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'''नित्यानंद कानूनगो''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nityanand Kanungo'', जन्म- [[4 मई]], [[1900]]; मृत्यु- [[2 अगस्त]], [[1988]]) भारतीय राजनीतिज्ञ थे जिनका सम्बंध [[उड़ीसा|उड़ीसा राज्य]] से था। इन्होंने तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहरलाल नेहरू]] के मंत्रिमण्डल में कई विभागों का कार्यभार सम्भाला था। वे [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के सदस्य थे और [[1937]] से [[1939]] तक और फिर [[1946]] से [[1952]] तक उड़ीसा विधानसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया।
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==परिचय==
 
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==राजनीतिक कॅरियर==
 
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नित्यानंद कानूनगो
नित्यानंद कानूनगो
पूरा नाम नित्यानंद कानूनगो
जन्म 4 मई, 1900
जन्म भूमि कटक, उड़ीसा
मृत्यु 2 अगस्त, 1988
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस
पद राज्यपाल, बिहार- 7 दिसम्बर 1967 से 20 जनवरी 1971 तक

राज्यपाल, गुजरात- 1 अगस्त 1965 से 6 दिसम्बर 1967 तक

अन्य जानकारी सन 1952 में नित्यानंद कानूनगो केंद्रपाड़ा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए। सितंबर 1954 में उन्हें केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग उप मंत्री नियुक्त किया गया।

नित्यानंद कानूनगो (अंग्रेज़ी: Nityanand Kanungo, जन्म- 4 मई, 1900; मृत्यु- 2 अगस्त, 1988) भारतीय राजनीतिज्ञ थे जिनका सम्बंध उड़ीसा राज्य से था। इन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमण्डल में कई विभागों का कार्यभार सम्भाला था। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे और 1937 से 1939 तक और फिर 1946 से 1952 तक उड़ीसा विधानसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया।

परिचय

नित्यानंद कानूनगो का जन्म 4 मई, 1900 को कटक, उड़ीसा में हुआ। उनकी शिक्षा रेनशॉ कॉलेज और यूनिवर्सिटी कॉलेज (कलकत्ता) में हुई। जब उड़ीसा को भारत सरकार अधिनियम, 1935 के अनुसार प्रांतीय स्वायत्तता प्रदान की गई तो नित्यानंद कानूनगो ने 1937 से 1939 तक बिश्वनाथ दास के मंत्रिमंडल में राजस्व और लोक निर्माण विभागों के मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्हें 1946 में फिर से एक मंत्री नियुक्त किया गया और 1952 तक सेवा की।

राजनीतिक कॅरियर

सन 1952 में नित्यानंद कानूनगो केंद्रपाड़ा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए। सितंबर 1954 में उन्हें केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग उप मंत्री नियुक्त किया गया। अगस्त 1955 से प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में वह केंद्रीय उद्योग मंत्री थे। जून 1956 में उन्हें केंद्रीय उपभोक्ता उद्योग मंत्री नामित किया गया था। 1957 में उन्हें फिर से लोकसभा में लौटा दिया गया और उन्हें केंद्रीय वाणिज्य मंत्री नियुक्त किया गया। नित्यानंद कानूनगो सैन फ्रांसिस्को में अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन (1948) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे और 1952 में जकार्ता में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय चावल आयोग के सम्मेलन के प्रतिनिधिमंडल के नेता थे।

राज्यपाल

सन 1962 के आम चुनाव में नित्यानंद कानूनगो कटक से लोकसभा के लिए चुने गए। वह नेहरू कैबिनेट में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री थे। नित्यानंद कानूनगो ने 1 अगस्त 1965 से 6 दिसंबर 1967 तक गुजरात के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया। वह 7 दिसंबर 1967 से 20 जनवरी 1971 तक बिहार के राज्यपाल भी रहे।


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