"गोपी नाथ जी मन्दिर मथुरा" के अवतरणों में अंतर
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− | यह मंदिर [[स्वामी घाट]] के समीप डोरी बाज़ार, में स्थित है । इस मंदिर का निर्माण सन् 1866 में सेठ गुलराज और जगन्नाथ ने 30,000 रुपये की लागत से करवाया था । | + | यह मंदिर [[स्वामी घाट मथुरा|स्वामी घाट]] के समीप डोरी बाज़ार, में स्थित है । इस मंदिर का निर्माण सन् 1866 में सेठ गुलराज और जगन्नाथ ने 30,000 रुपये की लागत से करवाया था । |
==वास्तु== | ==वास्तु== | ||
यह समतल छत वाली तीन मंज़िला इमारत है, जो (65’ X 55’) वर्ग में बनी है । पूर्वमुखी द्वार में प्रवेश करने पर खुला हुआ आंगन चारों ओर से कमरों से घिरा दिखाई देता है । पश्चिम में जगमोहन निर्मित है । इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने, लाल एवं बलुआ पत्थर का इस्तमाल किया गया है। इस इमारत में सुंदर मेहराबदार दरवाज़े व पत्थर की जालियां के छज्जे हैं। | यह समतल छत वाली तीन मंज़िला इमारत है, जो (65’ X 55’) वर्ग में बनी है । पूर्वमुखी द्वार में प्रवेश करने पर खुला हुआ आंगन चारों ओर से कमरों से घिरा दिखाई देता है । पश्चिम में जगमोहन निर्मित है । इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने, लाल एवं बलुआ पत्थर का इस्तमाल किया गया है। इस इमारत में सुंदर मेहराबदार दरवाज़े व पत्थर की जालियां के छज्जे हैं। | ||
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12:22, 14 जून 2011 के समय का अवतरण
यह मंदिर स्वामी घाट के समीप डोरी बाज़ार, में स्थित है । इस मंदिर का निर्माण सन् 1866 में सेठ गुलराज और जगन्नाथ ने 30,000 रुपये की लागत से करवाया था ।
वास्तु
यह समतल छत वाली तीन मंज़िला इमारत है, जो (65’ X 55’) वर्ग में बनी है । पूर्वमुखी द्वार में प्रवेश करने पर खुला हुआ आंगन चारों ओर से कमरों से घिरा दिखाई देता है । पश्चिम में जगमोहन निर्मित है । इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने, लाल एवं बलुआ पत्थर का इस्तमाल किया गया है। इस इमारत में सुंदर मेहराबदार दरवाज़े व पत्थर की जालियां के छज्जे हैं।