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08:30, 2 अप्रैल 2016 का अवतरण

छटीकरा भगवान श्रीकृष्ण से सम्बंधित ब्रजमण्डल के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। इस स्थान को पहले 'शकटीकरा' कहा जाता था। छटीकरा दिल्ली-मथुरा राजमार्ग पर मथुरा से चार मील एवं वृन्दावन से लगभग दो मील की दूरी पर स्थित है।

  • गोकुल-महावन में असुरों का उत्पात देखकर नन्दबाबा सारे ब्रजवासियों के साथ इस स्थान पर आ गये थे। ब्रजवासियों ने अपने लाखों शकटों (बैलगाड़ियाँ) से अर्द्धचन्द्राकार रूप में अपना निवास स्थान प्रस्तुत किया। शकटों से वासस्थान निर्मित होने के कारण ही यह स्थान शकटीकरा के नाम से प्रसिद्ध हुआ था। बाद में शकटीकरा से ही यह छटीकरा हो गया।
  • श्रीकृष्ण-बलराम यहीं से मधुर वृन्दावन एवं आस-पास के क्षेत्रों में गोवत्स और गोचारण के लिए जाते थे। यहीं से उन्होंने ब्रज की रासादि लीलाओं का सम्पादन किया। उस समय वृन्दावन समृद्ध नगर नहीं, बल्कि नाना प्रकार के कुञ्ज, लता एवं रमणीय वनों से सुसज्जित श्रीकृष्ण लीलाविलास का स्थल था।


इन्हें भी देखें: कुमुदवन

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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