ज़बान रोकना

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ज़बान रोकना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ-

  1. कुछ कहते-कहते रुक जाना।
  2. किसी को कुछ कहने से रोकना।


प्रयोग -

  1. दीपक बहुत कुछ बोले जा रहा था, पर न जाने क्यों अचानक से उसने अपनी 'ज़बान रोक' ली।
  2. राकेश ने सबके रहस्य खोलने शुरू किये ही थे कि अमर ने उसकी 'ज़बान रोक' दी।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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