एम. थंबीदुरई
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पूरा नाम | डॉ. मुनीसामी थंबीदुरई |
जन्म | 15 मार्च, 1947 |
जन्म भूमि | कृष्णगिरि, मद्रास |
पति/पत्नी | बानुमति थंबीदुरई |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम |
कार्य काल | लोकसभा उपाध्यक्ष-2014-2019; 1985-1989
कानून, न्याय और कंपनी मामलों के कैबिनेट मंत्री-मार्च 1998 से अप्रैल 1999 |
अन्य जानकारी | एम. थंबीदुरई ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1965 में की थी। उन्होंने 18 की उम्र से ही छात्र राजनेता के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू कर दिया था। |
अद्यतन | 16:23, 13 अप्रॅल 2020 (IST)
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मुनीसामी थंबीदुरई (अंग्रेज़ी: Munisamy Thambidurai, जन्म- 15 मार्च, 1947, कृष्णगिरि, मद्रास) तमिलनाडु के प्रसिद्ध राजनीतिक नेता हैं। वह 'ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम' या 'एआईएडीएमके' के नेता हैं। मुनीसामी थंबीदुरई तमिलनाडु के सांसद और संसद में 'अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम' या 'अन्नाद्रमुक' का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह लोकसभा के वर्तमान उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत हैं। उन्होंने मार्च 1998 से अप्रैल 1999 तक कानून, न्याय और कंपनी मामलों के कैबिनेट मंत्री और भूतल परिवहन राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था। उन्होंने 1985 से 1989 तक लोकसभा के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया। मुनीसामी थंबीदुरई करूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए।
परिचय
मुनीसामी थंबीदुरई का जन्म 15 मार्च, 1947 को कृष्णगिरि, मद्रास (वर्तमान चेन्नई) में हुआ था। वह कोंगू वेल्लारा समुदाय से हैं। इस कम्युनिटी की आबादी तमिलनाडु के पश्चिमी जिलों में बहुसंख्यकों में शुमार होती है। इस समुदाय को कोंगू नाडु भी कहा जाता है। इन लोगों की आबादी कोयंबटूर, तिरुप्पर, एरोड, करूर, नामक्कल, सालेम और डिंडिगल जिले के उत्तरी हिस्सों में अधिक है। इसी कम्युनिटी की आबादी का कुछ हिस्सा धर्मपुरी, कृष्णागिरी और कर्नाटक के ज़िले हिरियूर में भी रहता है।
राजनीतिक शुरुआत
एम. थंबीदुरई ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1965 में की थी। मुनीसामी थंबीदुरई ने 18 की उम्र से ही छात्र राजनेता के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू कर दिया था। साल 1965 में वह द्रविड़ मुनेत्र कड़गम पार्टी से जुड़े। वह मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में उनका पहला साल था। एम. थम्बीदुरई मार्च 1998 से अप्रैल 1999 तक भारत सरकार में कानून मंत्री रहे।
हिंदी विरोधी आंदोलन
मुनीसामी थंबीदुरई ने 1965 में हिंदी विरोधी आंदोलन में भाग लिया था, जिसमें वे गिरफ्तार भी हुए थे। डी.एम.के. पार्टी के लिए उन्होंने 1967 और 1971 में नगरपालिका और विधानसभा चुनावों के लिए बूथ स्तर पर काम किया। साथ-साथ यूनिवर्सिटी और कॉलेज में राजनैतिक प्रचार भी किया करते थे।
सियासी सफ़र
2015 - मुनीसामी थंबीदुरई 29 जनवरी 2015 से सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य बन गए।
2014 - वे 16वीं लोकसभा (5वें कार्यकाल) के लिए फिर से चुने गए। 2014 के दौरान, उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्यभार संभाला, जो इस प्रकार है-
- 1 मई, 2014 को 16वीं लोकसभा (5 वीं अवधि) के लिए पुनः निर्वाचित हुए।
- 13 अगस्त 2014 को लोकसभा के उपाध्यक्ष बने।
- 1 सितंबर 2014 को विशेष आमंत्रित, व्यावसायिक सलाहकार समिति के सदस्य बने।
- 15 सितंबर 2014 निजी सदस्यों के विधेयकों और प्रस्तावों पर समिति के अध्यक्ष बने। इसके अलावा मुनीसामी थंबीदुरई बजट समिति, लोकसभा और संसद के सदस्यों पर स्थानीय स्थानीय विकास योजना (एमपीएलीसी) के अध्यक्ष बने।
- 8 अक्टूबर 2014 से वह हेरिटेज चरित्र के रखरखाव और संसद भवन परिसर के विकास पर संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य बने।
2009 - वर्ष 2009 में उन्हें 15वीं लोकसभा (4वें कार्यकाल) के लिए फिर से चुना गया था। उसी वर्ष वे विभिन्न पदों पर रहे-
- जून 2009 - सदस्य, अध्यक्षों का पैनल।
- 6 अगस्त 2009 से 30 अप्रैल 2014 - सदस्य, लोक लेखा समिति।
- 31 अगस्त 2009 - सदस्य, वित्त संबंधी स्थायी समिति।
- 23 सितम्बर 2009 - सदस्य, सरकारी आश्वासन समिति।
1998 - तीसरी बार 1998 में, वह 12वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए। साथ ही उसी वर्ष मार्च 1998-अप्रैल 1999 के दौरान वे कानून, न्याय और कंपनी मामलों के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बने। इन प्रभारों के अतिरिक्त, उन्होंने भूतल परिवहन मंत्रालय का प्रभार भी संभाला।
1990 - मुनीसामी थंबीदुरई 1990 से 1991 के दौरान सामान्य प्रयोजन अनुमान के सदस्य और सलाहकार समितियों के रूप में नियुक्त हुए। इसके अलावा वे परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स, महासागर विकास और विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विभागों के कमेटी सदस्य थे।
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