माला

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माला एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- माला (बहुविकल्पी)

माला फूलों[1] अथवा रत्नों[2] से बनाई जाती है। हिन्दू धर्म में फूलों की माला का बहुत महत्त्व है। इसका प्रयोग पूजा पाठ तथा शादी-पार्टियों में सजावट के लिये किया जाता है। कुछ विशेष प्रकार के दानों या मनकों से भी माला बनाई जाती है, जो धार्मिक दृष्टि से पहनी जाती है या फिर नाम-जप में काम आती है।

माला कई प्रकार की होती हैं-

  1. फूलों की माला
  2. रुद्राक्ष का माला
  3. तुलसी की माला
  4. स्फटिक की माला
उदाहरण

श्रीकृष्ण की रूपमाधुरी का दर्शन कर स्त्रियाँ कहती हैं- "अहो ! सच पूछो तो ब्रजभूमि ही परम पवित्र और धन्य है। वहाँ परम पुरुषोत्तम मनुष्य के वेश में छिपकर रहते हैं। देवादिदेव महादेव शंकर और लक्ष्मी जी जिनके चरणकमलों की पूजा करती हैं, वे ही प्रभु वहाँ रंग-बिरंगे पूष्पों की माला धारणकर गऊओं के पीछे-पीछे सखाओं और बलराम जी के साथ बाँसुरी बजाते और नाना प्रकार की क्रीड़ाएँ करते हुए आनन्द से विचरण करते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गेंदा, गुलाब, चमेली आदि
  2. सोना, चाँदी आदि

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