नायक (मौर्य काल)
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नायक मौर्य साम्राज्य में सेना के मुख्य संचालक को कहते थे।
- सेनापति सैन्य-विभाग का महामात्य होता था, पर नायक सेना का युद्ध क्षेत्र में संचालन करता था।
- स्कधावार (छावनी) तैयार कराने का काम नायक के हाथ में था।
- युद्ध का अवसर आने पर विविध सैनिकों को क्या-क्या काम दिया जाये, सेना की व्यूह-रचना आदि कैसे की जाये; इन सब बातों का निर्णय नायक ही करता था।
- युद्ध के समय वह सेना के आगे रहता था।
इन्हें भी देखें: मौर्यकालीन भारत, मौर्य काल का शासन प्रबंध, मौर्ययुगीन पुरातात्विक संस्कृति एवं मौर्यकालीन कला
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