"दत्तात्रेय विष्णु आप्टे" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('{{सूचना बक्सा साहित्यकार |चित्र=blankimage.png |चित्र का नाम= |...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
छो (Text replacement - "पुर्तगाल" to "पुर्तग़ाल")
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 25: पंक्ति 25:
 
|संबंधित लेख=
 
|संबंधित लेख=
 
|शीर्षक 1=भाषा
 
|शीर्षक 1=भाषा
|पाठ 1=[[हिंदी भाषा|हिंदी]] एवं पुर्तगाली
+
|पाठ 1=[[हिंदी भाषा|हिंदी]] एवं पुर्तग़ाली
 
|शीर्षक 2=
 
|शीर्षक 2=
 
|पाठ 2=
 
|पाठ 2=
पंक्ति 32: पंक्ति 32:
 
|अद्यतन={{अद्यतन|18:32, 20 मई 2017 (IST)}}
 
|अद्यतन={{अद्यतन|18:32, 20 मई 2017 (IST)}}
 
}}
 
}}
'''दत्तात्रेय विष्णु आप्टे''' (जन्म- [[संवत]] 1880, मृत्यु संवत- 1943) महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पत्रकार एवं इतिहासकार थे।  
+
'''दत्तात्रेय विष्णु आप्टे''' (जन्म- [[संवत]] 1880, मृत्यु संवत- 1943) महान् स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पत्रकार एवं इतिहासकार थे।  
 
==परिचय==
 
==परिचय==
 
दत्तात्रेय विष्णु आप्टे का जन्म संवत 1880 (1823 ई.) में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा जमखिंडी में हुई। उन्होंने सं. 1902 (1845 ई.) में [[पुणे]] के फर्ग्युसन कालेज से बी.ए. की उपाधि प्राप्त की। राष्ट्रीय आंदोलन के समय वह [[बंग भंग]] की घटना से विशेष प्रभावित हुए। इस समय उन्होंने अपने [[यवतमाल]] के राष्ट्रीय विद्यालय में अध्यापन का कार्य स्वीकार किया जो उनकी राष्ट्रीय भावना के ही अनुकूल था।
 
दत्तात्रेय विष्णु आप्टे का जन्म संवत 1880 (1823 ई.) में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा जमखिंडी में हुई। उन्होंने सं. 1902 (1845 ई.) में [[पुणे]] के फर्ग्युसन कालेज से बी.ए. की उपाधि प्राप्त की। राष्ट्रीय आंदोलन के समय वह [[बंग भंग]] की घटना से विशेष प्रभावित हुए। इस समय उन्होंने अपने [[यवतमाल]] के राष्ट्रीय विद्यालय में अध्यापन का कार्य स्वीकार किया जो उनकी राष्ट्रीय भावना के ही अनुकूल था।
 
==कॅरियर==
 
==कॅरियर==
दत्तात्रेय विष्णु आप्टे 'हरिकिशोर' सप्ताहिक और [[मुंबई]] के दैनिक 'राष्ट्रमत' से सम्बंधित रहे। सरकार की दमन नीति के कारण ये पत्र जल्दी ही बंद हो गए। आप्टे ने [[गोवा]] जाकर पुर्तगाली भाषा का अध्ययन प्रारम्भ किया, परन्तु प्रथम विश्वयुद्ध के समय उनको गोवा छोड़ना पड़ा और वे स्थायी रूप से पुणे आकर रहने लगे।
+
दत्तात्रेय विष्णु आप्टे 'हरिकिशोर' सप्ताहिक और [[मुंबई]] के दैनिक 'राष्ट्रमत' से सम्बंधित रहे। सरकार की दमन नीति के कारण ये पत्र जल्दी ही बंद हो गए। आप्टे ने [[गोवा]] जाकर पुर्तग़ाली भाषा का अध्ययन प्रारम्भ किया, परन्तु प्रथम विश्वयुद्ध के समय उनको गोवा छोड़ना पड़ा और वे स्थायी रूप से पुणे आकर रहने लगे।
 
==रचनाएं==
 
==रचनाएं==
 
उन्होंने 'चित्रमय जगत' और 'शालापत्रक' पत्रों का संपादन भी किया। उनके रचित ग्रथों में 'इतिहासमंजरी', 'श्री रंगपट्टणची मोहिम', 'शिवचरित्र प्रदीप', घोरपड़े धाराज्याचा इतिहास', 'पत्र सारसंग्रह' आदि प्रसिद्ध हैं। गणित और ज्योतिष में भी रुचि रखने वाले आप्टे भारतीय इतिहास शोधमंडल के सभापति भी रहे।
 
उन्होंने 'चित्रमय जगत' और 'शालापत्रक' पत्रों का संपादन भी किया। उनके रचित ग्रथों में 'इतिहासमंजरी', 'श्री रंगपट्टणची मोहिम', 'शिवचरित्र प्रदीप', घोरपड़े धाराज्याचा इतिहास', 'पत्र सारसंग्रह' आदि प्रसिद्ध हैं। गणित और ज्योतिष में भी रुचि रखने वाले आप्टे भारतीय इतिहास शोधमंडल के सभापति भी रहे।

14:31, 7 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

दत्तात्रेय विष्णु आप्टे
Blankimage.png
पूरा नाम दत्तात्रेय विष्णु आप्टे
जन्म संवत 1880 (1823 ई.)
मृत्यु संवत 1943 (1886 ई.)
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र पत्रकार, इतिहासकार
मुख्य रचनाएँ 'इतिहासमंजरी', 'श्री रंगपट्टणची मोहिम', 'शिवचरित्र प्रदीप', घोरपड़े धाराज्याचा इतिहास', 'पत्र सारसंग्रह'
विद्यालय फर्ग्युसन कालेज
शिक्षा बी.ए.
नागरिकता भारतीय
भाषा हिंदी एवं पुर्तग़ाली
अद्यतन‎
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

दत्तात्रेय विष्णु आप्टे (जन्म- संवत 1880, मृत्यु संवत- 1943) महान् स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पत्रकार एवं इतिहासकार थे।

परिचय

दत्तात्रेय विष्णु आप्टे का जन्म संवत 1880 (1823 ई.) में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा जमखिंडी में हुई। उन्होंने सं. 1902 (1845 ई.) में पुणे के फर्ग्युसन कालेज से बी.ए. की उपाधि प्राप्त की। राष्ट्रीय आंदोलन के समय वह बंग भंग की घटना से विशेष प्रभावित हुए। इस समय उन्होंने अपने यवतमाल के राष्ट्रीय विद्यालय में अध्यापन का कार्य स्वीकार किया जो उनकी राष्ट्रीय भावना के ही अनुकूल था।

कॅरियर

दत्तात्रेय विष्णु आप्टे 'हरिकिशोर' सप्ताहिक और मुंबई के दैनिक 'राष्ट्रमत' से सम्बंधित रहे। सरकार की दमन नीति के कारण ये पत्र जल्दी ही बंद हो गए। आप्टे ने गोवा जाकर पुर्तग़ाली भाषा का अध्ययन प्रारम्भ किया, परन्तु प्रथम विश्वयुद्ध के समय उनको गोवा छोड़ना पड़ा और वे स्थायी रूप से पुणे आकर रहने लगे।

रचनाएं

उन्होंने 'चित्रमय जगत' और 'शालापत्रक' पत्रों का संपादन भी किया। उनके रचित ग्रथों में 'इतिहासमंजरी', 'श्री रंगपट्टणची मोहिम', 'शिवचरित्र प्रदीप', घोरपड़े धाराज्याचा इतिहास', 'पत्र सारसंग्रह' आदि प्रसिद्ध हैं। गणित और ज्योतिष में भी रुचि रखने वाले आप्टे भारतीय इतिहास शोधमंडल के सभापति भी रहे।

निधन

संवत 1943 (1886 ई.) में दत्तात्रेय विष्णु आप्टे का देहांत हो गया।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 370 |


संबंधित लेख