"श्री टीकारी रानी की ठाकुर बाड़ी वृन्दावन" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
अश्वनी भाटिया (चर्चा | योगदान) |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - " सन " to " सन् ") |
||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
*यह मन्दिर [[वृन्दावन]] की उत्तर दिशा में [[यमुना]] तट पर स्थित है। | *यह मन्दिर [[वृन्दावन]] की उत्तर दिशा में [[यमुना]] तट पर स्थित है। | ||
− | *बिहार के (गया ज़िला) अन्तर्गत टीकरी नामक राज्य के राजा हितकाम ठाकुर की रानी इन्द्रजीत कुमारी ने | + | *बिहार के (गया ज़िला) अन्तर्गत टीकरी नामक राज्य के राजा हितकाम ठाकुर की रानी इन्द्रजीत कुमारी ने सन् 1871 ई. में इस मन्दिर का निर्माण किया था। |
*इसमें [[राधा]][[कृष्ण]], श्रीराधागोपाल और श्रीलड्डूगोपाल- ये तीन विग्रह विराजमान हैं। | *इसमें [[राधा]][[कृष्ण]], श्रीराधागोपाल और श्रीलड्डूगोपाल- ये तीन विग्रह विराजमान हैं। | ||
*यह मन्दिर अतिथि-सेवा के लिए प्रसिद्ध था। | *यह मन्दिर अतिथि-सेवा के लिए प्रसिद्ध था। | ||
− | + | {{प्रचार}} | |
− | == | + | ==संबंधित लेख== |
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}} | {{ब्रज के दर्शनीय स्थल}} | ||
[[Category:ब्रज]] | [[Category:ब्रज]] |
14:15, 6 मार्च 2012 के समय का अवतरण
- यह मन्दिर वृन्दावन की उत्तर दिशा में यमुना तट पर स्थित है।
- बिहार के (गया ज़िला) अन्तर्गत टीकरी नामक राज्य के राजा हितकाम ठाकुर की रानी इन्द्रजीत कुमारी ने सन् 1871 ई. में इस मन्दिर का निर्माण किया था।
- इसमें राधाकृष्ण, श्रीराधागोपाल और श्रीलड्डूगोपाल- ये तीन विग्रह विराजमान हैं।
- यह मन्दिर अतिथि-सेवा के लिए प्रसिद्ध था।