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'''नंदीगम सुरेश''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nandigam Suresh'', जन्म- [[15 जून]], [[1976]]) [[आंध्र प्रदेश]] से भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह निर्वाचन क्षेत्र बापतला से लोकसभा सांसद हैं। नंदीगम सुरेश [[वाई. एस. आर. कांग्रेस पार्टी]] के राजनेता हैं। नंदीगम सुरेश की शैक्षणिक योग्यता आठवीं कक्षा तक है, लेकिन राजनीति की उन्हें पैनी समझ है।
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*आंध्र प्रदेश की लोकसभा सीटों से साल 2019 में तमाम ऐसे लोग सांसद बने जो अब तक एक आम इंसान थे, लेकिन जनता का विश्वास मत जीतकर खास बन गए। वाई. एस. आर. कांग्रेस पार्टी के 22 सासंदों में से किसान, सर्किल इंस्पेक्टर, फिजिकल एजुकेशन टीचर जैसे आम लोग राजनेता बने। इन्हीं सासंदों में एक नाम है- नंदीगम सुरेश का।
 
*आंध्र प्रदेश की लोकसभा सीटों से साल 2019 में तमाम ऐसे लोग सांसद बने जो अब तक एक आम इंसान थे, लेकिन जनता का विश्वास मत जीतकर खास बन गए। वाई. एस. आर. कांग्रेस पार्टी के 22 सासंदों में से किसान, सर्किल इंस्पेक्टर, फिजिकल एजुकेशन टीचर जैसे आम लोग राजनेता बने। इन्हीं सासंदों में एक नाम है- नंदीगम सुरेश का।
*नंदीगम सुरेश ने आंध्र प्रदेश की बापटला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उन्होंने तेलुगू देशम पार्टी के मलयाद्रि श्रीराम को भारी मतों से हराया।
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*नंदीगम सुरेश ने आंध्र प्रदेश की बापटला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उन्होंने [[तेलुगू देशम पार्टी]] के मलयाद्रि श्रीराम को भारी मतों से हराया।
 
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*नंदीगम सुरेश एक साधारण [[परिवार]] से आते हैं और गांव में खेती करते हैं। उनके पास अपनी दो एकड़ जमीन है, जिससे वह [[संयुक्त परिवार]] की आजीविका चलाते हैं।
 
*गांव में केले की खेती करने के अलावा वह पार्ट टाइम फोटोग्राफर के तौर पर भी काम करते हैं।
 
*गांव में केले की खेती करने के अलावा वह पार्ट टाइम फोटोग्राफर के तौर पर भी काम करते हैं।
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*43 साल के नंदीगम सुरेश की शैक्षणिक योग्यता आठवीं कक्षा तक है, लेकिन राजनीति की उन्हें पैनी समझ है।
 
*43 साल के नंदीगम सुरेश की शैक्षणिक योग्यता आठवीं कक्षा तक है, लेकिन राजनीति की उन्हें पैनी समझ है।
 
*[[हिंदी]] और [[अंग्रेज़ी]] का ज्ञान न होने के कारण नंदीगम सुरेश ने जगनमोहन रेड्डी से वाई. एस. आर. कांग्रेस की पोस्ट न दिए जाने को लेकर आग्रह किया था, लेकिन [[मुख्यमंत्री]] जगनमोहन रेड्डी ने उन्हें न सिर्फ पार्टी का इंचार्ज बनाया बल्कि उम्मीदवार भी घोषित किया। नंदीगम सुरेश ने [[2019]] के चुनावों में जीत कर जगनमोहन रेड्डी के अलावा जनता का विश्वास भी जीता।
 
*[[हिंदी]] और [[अंग्रेज़ी]] का ज्ञान न होने के कारण नंदीगम सुरेश ने जगनमोहन रेड्डी से वाई. एस. आर. कांग्रेस की पोस्ट न दिए जाने को लेकर आग्रह किया था, लेकिन [[मुख्यमंत्री]] जगनमोहन रेड्डी ने उन्हें न सिर्फ पार्टी का इंचार्ज बनाया बल्कि उम्मीदवार भी घोषित किया। नंदीगम सुरेश ने [[2019]] के चुनावों में जीत कर जगनमोहन रेड्डी के अलावा जनता का विश्वास भी जीता।

11:57, 30 अक्टूबर 2022 के समय का अवतरण

नंदीगम सुरेश
नंदीगम सुरेश
पूरा नाम नंदीगम सुरेश
जन्म 15 जून, 1976
जन्म भूमि गुंटूर ज़िला, आंध्र प्रदेश
संतान पुत्र- एक, पुत्री- एक
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी वाई. एस. आर. कांग्रेस पार्टी
पद सदस्य, सत्रहवीं लोक सभा- मई, 2019 से
निर्वाचन क्षेत्र बापतला, आंध्र प्रदेश
व्यवसाय सामाजिक कार्यकर्ता, कृषक
अन्य जानकारी नंदीगम सुरेश ने आंध्र प्रदेश की बापटला लोकसभा सीट से चुनाव (2019) लड़ा था। उन्होंने तेलुगू देशम पार्टी के मलयाद्रि श्रीराम को भारी मतों से हराया।
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नंदीगम सुरेश (अंग्रेज़ी: Nandigam Suresh, जन्म- 15 जून, 1976) आंध्र प्रदेश से भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह निर्वाचन क्षेत्र बापतला से लोकसभा सांसद हैं। नंदीगम सुरेश वाई. एस. आर. कांग्रेस पार्टी के राजनेता हैं। नंदीगम सुरेश की शैक्षणिक योग्यता आठवीं कक्षा तक है, लेकिन राजनीति की उन्हें पैनी समझ है।

  • साल 2019 के लोकसभा चुनाव में हर तरह के उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया। 17वीं लोकसभा चुनावों में जहां एक ओर सनी देओल, गौतम गंभीर, नुसरत जहां और मिमि चक्रबर्ती जैसी जानी-मानी शख्सियतों ने राजनीति में प्रवेश किया तो वहीं दूसरी ओर कई गुमनाम लोग भी सांसद बनकर नामी चेहरों में शुमार हुए।[1]
  • आंध्र प्रदेश की लोकसभा सीटों से साल 2019 में तमाम ऐसे लोग सांसद बने जो अब तक एक आम इंसान थे, लेकिन जनता का विश्वास मत जीतकर खास बन गए। वाई. एस. आर. कांग्रेस पार्टी के 22 सासंदों में से किसान, सर्किल इंस्पेक्टर, फिजिकल एजुकेशन टीचर जैसे आम लोग राजनेता बने। इन्हीं सासंदों में एक नाम है- नंदीगम सुरेश का।
  • नंदीगम सुरेश ने आंध्र प्रदेश की बापटला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उन्होंने तेलुगू देशम पार्टी के मलयाद्रि श्रीराम को भारी मतों से हराया।
  • नंदीगम सुरेश एक साधारण परिवार से आते हैं और गांव में खेती करते हैं। उनके पास अपनी दो एकड़ जमीन है, जिससे वह संयुक्त परिवार की आजीविका चलाते हैं।
  • गांव में केले की खेती करने के अलावा वह पार्ट टाइम फोटोग्राफर के तौर पर भी काम करते हैं।
  • जब जगनमोहन रेड्डी ने वाई. एस. आर. कांग्रेस पार्टी बनाई तो नंदीगम सुरेश को पार्टी का यूथ विंग का नेता चुना गया। बाद में उन्हें पार्टी का इंचार्ज बना दिया गया।
  • 43 साल के नंदीगम सुरेश की शैक्षणिक योग्यता आठवीं कक्षा तक है, लेकिन राजनीति की उन्हें पैनी समझ है।
  • हिंदी और अंग्रेज़ी का ज्ञान न होने के कारण नंदीगम सुरेश ने जगनमोहन रेड्डी से वाई. एस. आर. कांग्रेस की पोस्ट न दिए जाने को लेकर आग्रह किया था, लेकिन मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने उन्हें न सिर्फ पार्टी का इंचार्ज बनाया बल्कि उम्मीदवार भी घोषित किया। नंदीगम सुरेश ने 2019 के चुनावों में जीत कर जगनमोहन रेड्डी के अलावा जनता का विश्वास भी जीता।
  • नंदीगम सुरेश समाज में जन कल्याण कार्यों के लिए भी काफी प्रसिद्ध हैं।


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