"गहड़वाल वंश": अवतरणों में अंतर

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गुर्जर-प्रतिहारों के बाद चन्द्रदेव ने [[कन्नौज]] में गहड़वाल वंश की स्थापना कर 1080 से 1100 ई. तक शासन किया। चन्द्रदेव ने महाराजाधिराज की उपाधि भी धारण की। गहड़वाल शासकों को 'काशी नरेश' के रूप में भी जाना जाता था, क्योंकि [[बनारस]] इनके राज्य की पूर्वी सीमा के नजदीक था। चन्द्रदेव के पुत्र एवं उत्तराधिकारी मदन चन्द्र के विषय में विस्तृत जानकारी का अभाव है। जिन शासकों ने शासन किया उनके नाम इस प्रकार है:-
गुर्जर-प्रतिहारों के बाद चन्द्रदेव ने [[कन्नौज]] में गहड़वाल वंश की स्थापना कर 1080 से 1100 ई. तक शासन किया। चन्द्रदेव ने महाराजाधिराज की उपाधि भी धारण की। गहड़वाल शासकों को 'काशी नरेश' के रूप में भी जाना जाता था, क्योंकि [[बनारस]] इनके राज्य की पूर्वी सीमा के नज़दीक था। चन्द्रदेव के पुत्र एवं उत्तराधिकारी मदन चन्द्र के विषय में विस्तृत जानकारी का अभाव है। जिन शासकों ने शासन किया उनके नाम इस प्रकार है:-
*[[गोविन्द चन्द्र]] (1114 से 1154 ई.),
*[[गोविन्द चन्द्र]] (1114 से 1154 ई.),
*[[विजय चन्द्र]] (1155 से 1170 ई.),
*[[विजय चन्द्र]] (1155 से 1170 ई.),

11:24, 30 नवम्बर 2010 का अवतरण

गुर्जर-प्रतिहारों के बाद चन्द्रदेव ने कन्नौज में गहड़वाल वंश की स्थापना कर 1080 से 1100 ई. तक शासन किया। चन्द्रदेव ने महाराजाधिराज की उपाधि भी धारण की। गहड़वाल शासकों को 'काशी नरेश' के रूप में भी जाना जाता था, क्योंकि बनारस इनके राज्य की पूर्वी सीमा के नज़दीक था। चन्द्रदेव के पुत्र एवं उत्तराधिकारी मदन चन्द्र के विषय में विस्तृत जानकारी का अभाव है। जिन शासकों ने शासन किया उनके नाम इस प्रकार है:-


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