित्र हैं।

45- जिसको पिया चाहे, वहीं सुहागिन।

अर्थ - जिसको अफ़सर माने,वहीं योग्य है।

46- जी का बैरी जी।

अर्थ - मनुष्य ही मनुष्य का शत्रु है।

47- जीभ भी जली और स्वाद भी न आया।

अर्थ - कष्ट सहकर भी सुख न मिला।

48- जूँ के डर से गुदड़ी नहीं फेंकी जाती

अर्थ - थोड़ी सी कठिनाई के कारण कोई काम छोड़ा नहीं जाता।

49- जुठा खाए, मीठे के लालच।

अर्थ - लाभ के लालच में नीच काम करना।

50- जैसा करोगे वैसा भरोगे, जैसा बोओगे वैसा काटोगे।

अर्थ - अपनी करनी का फल मिलता है।

51- जैसा मुँह वैसा थप्पड़।

अर्थ - जो जिसके योग्य हो उसको वही मिलता है।

52- जैसा राजा वैसी प्रजा।

अर्थ - जैसा मालिक होता है वैसे ही कर्मचारी होते हैं।

53- जैसे तेरी कोमरी, वैसे मेरे गीत।

अर्थ - जैसा दोगे वैसा पाओगे।

54- जैसे कंता घर रहे वैसे रहे परदेश।

अर्थ - निकम्‍मा आदमी घर में रहे या बाहर कोई अंतर नहीं।

55- जैसे नागनाथ वैसे साँपनाथ।

अर्थ - सबका एक जैसा होना।

56- जैसे मियाँ काइ का वैसे सन की दाढ़ी।

अर्थ - ठीक मेल है।

57- जो गरजते हैं वो बरसते नहीं।

अर्थ - बहुत डींग हाँकने वाले काम के नहीं होते हैं।

58- जोगी का बेटा खेलेगा तो साँप से।

अर्थ - बाप का प्रभाव बेटे पर पड़ता है।

59- जो गुड़ खाए सो कान छिदवाए।

अर्थ - लाभ पाने वाले को कष्ट सहना ही पड़ता है।

60- जो तोको काँटा बुवे ताहि बोइ तू फूल।

अर्थ - बुराई का बदला भी भलाई से दो।

61- जो बोले सो घी को जाए।

अर्थ - ज़्यादा बोलना अच्छा नहीं होता।

62- जो हाँडी में होगा वह थाली में आएगा।

अर्थ - जो मन में है वह प्रकट होगा ही।

63- ज्यों-ज्यों भीजे कामरी त्यों -त्यों भारी होय

अर्थ - जैसे-जैसे समय बीतता है ज़िम्मेदारियाँ बढ़ती जाती हैं।

64- ज्यों नकटे को आरसी होत दिखाई क्रोध।

अर्थ - दोषी को उसका दोष बताया जाए तो क्रुद्ध होता है।

65- जो सुख चौबारे, न बखल न बुखारे।

अर्थ - अपना घर दूर से सूझता है।

66- जंगल में मंगल होना।

अर्थ - उजाड़ में चहल-पहल होना।

67- जड़ों में मट्ठा ड़ालना / तेल देना / जड़ खोदना / जड़ काटना।

अर्थ - समूल नष्ट करना।

68- ज़बान काट कर देना।

अर्थ - वादा करना।

69- ज़बान पर चढ़ना।

अर्थ - याद आना।

70- ज़बान पर लगाम न होना

अर्थ - बेमतलब बोलते जाना, मुँह में लगाम न होना।

71- ज़मीन आसमान एक करना।

अर्थ - सब उपाय कर डालना।

72- ज़मीन आसमान का फ़र्क़।

अर्थ - बहुत भारी अंतर होना।

73- ज़मीन पर पैर न रखना।

अर्थ - अकड़कर चलना, इतराना।

74- ज़मीन में गड़ना।

अर्थ - लज्जा से सिर नीचा होना।

75- जलती आग में घी डालना।

अर्थ - और भड़काना।

76- जली-कटी सुनाना।

अर्थ - बुरा-भला कहना।

77- ज़हर उगलना।

अर्थ - कड़वी बातें कहना।

78- ज़हर की पुडि़या।

अर्थ - झगड़ालू औरत।

79- ज़हाज का पंछी।

अर्थ - जिसका कोई ठिकाना नहीं हो।

80- जान के लाले पड़ना।

अर्थ - संकट में पड़ना।

81- जान पर खेलना।

अर्थ - जान की बाज़ी लगाना।

82- जान में जान आना।

अर्थ - चैन, सकून मिलना।

83- जान से हाथ धोना बैठना।

अर्थ - मारा जाना।

84- जान हथेली पर रखना।

अर्थ - जान की परवाह न करना।

85- जामे से बाहर होना।

अर्थ - अत्यधिक क्रुद्ध होना।

86- जी का जंजाल।

अर्थ - व्यर्थ का झंझट।

87- जी खट्टा होना।

अर्थ - विरक्ति होना।

88- जी चुराना।

अर्थ - काम करने से कतराना।

89- जीते जी मक्खी निगलना।

अर्थ - जी पर बन आना।

90- जी भर आना।

अर्थ - दु:खी होना।

91- जूतियों में दाल बाँटना।

अर्थ - लड़ाई- झगड़ा होना।

92- जूते चाटना।

अर्थ - चापलूसी करना।

93- जोड़-तोड़ करना।

अर्थ - उपाय करना।

94. जंग छेड़ना

अर्थ - लड़ाई शुरू कर देना।

95. जंग लगना

अर्थ - (व्यक्ति का) निस्तेज फलत: अकर्मण्य होना।

96. जंगल का क़ानून

अर्थ - ऐसा क़ानून जिसके पीछे बल और बर्बरता हो, जिससे न्याय न मिलने को हो।

97. जंगल जाना

अर्थ - शौच के लिए मैदान या खेत में जाना।

98. जंगल में मंगल होना

अर्थ - किसी ऐसे स्थान पर मेले का-सा दृश्य होना जिसके चारो ओर दूर दूर उजाड़ हो।

99. जंगल राज

अर्थ - न्यायविहीन समाज या शासन।

100. ज़ंजीर पहनाना

अर्थ - बंधन में जकड़ना।

101. जख़्म ताज़ा होना

अर्थ - किसी के द्वारा किये हुए अपकार या अहित की बात का स्मरण हो आना।

102. जख़्म पर नमक छिड़कना

अर्थ - ऐसा काम करना, जिससे दु:खी और भी अधिक दु:खी हो।

103. जख़्म भर जाना

अर्थ - घाव पुजना, कष्ट दूर होना।

104. जग जीतना

अर्थ - संसार को विजित कर लेना, बहुत बड़ा श्रेय प्राप्त कर लेना।

105. जड़ उखाड़ना

अर्थ - जड़ काटना।

106. जड़ काटना

अर्थ - ऐसा काम करना, जिससे किसी का अहित या विनाश हो।

107. जड़ खोदना

अर्थ - मूल कारण जानने का प्रयास करना।

108. जड़ जमाना

अर्थ - अपने आपको अच्छी तरह प्रतिष्ठापित करना।

109. जड़ देना

अर्थ - झूठ-मूठ की बात बनाकर कहना।

110. जड़ जमना

अर्थ - किसी भी जगह अथवा किसी क्षेत्र में अच्छी तरह स्थापित हो जाना।

111. जड़ बनना

अर्थ - मूल कारण बनना या होना।

112. जड़ मारना

अर्थ - निर्मूल करना, उखाड़ फेंकना।

113. जड़ पकड़ लेना

अर्थ - स्थायित्व प्राप्त करना।

114. जड़ से उखाड़ना

अर्थ - पूरी तरह से नष्ट करना जिससे कोई व्यक्ति या चीज जम या पनप न सके।

115. जड़ से मिटाना

अर्थ - पूरी तरह से नष्ट करन देना।

116. जड़ हिलाना

अर्थ - अशक्त या खोखला कर देना।

117. जड़ हो जाना

अर्थ - निर्जीव, निष्प्राण या निष्क्रिय हो जाना।

118. जड़ होना

अर्थ - मूल कारण होना।

119. जड़ें खोखली कर देना

अर्थ - आधार नष्ट कर देना।

120. जड़ों में तेल देना

अर्थ - समूल नाश करने का प्रयत्न करना या कुचक्र रचना।

121. जन्म जन्म का

अर्थ - पिछले अनेक जन्मों से चला आता हुआ, पिछले कई जन्मों का।

122. ज़बान का तेज़

अर्थ - बोलने में स्वभाव से उग्र।

123. ज़बान काटना

अर्थ - बोलने से रोकना।

124. जनम हारना

अर्थ - व्यर्थ सारा जीवन बिताना, जन्म भर किसी का दास होकर रहने की प्रतिज्ञा करना।

125. जनम गँवाना

अर्थ - व्यर्थ जीवन नष्ट करना।

126. ज़बान कैंची की तरह चलाना

अर्थ - बहुत बढ़-बढ़कर तीखी बातें करना।

127. ज़बान का शेर

अर्थ - बढ़-चढ़कर बातें करने वाला।

128. ज़बान का कड़ा

अर्थ - अप्रिय बातें कहने वाला।

129. ज़बान का झूठा

अर्थ - सदा झूठ बोलता रहने वाला।

130. ज़बान का कच्चा

अर्थ - झूठा व्यक्ति।

131. ज़बान को मुँह में रखना

अर्थ - चुप रहना या चुप हो जाना।

132. ज़बान ख़राब करना

अर्थ - मुँह से अपशब्द निकालना।

133. ज़बान खुलना

अर्थ - बहुत समय तक चुप रहने पर किसी का बोलना आरंभ कर देना।

134. ज़बान खोलना

अर्थ - दुस्साहसपूर्वक बात करना।

135. ज़बान खींचना

अर्थ - कोई अनुचित या विरुद्ध बात कहने-वाले को कठोर दंड देना जिससे पुन: वह ऐसी बात मुँह से न निकाल सके।

136. ज़बान को फ़ालिज मार जाना

अर्थ - मुँह से कोई बात न निकलना।

137. ज़बान चटोरी होना

अर्थ - ज़बान चटोरी होना

138. ज़बान घिस जाना

अर्थ - किसी से कोई बात कहते-कहते थक या हार जाना।

139. ज़बान गज़ भर की होना

अर्थ - बहुत बढ़-बढ़कर बोलना, अधिक बातूनी होना।

140. ज़बान चलना

अर्थ - बराबर कुछ कहते या बकते रहना।

141. ज़बान चलाना

अर्थ - जल्दी-जल्दी बातें कहना, बढ़-बढ़कर या उद्दंडतापूर्वक बातें करना।

142. ज़बान न खोलना

अर्थ - ज़बान न खोलना

143. ज़बान चलाने की रोटी खाना

अर्थ - केवल लोगों की ख़ुशामद करके जीवका उपार्जित करना।

144. ज़बान चूक जाना

अर्थ - मुँह से कुछ का कुछ निकल जाना।

145. ज़बान टूटना

अर्थ - छोटे बच्चे की ज़बान का ऐसी स्थिति में आना कि वह कठिन शब्दों या संयुक्त वर्णों का उच्चारण कर सके।

146. ज़बान डालना

अर्थ - किसी से किसी प्रकार की प्रार्थाना या याचना करना।

147. ज़बान तले ज़बान होना

अर्थ - दो तरह की बात कहना, पहले कही हुई बात से भिन्न बात रहना।

148. ज़बान तालू से लिपटना

अर्थ - मुँह से बात ही न निकलना।

149. ज़बान थामना

अर्थ - ज़बान पकड़ना, कहते हुए को कोई बात कहने से रोकना।

150. ज़बान देना

अर्थ - वादा करना, वचन देना।

151. ज़बान न थकना

अर्थ - बराबर कहते ही जाना, बोलते ही जाना।

152. ज़बान पर चढ़ना

अर्थ - कंठस्थ होना।

153. ज़बान पर ताला लगना

अर्थ - कुछ कह न पाना।

154. ज़बान पर आना

अर्थ - भूली हुई अथवा अवसर के अनुकूल कोई बात याद आना।

155. ज़बान पर धरा रहना

अर्थ - याद रहना।

156. ज़बान पर लाना

अर्थ - चर्चा करना या दूसरों से कहना।

157. ज़बान पर रखना

अर्थ - सदा स्मरण रखना, थोड़ी मात्रा में कोई चीज ज़बान पर रखकर उसका स्वाद जानना।

158. ज़बान पर मुहर लगा देना

अर्थ - कुछ न बोलने या कहने का दृढ़ निश्चय कर लेना।

159. ज़बान पर होना

अर्थ - स्मरण रहना, याद होना।

160. ज़बान फेरना

अर्थ - किसी का अनुरोध अस्वीकार करना।

161. ज़बान बंद करना

अर्थ - किसी को कुछ कहने से रोकना।

162. ज़बान बंद होना

अर्थ - कुछ न कहने को विशेषत: उत्तर न देने को विवश होना, बोलती बंद होना।

163. ज़बान बंदी करना

अर्थ - किसी की कही हुई बात को उसी के शब्दों में लिख देना।

164. ज़बान बदलना

अर्थ - कहकर मुकर जाना, वचन भंग करना।

165. ज़बान बिगड़ना

अर्थ - अस्वस्थता, रुग्णता आदि के कारण मुँह का स्वाद बिगड़ना; बढ़िया-बढ़िया और चटपटी चीज़ें खाने का चस्का पड़ना।

166. ज़बान मुँह में रखना

अर्थ - चुप रहना, न बोलना।

167. ज़बान में लगाम न होना

अर्थ - बिना समझे-बुझे और बिना छोटे-बड़े का ख़्याल किए अशिष्टता या उद्दंडतापूर्वक बातें करना।

168. ज़बान रोकना

अर्थ - कुछ कहते-कहते रुक जाना, किसी को कुछ कहने से रोकना।

169. ज़बान लड़ाना

अर्थ - बढ़-बढ़कर सवाल-जवाब करना।

170. ज़बान लेना

अर्थ - वचन लेना।