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06:50, 13 सितम्बर 2025 का अवतरण

सी.पी. राधाकृष्णन
सी.पी. राधाकृष्णन
सी.पी. राधाकृष्णन
पूरा नाम चंद्रपुरम पोनुस्वामी राधाकृष्णन
जन्म 4 मई, 1957
जन्म भूमि ग्राम तिरुप्पुर, तमिलनाडु
अभिभावक माता- के. जानकी

पिता- सी.के. पोन्नुसामी

पति/पत्नी आर. सुमति
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी भारतीय जनसंघ (1974)

भाजपा (1980-अब तक

पद 15वें उपराष्ट्रपति, भारत- 11 सितम्बर, 2025 से पदस्थ

सांसद, कोयंबटूर- 1998 - 22 मई, 2004
राज्यपाल, झारखण्ड- 18 फरवरी 2023, तेलंगाना- 19 मार्च 2024,महाराष्ट्र-31 जुलाई 2024 से पदस्थ

शिक्षा स्नातक, बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
विद्यालय वी. ओ. चिदंबरम कॉलेज, थूथुकुडी, तमिलनाडु
संबंधित लेख राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति
चुनाव क्षेत्र कोयंबटूर
पूर्वाधिकारी जगदीप धनखड़
अन्य जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में शुरुआत करने के बाद, वे 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने। कोयंबटूर से सी.पी. राधाकृष्णन 19982004 तक भाजपा से सांसद रहे।
अद्यतन‎

सी.पी. राधाकृष्णन ( (अंग्रेज़ी: C.P. Radhakrishnan, जन्म- 4 मई, 1957, तिरुप्पुर, तमिलनाडु) एन.डी.ए. के प्रमुख नेताओं में गिने जाते हैं। उन्हें दक्षिण भारत में भाजपा की पकड़ मजबूत बनाने के लिए भी जाना जाता है। उनका का पूरा नाम चंद्रपुरम पोनुस्वामी राधाकृष्णन है। वह वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। इससे पहले वह झारखंड, तेलंगाना और पुडुचेरी के भी राज्यपाल रह चुके हैं। चार दशकों से अधिक के अनुभव के साथ, श्री राधाकृष्णन तमिलनाडु की राजनीति और सार्वजनिक जीवन में एक सम्मानित नाम हैं। राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी से गहराई से जुड़े रहे राधाकृष्‍णन के पास लंबा राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव है जो उन्‍हें राज्‍यसभा के पदेन सभापति की भूमिका निभाने में सहायक सिद्ध होगा। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को 9 सितंबर 2025 को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया। 

परिचय

4 मई, 1957 को तिरुप्पुर, तमिलनाडु में उनके पिता सी.के. पोन्नुसामी और उनकी मां के. जानकी के घर हुआ था। अपनी युवावस्था में वह टेबल टेनिस में कॉलेज चैंपियन थे। तमिलनाडु के थूथुकुडी में वी. ओ. चिदंबरम कॉलेज से बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए) की डिग्री प्राप्त की। 25 नवंबर 1985 को, राधाकृष्णन ने आर. सुमति से विवाह किया। उनके दो बच्चे हैं। वह लायंस क्लब इंटरनेशनल के सदस्य हैं और क्रिकेट, वॉलीबॉल और लंबी दूरी की दौड़ खेलना पसंद करते हैं। श्री राधाकृष्णन एक उत्साही खिलाड़ी थे और कॉलेज स्तर पर टेबल टेनिस में चैंपियन और लंबी दूरी के धावक भी थे। उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल का भी शौक था।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

सी.पी. राधाकृष्णन ने सिर्फ 16 वर्ष की आयु से ही अपने कैरियर की शुरुआत कर ली थी। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) ज्वाइन किया। इसके बाद वह जनसंघ से भी जुड़े। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में शुरुआत करने के बाद, वे 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने।

राजनीतिक

1974 में वे जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य चुने गए। 1980 में भाजपा की स्थापना के बाद वे भाजपा में शामिल हो गए और अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी बन गए । 1996 में, श्री राधाकृष्णन को तमिलनाडु भाजपा का सचिव नियुक्त किया गया। सांसद रहते हुए वे संसदीय स्थायी समिति, कपड़ा मंत्रालय के अध्यक्ष रहे। इसके अतिरिक्त सी पी राधाकृष्णन स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच के लिए बनी विशेष संसदीय समिति के सदस्य थे।

1998 में वे पहली बार कोयंबटूर से लोकसभा के लिए चुने गए। 1998 में, राधाकृष्णन कोयंबटूर का प्रतिनिधित्व करते हुए लोकसभा के लिए चुने गए; उन्होंने डी.एम.के. के मौजूदा सांसद 'एम. रामनाथन' को हराया। वह तमिलनाडु में 'एआईएडीएमके' के साथ पार्टी के गठबंधन के बाद जीतने वाले तीन भाजपा उम्मीदवारों में से एक थे, जो भाजपा के लिए पहला था। संसद के लिए उनका चुनाव 1998 के कोयंबटूर बम विस्फोटों के बाद हुआ था । उन्होंने 1998 में 150,000 से अधिक मतों के अंतर से और 1999 के चुनावों में 55,000 के अंतर से जीत हासिल की। 1999 में वे पुनः लोकसभा के लिए चुने गए। वह भाजपा के राज्य नेताओं में से थे, जिन्होंने 2004 में 'द्रविड़ मुनेत्र कड़गम' द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाले 'राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन' (एनडीए) के साथ अपने संबंधों को समाप्त करने के बाद एआईएडीएमके के साथ गठबंधन बनाने पर काम किया था।

सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कपड़ा संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) संबंधी संसदीय समिति और वित्त संबंधी परामर्शदात्री समिति के सदस्य भी रहे।

वह संयुक्त राष्ट्र में संसदीय प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा थे , जिन्होंने 20 अक्टूबर 2003 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 58वें सत्र को संबोधित किया था। उन्होंने मानवीय और आपदा राहत सहायता के समन्वय को मजबूत करने की बात कही थी। भारतीय संसद में उनका कार्यकाल 2004 के आम चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के के. सुब्बारायन से हारने के बाद समाप्त हो गया था। वह 1998 से 2004 तक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के लिए संसदीय समिति के सदस्य और वित्त के लिए संसदीय सलाहकार समिति के सदस्य रहे।

वे 2004 से 2006 तक भारतीय जनता पार्टी, तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष रहे। अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने 93 दिनों की रथयात्रा की, जिसमें भारतीय नदियों को जोड़ने, अस्पृश्यता उन्मूलन और भारत में आतंकवाद के विरुद्ध अभियान चलाया गया। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने तमिलनाडु के सभी निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया और द्रमुक की आलोचना का सामना किया। वे 2000 के दशक में केरल में भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई के आयोजन में भी शामिल रहे। 2012 में, राधाकृष्णन को मेट्टुपालयम में एक आरएसएस कार्यकर्ता पर हमला करने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का विरोध करने पर अदालत में गिरफ़्तारी का सामना करना पड़ा।

2014 में उन्हें कोयंबटूर से भाजपा उम्मीदवार बनाया गया था, जहाँ उन्होंने 3,89,000 से ज़्यादा वोटों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया था; जो तमिलनाडु के भाजपा उम्मीदवारों में सबसे ज़्यादा था, और तमिलनाडु के सभी उम्मीदवारों में सबसे कम अंतर से हारे थे। 2016 में, श्री राधाकृष्णन को कोच्चि स्थित 'कॉयर बोर्ड' का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, और वे चार वर्षों तक इस पद पर रहे। उनके नेतृत्व में, भारत से कॉयर निर्यात 2532 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गया। 2019 के आम चुनाव में उन्हें एक बार फिर पार्टी का कोयंबटूर से उम्मीदवार बनाया गया। 2020 से 2022 तक, वे केरल भाजपा के अखिल भारतीय प्रभारी रहे।

राज्यपाल

12 फरवरी 2023 को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि राधाकृष्णन को रमेश बैस के उत्तराधिकारी के रूप में झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने 18 फरवरी को पदभार ग्रहण किया। अपने पहले चार महीनों के कार्यकाल में, उन्होंने झारखंड के सभी 24 जि़लों का दौरा किया और नागरिकों तथा जि़ला अधिकारियों से बातचीत की।

19 मार्च 2024 को 'तमिलिसाई सौंदरराजन' के इस्तीफे के बाद, उन्हें तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में अतिरिक्त जि़म्मेदारी दी गई।

सीपी राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के मुख्य न्यायाधीश की उपस्थिति में राज्यपाल पद की शपथ ली। 27 जुलाई 2024 को उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया। श्री चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने 31 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली। अपनी नियुक्ति से पहले, उन्होंने लगभग डेढ़ वर्ष तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। झारखंड के राज्यपाल के रूप में, श्री राधाकृष्णन को भारत के राष्ट्रपति द्वारा तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने के लिए नियुक्त किया गया था।

विदेश यात्रा

श्री राधाकृष्णन ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, पुर्तगाल, नॉर्वे, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, बेल्जियम, हॉलैंड, तुर्की, चीन, मलेशिया, सिंगापुर, ताइवान, थाईलैंड, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और जापान की यात्रा की है।

2025 उपराष्ट्रपति अभियान

17 अगस्त 2025 को जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव में राधाकृष्णन की उम्मीदवारी की घोषणा की। सीपी राधाकृष्णन दक्षिण भारत से आने वाले पहले ओबीसी नेता हैं, जिन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार चुना गया है। ऐसे में उन्हें उनके समर्थकों द्वारा अधिक समर्थन प्राप्त है। उन्हें एआईएडीएमके , जेडी(यू) , एनसीपी , टीडीपी , एसएस सहित सभी एनडीए सदस्य दलों और वाईएसआरसीपी जैसी गैर-सदस्य पार्टियों ने समर्थन दिया। वह 'भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन' (इंडिया) के उम्मीदवार 'बी. सुदर्शन रेड्डी' के खिलाफ चुनाव लड़ें। राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव 152 मतों के अंतर से जीता। एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन देश के अगले उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्हें कुल 452 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 मत मिले। वे इस पद पर आसीन होने वाले तमिलनाडु के तीसरे नेता होंगे। नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर अपने निर्वाचन को राष्ट्रवादी विचारधारा की जीत बताया है। उन्‍होंने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया है।  




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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

भारतीय राज्यों में पदस्थ राज्यपाल, उपराज्यपाल एवं प्रशासक
क्रमांक राज्य राज्यपाल/उपराज्यपाल चित्र कार्यकाल प्रारम्भ
1. आंध्र प्रदेश विश्व भूषण हरिचंदन
24 जुलाई, 2019
2. अरुणाचल प्रदेश बी. डी. मिश्रा
3 अक्टूबर, 2017
3. असम जगदीश मुखी
10 अक्टूबर, 2017
4. बिहार फागु चौहान
29 जुलाई, 2019
5. छत्तीसगढ़ अनुसुइया उइके
29 जुलाई, 2019
6. गोवा पी. एस. श्रीधरन पिल्लई
7 जुलाई, 2021
7. गुजरात आचार्य देवव्रत
22 जुलाई, 2019
8. हरियाणा बंडारू दत्तात्रेय
7 जुलाई, 2021
9. हिमाचल प्रदेश राजेन्द्र आर्लेकर
13 जुलाई, 2021
10. झारखण्ड रमेश बैस
14 जुलाई, 2021
11. कर्नाटक थावर चंद गहलोत
11 जुलाई, 2021
12. केरल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान
6 सितम्बर, 2019
13. मध्य प्रदेश मंगूभाई छगनभाई पटेल
6 जुलाई, 2021
14. महाराष्ट्र भगत सिंह कोश्यारी
5 सितम्बर, 2019
15. मणिपुर एल. गणेशन
27 अगस्त, 2021
16. मेघालय सत्यपाल मलिक
19 अगस्त, 2020
17. मिज़ोरम कंभमपति हरिबाबू
19 जुलाई, 2021
18. नागालैण्ड जगदीश मुखी
17 सितम्बर, 2021
19. ओडिशा गणेशी लाल
29 मई, 2018
20. पंजाब बनवारीलाल पुरोहित
31 अगस्त, 2021
21. राजस्थान कलराज मिश्र
9 सितम्बर, 2019
22. सिक्किम गंगा प्रसाद
26 अगस्त, 2018
23. तमिल नाडु रविन्द्र नारायण रवि
18 सितम्बर, 2021
24. तेलंगाना तमिलसाई सुंदरराजन
8 सितम्बर, 2019
25. त्रिपुरा सत्यदेव नारायण आर्य
7 जुलाई, 2021
26. उत्तर प्रदेश आनंदीबेन पटेल
29 जुलाई, 2019
27. उत्तराखण्ड गुरमीत सिंह
गुरमीत सिंह
गुरमीत सिंह
15 सितंबर, 2021
28. पश्चिम बंगाल जगदीप धनखड़
30 जुलाई, 2019
29. अंडमान-निकोबार देवेन्द्र कुमार जोशी
8 अक्टूबर, 2017
30, दिल्ली विनय कुमार सक्सैना
26 मई, 2022
31. जम्मू-कश्मीर मनोज सिन्हा
7 अगस्त, 2020
32. लद्दाख राधाकृष्ण माथुर
31 अक्टूबर, 2019
33. पुदुच्चेरी के उपराज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन
18 फ़रवरी, 2021
34. चंडीगढ़ बनवारीलाल पुरोहित
31 अगस्त, 2021
35. दमन एवं दीव प्रफुल खोदा पटेल
26 जनवरी, 2020
36. दादरा एवं नागर हवेली प्रफुल खोदा पटेल
26 जनवरी, 2020
37. लक्षद्वीप प्रफुल खोदा पटेल (अतिरिक्त प्रभार)
5 दिसम्बर, 2020