भर जिसे 'राजभर' भी कहा जाता है, भारत का एक जाति समुदाय है। यह मुख्य रूप से छोटे किसानों का एक समुदाय है जो अपनी आमदनी में बढ़ोत्तरी हेतु मजदूरी भी करते हैं। भर उन 17 जतियों में से हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार ने अनुसूचित जाति में सम्मिलित किए जाने का प्रस्ताव दिया था, जिसे वोट बैंक की राजनीति मानते हुये अदालती रोक के बाद भारत सरकार ने स्थगित कर दिया।
- मध्यकालीन भारत में भर के स्वयं के छोटे-छोटे कबीले स्थापित थे। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इनके छोटे राज्य भी थे, जहाँ से उत्तर मध्य काल में इन्हें राजपूतों व मुग़लों ने खदेड़ कर विस्थापित कर दिया। अंतिम भर राजा को जौनपुर के सुल्तान इब्राहिम शाह शर्की ने मारा।
- इस जाति को नाविक या मल्लाहों की एक उपजाति के रूप में भी संदर्भित किया जाता है।
- भर मुख्य रूप से छोटे किसानों का एक समुदाय है, जो अपनी आमदनी में बढ़ोत्तरी हेतु मजदूरी भी करते हैं। समान्यतः भर जाति के लोगों का भूमि स्वामित्व कम है।
- यह हिन्दू धर्म को मानते हैं तथा इनका सांस्कृतिक आचरण अवध क्षेत्र के अन्य हिन्दू समुदायों जैसा ही है। यह लोग अवधी व भोजपुरी भाषा बोलते हैं।
- भर समुदाय आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, वाराणसी, अंबेडकर नगर व फ़ैज़ाबाद जिलों में पाया जाता है।
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