"चन्द्रानन्द वृत्ति": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==") |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
{{वैशेषिक दर्शन2}} | {{वैशेषिक दर्शन2}} | ||
{{वैशेषिक दर्शन}} | {{वैशेषिक दर्शन}} | ||
[[Category:दर्शन कोश]] | |||
[[Category: दर्शन कोश]] | |||
[[Category:वैशेषिक दर्शन]] | [[Category:वैशेषिक दर्शन]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
07:45, 19 सितम्बर 2010 का अवतरण
- चन्द्रानन्द द्वारा रचित वैशेषिक सूत्र व्याख्या चन्द्रानन्दवृत्ति के रूप में प्रचलित हुई।
- चन्द्रानन्द ने वैशेषिक सूत्र का जो पाठ अपनाया है, वह शंकरमिश्र स्वीकृत मिथिला विद्यापीठ के पाठ से तथा वाराणसी एवं कलकत्ता आदि से प्रकाशित सूत्र पाठों से बहुत भिन्न हैं।
- चन्द्रानन्द व्याख्या में वैशेषिक सूत्र के अन्तिम तीन अध्यायों में आह्निकों का विधान नहीं है।
- चन्द्रानन्द का समय 700 ई. बताया जाता है।
- इस वृत्ति में वार्त्तिककार उद्योतकर का नामत: उल्लेख किया गया है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ द्र. चन्द्रानन्दवृत्ति, ग. ओ. सी. नं. 136, बड़ौदा
संबंधित लेख
संबंधित लेख