खानवा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:25, 8 जुलाई 2011 का अवतरण (Text replace - "कदम" to "क़दम")
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
  • राजस्थान में भरतपुर के निकट एक ग्राम, जो फतेहपुर सीकरी से 10 मील उत्तर-पश्चिम में स्थित है।
  • यहाँ मेवाड़ के राणा साँगा और बाबर के मध्य शनिवार, मार्च 16, 1527 ई. को भीषण युद्ध हुआ था।
  • खानवा का युद्ध, जो कोई दस घंटे चला, अविस्मरणीय युद्धों में से एक है।
  • यद्यपि राजपूत वीरता से लड़े, किंतु विजयश्री बाबर को हासिल हुई।
  • शायद ही कोई दूसरा ऐसा घमासान युद्ध हुआ हो जिसका निर्णय अंतिम घड़ी तक तुला में लटका रहा।
  • पानीपत युद्ध का कार्य खानवा के युद्ध ने पूरा किया।
  • बाबर द्धारा राणा साँगा पर विजय प्राप्ति ने बाबर एवं उसके सैनिकों की चिंता समाप्त कर दी और वे अब भारत विजय के सपने को साकार कर सकते थे।
  • खानवा की विजय ने मुग़ल साम्राज्यवाद के बीजारोपण के मार्ग से बहुत बड़ी बाधा हटा दी थी।
  • राजपूतों की हार का एक कारण पवांर राजपूतों की सेना का ठीक युद्ध के समय महाराणा को छोड़कर बाबर से जा मिलना था।
  • इस युद्ध के पश्चात बाबर के क़दम भारत में पूरी तरह से जम गए जिससे भावी महान् मुग़ल साम्राज्य की नींव पड़ी।
  • खानवा को कनवा नाम से भी जाना जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख