सोमदत्त बट्टू
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सोमदत्त बट्टू
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पूरा नाम | सोमदत्त बट्टू |
जन्म | 11 अप्रॅल, 1938 |
जन्म भूमि | जसूर, ज़िला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | भारतीय शास्त्रीय गायन |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री, 2024 |
प्रसिद्धि | शास्त्रीय गायक, संगीतज्ञ |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | पटियाला घराना |
अन्य जानकारी | सोमदत्त बट्टू ने संगीत पर किताबें भी लिखी हैं, रेडियो पर कई राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गायन के कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं। |
अद्यतन | 14:32, 24 मार्च 2024 (IST)
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सोमदत्त बट्टू (अंग्रेज़ी: Somdutt Battu, जन्म- 11 अप्रॅल, 1938) हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायक हैं जो पटियाला घराने से हैं। वह 'हिमाचल गौरव' के नागरिक सम्मान के विजेता हैं। कोटशेरा महाविद्यालय, शिमला से सेवानिवृत्त प्राध्यापक सोमदत्त बट्टू को वर्ष 2024 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म श्री से नवाज़ा गया है, जिसका ऐलान 25 जनवरी, 2024 को हुआ था।
- सोमदत्त बट्टू शिमला के ब्योलिया होरी में रहते हैं। उनका जन्म 5 जुलाई, 1937 को कांगड़ा ज़िले के जसूर में हुआ था।
- इनके पिता भी गायक कलाकार थे और नकोदर जालंधर पंजाब में कार्यरत थे।
- पटियाला घराने के नामी गायकों से सोमदत्त बट्टू की शिक्षा दीक्षा हुई।
- 36 वर्ष हिमाचल प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में संगीत के प्राध्यापक के तौर पर सेवा देते हुए राजकीय महाविद्यालय कोटशेरा चौड़ा मैदान से सेवानिवृत्त हुए।
- साल 2016 में सोमदत्त बट्टू को 'हिमाचल गौरव पुरस्कार' से नवाज़ा गया।
- वर्ष 2018 में भारत के संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया।
- सोमदत्त बट्टू ने संगीत पर किताबें भी लिखी हैं, रेडियो पर कई राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गायन के कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं।
- पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला ने उनकी शास्त्रीय संगीत पर लिखी पुस्तक को प्रकाशित किया है।
- पंडित बट्टू ने शिमला के संजौली, कोटशेरा, फागली कॉलेजों में सालों संगीत शिक्षक के रूप में सेवाएं दीं। उनके घर पर हमेशा गीत संगीत का माहौल बना रहता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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