खरी दुपहरी भरी -देव

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खरी दुपहरी भरी -देव
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कवि देव
जन्म सन 1673 (संवत- 1730)
मृत्यु सन 1768 (संवत- 1825)
मुख्य रचनाएँ भाव-विलास, भवानी-विलास, कुशल-विलास, रस-विलास, प्रेम-चंद्रिका, सुजान-मणि, सुजान-विनोद, सुख-सागर
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
देव की रचनाएँ

खरी दुपहरी भरी हरी हरी कुंज मँजु
 
देव अलि पुंजन के गुंज हियो हरिजात ।
सीरे नदनीरन गँभीरन समीर छांह
 
सोवै परे पथिक पुकारैं पिक करि जात ।
ऎसे मे किसोरी भोरी गोरी कुम्हिलाने मुख
 
पंकज मे पांय धरा धीरज मे धरि जात ।
सोहैं घनस्याम मग हेरति हथेरी ओट
 
ऊचे धाम बाम चढ़ि आवत उतरि जात ।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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