"कालपी" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
अश्वनी भाटिया (चर्चा | योगदान) |
अश्वनी भाटिया (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
− | |आधार= | + | |आधार= |
− | |प्रारम्भिक= | + | |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |
|माध्यमिक= | |माध्यमिक= | ||
|पूर्णता= | |पूर्णता= |
10:08, 15 जनवरी 2011 का अवतरण
- उत्तर प्रदेश के जालौन ज़िले में यमुना तट पर बसे कालपी नगर का इतिहास चंदेलकालीन है।
- दसवीं सदी के मध्य में कालपी में चंदेलों ने अपना राज्य स्थापित किया था।
- चंदेल नरेश मदन वर्मा और परमार्दिदेव (12वीं सदी) के समय कालपी एक समृद्धिशाली नगरी थी।
- 12वीं शताब्दी के अंत में इस पर कुतुबुद्दीन ऐबर का अधिकार हो गया।
- 1435 ई. में मालवा के हुशंगशाह का अधिकार हो गया।
- अकबर के समय कालपी सरकार (ज़िला) का मुख्यालय बन गया।
- अकबर का प्रसिद्ध दरबारी बीरबल कालपी का ही था।
- मध्य काल में कालपी व्यापारिक केन्द्र के रूप में भी जानी जाती थी।
- यहाँ एक दुर्ग बना हुआ था, जिसके अब खण्डहर ही शेष हैं।
- कालपी की प्राचीन इमारतों में दुर्ग के अतिरिक्त बीरबल का रंग महल, मुग़लों की टकसाल, गोपाल मन्दिर आदि हैं।
|
|
|
|
|