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'''आयोरे''' नामक ग्राम [[ब्रज|ब्रजमण्डल]] के अंतर्गत आने वाले [[लोहवन]] नामक स्थान के निकट ही स्थित है। इसका वर्तमान नाम 'अलीपुर' है। इस गाँव का [[कृष्ण|भगवान श्रीकृष्ण]] से निकट सम्बंध रहा है।
 
'''आयोरे''' नामक ग्राम [[ब्रज|ब्रजमण्डल]] के अंतर्गत आने वाले [[लोहवन]] नामक स्थान के निकट ही स्थित है। इसका वर्तमान नाम 'अलीपुर' है। इस गाँव का [[कृष्ण|भगवान श्रीकृष्ण]] से निकट सम्बंध रहा है।
  
*जिस समय श्रीकृष्ण दन्तवक्र का वध कर [[यमुना]] पार कर [[गोकुल]] में [[पिता]]-[[माता]], सखा एवं गोप-गोपियों से मिलने के लिए जा रहे थे, उस समय ब्रजवासी लोग बड़े प्रेम से '''आयोरे-आयोरे कन्हैया''' सम्बोधन कर यहीं पर उनसे मिले थे।
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*जिस समय श्रीकृष्ण [[दन्तवक्र]] का वध कर [[यमुना]] पार कर [[गोकुल]] में [[पिता]]-[[माता]], सखा एवं [[गोप]]-[[गोपी|गोपियों]] से मिलने के लिए जा रहे थे, उस समय ब्रजवासी लोग बड़े प्रेम से '''आयोरे-आयोरे कन्हैया''' सम्बोधन कर यहीं पर उनसे मिले थे।
 
*'भक्तिरत्नाकर' में इस स्थान के सम्बन्ध में लिखा है-
 
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10:17, 5 मई 2018 के समय का अवतरण

आयोरे नामक ग्राम ब्रजमण्डल के अंतर्गत आने वाले लोहवन नामक स्थान के निकट ही स्थित है। इसका वर्तमान नाम 'अलीपुर' है। इस गाँव का भगवान श्रीकृष्ण से निकट सम्बंध रहा है।

  • जिस समय श्रीकृष्ण दन्तवक्र का वध कर यमुना पार कर गोकुल में पिता-माता, सखा एवं गोप-गोपियों से मिलने के लिए जा रहे थे, उस समय ब्रजवासी लोग बड़े प्रेम से आयोरे-आयोरे कन्हैया सम्बोधन कर यहीं पर उनसे मिले थे।
  • 'भक्तिरत्नाकर' में इस स्थान के सम्बन्ध में लिखा है-

कृष्ण देखि धाय गोप आनन्दे विह्वल ।

'आयोरे आयोरे' बलि करे कोलाहल ।।

मिलिया सबारे कृष्ण, कृष्ण सबे लइया ।

निजालये आइला यमुनापार हईया ।।

हइला परमानन्द ब्रजे घरे-घरे ।

पूर्वमत सबा-सह श्रीकृष्ण विहरे ।।

'आयोरे' बलिया गोप येखाने मिलित ।

आयोरे नामेते ग्राम तथाय हईल ।।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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