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यहाँ बद्रीधाम वाले [[नर–नारायण]] ऋषि भगवान श्री [[कृष्ण]] की आराधना में तत्पर रहते हैं । यह [[ध्रुव तीर्थ मथुरा|ध्रुव तीर्थ]] के दक्षिण में स्थित हैं । यहाँ स्नान करने पर मनुष्य भवगत लोक को प्राप्त होता है ।
 
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11:47, 18 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

दक्षिणे ध्रुवतीर्थस्य ऋषितीर्थं प्रकीर्तितम ।
तत्र स्नातो नरो देवि! मम लोक महीयते ।।
यहाँ बद्रीधाम वाले नर–नारायण ऋषि भगवान श्री कृष्ण की आराधना में तत्पर रहते हैं । यह ध्रुव तीर्थ के दक्षिण में स्थित हैं । यहाँ स्नान करने पर मनुष्य भवगत लोक को प्राप्त होता है ।


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