निर्भय शर्मा

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निर्भय शर्मा (अंग्रेज़ी: Nirbhay Sharma, जन्म- 11 अक्टूबर, 1946, लखनऊ, उत्तर प्रदेश) भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल रह चुके हैं। वह भारतीय राज्यों अरुणाचल प्रदेश और मिज़ोरम के राज्यपाल भी रहे हैं।

परिचय

निर्भय शर्मा का जन्‍म 11 अक्टूबर, 1946 में उत्‍तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के निजी स्‍कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने लखनऊ के आर्मी स्‍कूल में दाखिला ले लिया। इसके बाद उन्‍होंने मद्रास विश्वविद्यालय से मिलिट्री साइंस में पोस्‍ट ग्रेजुएशन तथा डिफेंस स्‍टडी में एम-फिल की उपाधि प्राप्‍त की। इनका विवाह ज्‍योत्सना शर्मा जो कि एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, से हुआ। इनके एक पुत्र अभय शर्मा और पुत्री नूपुर शर्मा (एक पत्रकार) हैं।

सेना में आगमन

सन 1966 में निर्भय शर्मा ने महज 20 साल की उम्र में भारतीय सेना को कमांडर के रूप में ज्‍वॉइन कर लिया। उन्हें भारतीय सेना के सबसे तेजतर्रार फील्‍ड कमांडर माना जाता था। उन्‍होंने ज्‍यादातर कश्मीर तथा नॉर्थ-इस्‍ट राज्‍यों में सेना की कमान संभाली। निर्भय शर्मा ने कश्मीर में कई लड़ाइयां लड़ीं और भारत के लोकसभा और राज्‍य विधानसभा चुनावों में भी देश की सुरक्षा व्‍यवस्‍था को बनाए रखने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई।

कश्‍मीर में हर समय कई तरह की लड़ाईयाँ देख चुके निर्भय शर्मा का स्‍लोगन था- "जवान और अवाम, अमन है मुकाम"। सेना की इस मुहिम ने राज्‍य में शांति-व्‍यवस्‍था को बेहतर बनाए रखने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। निर्भय शर्मा सेना के युवा कमांडर होने के कारण 1971 में हुई लड़ाई में भारतीय थल सेना के साथ हवाई हमले करने वाले समू‍ह के लीडर बने। इसके बाद ढाका में प्रवेश करने वाली भारतीय सेना की पहली टुकड़ी बनी।

उच्च पद प्राप्ति

निर्भय शर्मा भारत-चीन सीमा की एक बटालियन के कमांडर भी रह चुके हैं। वे चीन के साथ पूर्वोतर राज्‍यों में आतंकवाद विरोधी अभियान तथा चीन के साथ मंत्री स्‍तर की प्रतिनिधिमंडल की वार्ता की हिस्‍सा भी रह चुके हैं। आर्मी हेडक्‍वार्टर में डायरेक्‍टर जनरल रहते हुए हेडक्‍वार्टर को नए सिरे से संगठित करने तथा आर्मी मिशन 2020 को शुरू करने का श्रेय निर्भय शर्मा को जाता है।

भारतीय सेना में 40 सालों तक अहम योगदान देने वाले जनरल शर्मा को यूपीएससी का सदस्‍य बनाया गया। इसके साथ वे यूपीएससी के लिए साक्षात्‍कार कमेटी और सिविल सेवा में जाने वाले अभ्यर्थियों के चुनाव समिति के सदस्‍य भी रह चुकें हैं। इन्‍हें इंडियन सिविल सर्विस विभाग में परीक्षा कमेटी तथा इससे संबंधित कई विभाग में सलाहकार पद के लिए ऑफर किया गया था।

डिफेंस स्‍टडी में एमफिल होने के कारण निर्भय शर्मा ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली के फैलो भी रह चुके हैं। इसके साथ ही वे डिफेंस संबंधी कई शोध संस्‍थानों के सदस्‍य रह चुके हैं। उनके भारतीय सेना तथा सिविल सर्विसेज संबंधी बहुत सारे शोधपत्र भी प्रकाशित हो चुके हैं।

राज्यपाल

निर्भय शर्मा 26 मई, 2015 से 25 मई, 2018 तक मिज़ोरम के राज्यपाल और 29 मई, 2013 से 12 मई, 2015 तक अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल रहे हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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