"अमर पर्वत": अवतरणों में अंतर

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:'कृत्स्नं पंचनदं चैव तथैवामरपर्वतम्, उत्त्रज्योतिषं चैव तथा दिव्यकंट पुरम्-द्वारपालं च तरसा वशेचक्रे महाद्युति:'<ref>[[महाभारत]] [[सभा पर्व महाभारत|सभापर्व]]  32, 11-12</ref>
:'कृत्स्नं पंचनदं चैव तथैवामरपर्वतम्, उत्त्रज्योतिषं चैव तथा दिव्यकंट पुरम्-द्वारपालं च तरसा वशेचक्रे महाद्युति:'<ref>[[महाभारत]] [[सभा पर्व महाभारत|सभापर्व]]  32, 11-12</ref>
*[[नकुल]] ने अपनी पश्चिम दिशा की विजय-यात्रा के प्रसंग में अमर पर्वत को विजित किया था।  
*[[नकुल]] ने अपनी [[पश्चिम दिशा]] की विजय-यात्रा के प्रसंग में '''अमर पर्वत''' को विजित किया था।  
*प्रसंग से यह [[पंजाब]] का कोई पर्वत जान पड़ता है।  
*प्रसंग से यह [[पंजाब]] का कोई [[पर्वत]] जान पड़ता है।  
*संभव है [[अमरनाथ]] को ही इस उद्धरण में अमरपर्वत कहा गया हो।  
*संभव है [[अमरनाथ]] को ही इस उद्धरण में अमरपर्वत कहा गया हो।  


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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 31| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
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13:02, 29 अप्रैल 2018 का अवतरण

'कृत्स्नं पंचनदं चैव तथैवामरपर्वतम्, उत्त्रज्योतिषं चैव तथा दिव्यकंट पुरम्-द्वारपालं च तरसा वशेचक्रे महाद्युति:'[1]
  • नकुल ने अपनी पश्चिम दिशा की विजय-यात्रा के प्रसंग में अमर पर्वत को विजित किया था।
  • प्रसंग से यह पंजाब का कोई पर्वत जान पड़ता है।
  • संभव है अमरनाथ को ही इस उद्धरण में अमरपर्वत कहा गया हो।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 31| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

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