मधुकर हीरालाल कनिया
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मधुकर हीरालाल कनिया
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पूरा नाम | मधुकर हीरालाल कनिया |
जन्म | 18 नवम्बर, 1927 |
जन्म भूमि | मुम्बई, महाराष्ट्र |
मृत्यु | 1 फ़रवरी, 2016 |
पति/पत्नी | रूपा कनिया |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | न्यायाधीश |
पद | मुख्य न्यायाधीश, भारत- 13 दिसम्बर, 1991 से 17 नवम्बर, 1992 तक |
विद्यालय | गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई |
संबंधित लेख | भारत के मुख्य न्यायाधीश |
पूर्वाधिकारी | कमल नारायण सिंह |
उत्तराधिकारी | ललित मोहन शर्मा |
मधुकर हीरालाल कनिया (अंग्रेज़ी: Madhukar Hiralal Kania, जन्म- 18 नवम्बर, 1927; मृत्यु- 1 फ़रवरी, 2016) भारत के 23वें मुख्य न्यायाधीश थे। वह 13 दिसम्बर, 1991 से 17 नवम्बर, 1992 अपनी सेवानिवृत्ति तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे।
- मधुकर हीरालाल कनिया का जन्म बम्बई (वर्तमान मुम्बई, महाराष्ट्र) में हुआ था।
- उनके चाचा भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश सर हीरालाल जेकिसुनदास कनिया थे।
- मधुकर हीरालाल कनिया की शिक्षा फेलोशिप स्कूल, सेंट जेवियर्स हाई स्कूल, एलफिंस्टन कॉलेज और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई से हुई।
- उन्होंने 1 नवंबर, 1949 को बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में दाखिला लिया।
- मुख्य रूप से उन्होंने उच्च न्यायालय और बॉम्बे सिटी सिविल कोर्ट में दीवानी मुकदमों और वाणिज्यिक मामलों में अभ्यास किया। वह बॉम्बे सिटी सिविल कोर्ट में दीवानी मुकदमों में महाराष्ट्र राज्य के लिए भी पेश हुए।
- 5 दिसंबर, 1964 से 15 जनवरी, 1967 तक मधुकर हीरालाल कनिया बॉम्बे सिटी सिविल कोर्ट में महाराष्ट्र राज्य के लिए सहायक सरकारी वकील थे।
- वह 16 जनवरी, 1967 से 3 नवंबर, 1969 तक बॉम्बे सिटी सिविल कोर्ट में महाराष्ट्र राज्य के लिए सरकारी वकील रहे।
- 14 नवंबर, 1969 से वह बॉम्बे उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किए गए।
- उन्हें 2 नवंबर, 1971 को बॉम्बे उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
- जून 1986 में उन्हें बॉम्बे उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
- मई 1987 में मधुकर हीरालाल कनिया को भारत के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 13 दिसंबर, 1991 में वह भारत के मुख्य न्यायाधीश बने।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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