"अविमुक्ततीर्थ मथुरा" के अवतरणों में अंतर
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तत्राथ मुञ्चते प्राणान् मम् लोकं स गच्छति ।।</blockquote> | तत्राथ मुञ्चते प्राणान् मम् लोकं स गच्छति ।।</blockquote> | ||
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08:36, 18 जनवरी 2011 के समय का अवतरण
- यहाँ पर स्वयं काशी विश्वनाथ महादेव भगवद आराधना करते हैं।
- इस तीर्थ में स्नान करने वाले या प्राण त्याग करने वाले सहज ही संसार रूप आवागमन से मुक्त होकर भगवत धाम को प्राप्त करते हैं।
अविमुक्ते: नर: स्नातो मुक्तिं प्राप्नोत्यसशंयम् ।
तत्राथ मुञ्चते प्राणान् मम् लोकं स गच्छति ।।
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