पद्मावती बंदोपाध्याय
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पूरा नाम | पद्मावती बंदोपाध्याय |
जन्म | 4 नवंबर, 1944 |
जन्म भूमि | तिरुपति, आंध्र प्रदेश |
पति/पत्नी | एस. एन. बंदोपाध्याय |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | भारतीय वायु सेना |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री, 2020 |
प्रसिद्धि | प्रथम महिला एयर मार्शल, भारतीय वायु सेना |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | पद्मावती बंदोपाध्याय 1968 में वायु सेना में शामिल हुईं। उन्हें 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनके आचरण के लिए विशिष्ट सेवा पदक (वीएसएम) से सम्मानित किया गया था। |
अद्यतन | 16:16, 4 दिसम्बर 2021 (IST)
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पद्मावती बंदोपाध्याय (अंग्रेज़ी: Padmavathy Bandopadhyay, जन्म- 4 नवंबर, 1944) भारतीय वायु सेना की प्रथम महिला एयर मार्शल हैं। उनके साथ फर्स्ट रहना तो जैसे जुड़ ही गया है। अपने कॅरियर में वह भारत की एयरोस्पेस मेडिकल सोसाइटी की फेलो बनने वाली पहली महिला रहीं। वह उत्तरी ध्रुव पर वैज्ञानिक शोध करने वाली पहली भारतीय महिला हैं। वायु सेनी की सेवा और चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कार्यों के लिए उन्हें 2020 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
परिचय
पद्मावती बंदोपाध्याय का जन्म 4 नवंबर, 1944 को आंध्र प्रदेश के तिरुपति में हुआ था। उनका बचपन में पूरा नाम पद्मावती स्वामीनाथन था। उन्होंने वायु सेना के एक अधिकारी एस. एन. बंदोपाध्याय से शादी की।[1]
पद्मावती बंदोपाध्याय को विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और राष्ट्रपति से सम्मान पदक सहित देश दुनिया में करीब एक दर्जन से ज्यादा सम्मान मिल चुके हैं। इसके अलावा लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड ने वर्ष 2014 के लिए उन्हें 'वुमन ऑफ द ईयर' चुना था। पद्मावती बंदोपाध्याय और उनके पति एस. एन. बंदोपाध्याय दुनिया के पहले ऐसे दम्पति हैं, जिन्हें विशिष्ट सेवा पदक एक ही दिन एक साथ मिला था। वायु सेनी की सेवा और चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कार्यों के लिए उन्हें 2020 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
शिक्षा
उन्होंने मानविकी धारा में डीटीईए में अध्ययन किया। स्कूल से स्नातक होने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में मानविकी से विज्ञान स्ट्रीम में कठिन और असामान्य परिवर्तन किया। उन्होंने किरोड़ीमल कॉलेज में प्री-मेडिकल की पढ़ाई की और फिर 1963 में सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे में दाखिला लिया।
कॅरियर
पद्मावती बंदोपाध्याय सन 1968 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुईं। उन्हें 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनके आचरण के लिए विशिष्ट सेवा पदक (वीएसएम) से सम्मानित किया गया था। सतीनाथ और पद्मा एक ही निवेश परेड में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले आईएएफ़ युगल थे। अपने कॅरियर में वह भारत की एयरोस्पेस मेडिकल सोसाइटी की फेलो बनने वाली पहली महिला और उत्तरी ध्रुव पर वैज्ञानिक शोध करने वाली पहली भारतीय महिला हैं।
पद्मावती बंदोपाध्याय सन 1978 में रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज पाठ्यक्रम पूरा करने वाली पहली महिला सशस्त्र बल अधिकारी भी हैं। वह एयर हेडक्वार्टर में डायरेक्टर जनरल मेडिकल सर्विसेज (एयर) थीं। 2002 में वह एयर वाइस मार्शल (टू-स्टार रैंक) में पदोन्नत होने वाली पहली महिला बनीं। पद्मावती बंदोपाध्याय एक विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ और न्यूयॉर्क एकेडमी ऑफ साइंसेज की सदस्य हैं।[1]
पुरस्कार व सम्मान
- अति विशिष्ट सेवा पदक - संग्राम पदक, स्वतंत्रता पदक की 25वीं वर्षगांठ।
- विशिष्ट सेवा पदक - उच्च योग्यता सेवा पदक, 30 साल लंबी सेवा मेडल, 20 साल लंबी सेवा मेडल।
- पश्चिमी स्टार - स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ, 9 साल लंबी सेवा मेडल।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 पी. बंदोपाध्याय की जीवनी (हिंदी) jivanihindi.com। अभिगमन तिथि: 04 दिसम्बर, 2021।