"नागतीर्थ मथुरा" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''नाग तीर्थ / Naag Tirth'''<br />
+
*यह उत्तम से उत्तम तीर्थ है । यहाँ स्नान करने से पुनरागमन नहीं होता है । भगवान् शेष या अनन्त देव धाम की रक्षा के लिए यहाँ सब समय विराजमान रहते हैं । श्री [[वसुदेव]] महाराज नवजात शिशु [[कृष्ण]] को लेकर वर्षा में भीगते हुए जब [[यमुना नदी|यमुना]] को पार कर रहे थे, तब यहीं अनन्त देव ने अपने अनन्त फणों को छत्र बनाकर वृष्टि से उनकी रक्षा की थी ।  
अत: परं नागतीर्थं तीर्थानामुत्तमोत्तमम्।<br />
+
<blockquote>अत: परं नागतीर्थं तीर्थानामुत्तमोत्तमम्।<br />
यत्र स्नात्वा दिवं यान्ति ये मृतास्तेऽपुनर्भवा:।।<br />
+
यत्र स्नात्वा दिवं यान्ति ये मृतास्तेऽपुनर्भवा:।।<br /></blockquote>
यह उत्तम से उत्तम तीर्थ है । यहाँ स्नान करने से पुनरागमन नहीं होता है । भगवान् शेष या अनन्त देव धाम की रक्षा के लिए यहाँ सब समय विराजमान रहते हैं । श्री [[वसुदेव]] महाराज नवजात शिशु [[कृष्ण]] को लेकर वर्षा में भीगते हुए जब [[यमुना]] को पार कर रहे थे, तब यहीं अनन्त देव ने अपने अनन्त फणों को छत्र बनाकर वृष्टि से उनकी रक्षा की थी ।  
+
{{प्रचार}}
==अन्य लिंक==
+
==संबंधित लेख==
{{यमुना के घाट मथुरा}}
+
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}
 
[[Category:ब्रज]]
 
[[Category:ब्रज]]
 
[[Category:ब्रज के धार्मिक स्थल]]
 
[[Category:ब्रज के धार्मिक स्थल]]

12:13, 16 जून 2011 के समय का अवतरण

  • यह उत्तम से उत्तम तीर्थ है । यहाँ स्नान करने से पुनरागमन नहीं होता है । भगवान् शेष या अनन्त देव धाम की रक्षा के लिए यहाँ सब समय विराजमान रहते हैं । श्री वसुदेव महाराज नवजात शिशु कृष्ण को लेकर वर्षा में भीगते हुए जब यमुना को पार कर रहे थे, तब यहीं अनन्त देव ने अपने अनन्त फणों को छत्र बनाकर वृष्टि से उनकी रक्षा की थी ।

अत: परं नागतीर्थं तीर्थानामुत्तमोत्तमम्।
यत्र स्नात्वा दिवं यान्ति ये मृतास्तेऽपुनर्भवा:।।

संबंधित लेख