नौवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन वर्ष 2012 में 22 सितम्बर से 24 सितम्बर तक दक्षिण अफ़्रीका के शहर जोहांसबर्ग में आयोजित हुआ। इस सम्मेलन में 22 देशों के 600 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
- इस सम्मेलन में लगभग 300 भारतीय शामिल हुए।
- सम्मेलन में तीन दिन चले मंथन के बाद कुल 12 प्रस्ताव पारित किए गए और विरोध के बाद एक संशोधन भी किया गया।
- दक्षिण अफ़्रीका में आयोजित इस सम्मेलन में विश्वभर के हिन्दी विद्वानों, साहित्यकारों और हिन्दी प्रेमियों आदि ने भाग लिया और रेखांकित किया कि-
- हिन्दी के बढ़ते हुए वैश्वीकरण के मूल में महात्मा गाँधी की भाषा दृष्टि का महत्वपूर्ण स्थान है।
- मॉरीशस में विश्व हिन्दी सचिवालय की स्थापना की संकल्पना प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन के दौरान की गई थी। यह सम्मेलन इस सचिवालय की स्थापना के लिए भारत और मॉरीशस की सरकारों द्वारा किए गए अथक प्रयासों एवं समर्थन की सराहना करता है।
- 'महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय' भी विश्व हिन्दी सम्मेलनों में पारित संकल्पों का ही परिणाम है। यह विश्वविद्यालय हिन्दी के प्रचार-प्रसार और उपयुक्त आधुनिक शिक्षण उपकरण विकसित करने में सराहनीय कार्य कर रहा है।
- सम्मेलन केन्द्रीय हिन्दी संस्थान की भी सराहना करता है कि वह उपयुक्त पाठ्यक्रम और कक्षाओं का संचालन करके विदेशियों और देश के गैर हिन्दी भाषी क्षेत्र के लोगों के बीच हिंन्दी का प्रचार-प्रसार कर रहा है।
साँचा:विश्व हिन्दी सम्मेलन श्रृंखला
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख