"किशनगढ़": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (Text replacement - "khoj.bharatdiscovery.org" to "bharatkhoj.org")
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
'''किशनगढ़''' मध्य [[राजस्थान]], पश्चिमोत्तर [[भारत]] में स्थित है। यह [[जयपुर]] के दक्षिण में 80 किलोमीटर दूर गुंडालाओ झील के किनारे अवस्थित है। [[अंग्रेज़]] शासन-काल में यह 858 वर्ग मील की एक देशी रियासत हुआ करता था। [[भारत]] की आज़ादी के बाद देशी रियासतों के विलयन के बाद यह [[अजमेर ज़िला|अजमेर ज़िले]] की एक तहसील बन गया। 'भारतीय चित्रकला' के इतिहास में [[राजस्थानी चित्रकला]] की एक विशिष्ट शैली, जो 'किशनगढ़ शैली' के नाम से प्रसिद्ध है, को जन्म देने का गौरव इसे प्राप्त है।
'''किशनगढ़''' मध्य [[राजस्थान]], पश्चिमोत्तर [[भारत]] में स्थित है। यह [[जयपुर]] के दक्षिण में 80 किलोमीटर दूर गुंडालाओ झील के किनारे अवस्थित है। [[अंग्रेज़]] शासन-काल में यह 858 वर्ग मील की एक देशी रियासत हुआ करता था। [[भारत]] की आज़ादी के बाद देशी रियासतों के विलयन के बाद यह [[अजमेर ज़िला|अजमेर ज़िले]] की एक तहसील बन गया। 'भारतीय चित्रकला' के इतिहास में [[राजस्थानी चित्रकला]] की एक विशिष्ट शैली, जो 'किशनगढ़ शैली' के नाम से प्रसिद्ध है, को जन्म देने का गौरव इसे प्राप्त है।
==इतिहास==
==इतिहास==
किशनगढ़ नगर की स्थापना 1611 ई. में [[जोधपुर]] नरेश उदयसिंह के पुत्र किशनसिंह ने की थी। बड़े भाई से अनबन हो जाने के कारण किशनसिंह [[अजमेर]] चले आए और अपनी सेवाओं से [[मुग़ल]] [[अकबर|बादशाह अकबर]] और [[जहाँगीर]] को प्रसन्न किया। जहाँगीर ने उन्हें 'महाराजा' की उपाधि और कुछ जागीर प्रदान कीं। उसी जागीर पर किशनगढ़ की स्थापना हुई, जो [[1948]] ई. में [[राजस्थान]] का हिस्सा बना।<ref>{{cite web |url=http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A4%A8%E0%A4%97%E0%A4%A2%E0%A4%BC|title=किशनगढ़|accessmonthday=19 मार्च|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
किशनगढ़ नगर की स्थापना 1611 ई. में [[जोधपुर]] नरेश उदयसिंह के पुत्र किशनसिंह ने की थी। बड़े भाई से अनबन हो जाने के कारण किशनसिंह [[अजमेर]] चले आए और अपनी सेवाओं से [[मुग़ल]] [[अकबर|बादशाह अकबर]] और [[जहाँगीर]] को प्रसन्न किया। जहाँगीर ने उन्हें 'महाराजा' की उपाधि और कुछ जागीर प्रदान कीं। उसी जागीर पर किशनगढ़ की स्थापना हुई, जो [[1948]] ई. में [[राजस्थान]] का हिस्सा बना।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A4%A8%E0%A4%97%E0%A4%A2%E0%A4%BC|title=किशनगढ़|accessmonthday=19 मार्च|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
====भौगोलिक स्थिति====
====भौगोलिक स्थिति====
किशनगढ़ [[अजमेर]] से रेल द्वारा 18 मील उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यह 36.34 उत्तरी अक्षांश तथा 74. 53 पूर्व देशांतर पर स्थित है। लगभग एक वर्ग मील क्षेत्र में फैले हुए गुंडलाव झील के तट पर स्थित इस नगर तथा क़िले का दृश्य अत्यंत मनोहर है। नगर के पास ही मदनगंज नामक एक उपनगर विकसित हुआ है।
किशनगढ़ [[अजमेर]] से रेल द्वारा 18 मील उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यह 36.34 उत्तरी अक्षांश तथा 74. 53 पूर्व देशांतर पर स्थित है। लगभग एक वर्ग मील क्षेत्र में फैले हुए गुंडलाव झील के तट पर स्थित इस नगर तथा क़िले का दृश्य अत्यंत मनोहर है। नगर के पास ही मदनगंज नामक एक उपनगर विकसित हुआ है।

12:25, 25 अक्टूबर 2017 का अवतरण

किशनगढ़ क़िला

किशनगढ़ मध्य राजस्थान, पश्चिमोत्तर भारत में स्थित है। यह जयपुर के दक्षिण में 80 किलोमीटर दूर गुंडालाओ झील के किनारे अवस्थित है। अंग्रेज़ शासन-काल में यह 858 वर्ग मील की एक देशी रियासत हुआ करता था। भारत की आज़ादी के बाद देशी रियासतों के विलयन के बाद यह अजमेर ज़िले की एक तहसील बन गया। 'भारतीय चित्रकला' के इतिहास में राजस्थानी चित्रकला की एक विशिष्ट शैली, जो 'किशनगढ़ शैली' के नाम से प्रसिद्ध है, को जन्म देने का गौरव इसे प्राप्त है।

इतिहास

किशनगढ़ नगर की स्थापना 1611 ई. में जोधपुर नरेश उदयसिंह के पुत्र किशनसिंह ने की थी। बड़े भाई से अनबन हो जाने के कारण किशनसिंह अजमेर चले आए और अपनी सेवाओं से मुग़ल बादशाह अकबर और जहाँगीर को प्रसन्न किया। जहाँगीर ने उन्हें 'महाराजा' की उपाधि और कुछ जागीर प्रदान कीं। उसी जागीर पर किशनगढ़ की स्थापना हुई, जो 1948 ई. में राजस्थान का हिस्सा बना।[1]

भौगोलिक स्थिति

किशनगढ़ अजमेर से रेल द्वारा 18 मील उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यह 36.34 उत्तरी अक्षांश तथा 74. 53 पूर्व देशांतर पर स्थित है। लगभग एक वर्ग मील क्षेत्र में फैले हुए गुंडलाव झील के तट पर स्थित इस नगर तथा क़िले का दृश्य अत्यंत मनोहर है। नगर के पास ही मदनगंज नामक एक उपनगर विकसित हुआ है।

पारंपरिक दरवाज़ा, किशनगढ़, राजस्थान

यातायात और परिवहन

सूती वस्त्रकृषि उत्पादों का व्यापार केंद्र किशनगढ़ अजमेर, जयपुर के साथ सड़क व रेलमार्ग से जुड़ा है।

उद्योग और व्यापार

यहाँ पर साबुन, ऊनी कालीन और शॉल बनाए जाते हैं। हथकरघा बुनाई, कपडे की रंगाई और कीमती पत्थरों की कटाई यहाँ के स्थानीय कुटीर उद्योग हैं। कपड़े की बुनाई तथा कपड़े एवं गल्ले का निर्यात यहाँ के प्रमुख धंधे हैं। नगर के पास ही संगमरमर, आबलु पत्थर तथा अभ्रक की खदानें हैं।

शिक्षण संस्थान

किशनगढ़ की सार्वजनिक इमारतों में एक अस्पताल और 'राजस्थान विश्वविद्यालय' से संबद्ध एक सरकारी महाविद्यालय है।

जनसंख्या

वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार किशनगढ़ की जनसंख्या 1,16,156 है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. किशनगढ़ (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 19 मार्च, 2014।

संबंधित लेख