"तिष्य (अशोक का भाई)": अवतरणों में अंतर
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*उत्तरी परम्परा में इसका नाम '''वीताशोक''' या '''विगताशोक''' भी मिलता है। [[ह्वेन त्सांग|युवानचुंग]] इसका नाम '''महेंद्र''' बताता है और अन्य चीनी ग्रंथों में '''सुदत्त''' और '''सुगात्र''' नाम भी आये हैं। | |||
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07:39, 27 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण
- लंका की परम्परा में [1] बिंदुसार की सोलह पटरानियों और 101 पुत्रों का उल्लेख है। पुत्रों में केवल तीन के नामोल्लेख हैं, वे हैं -
- तिष्य अशोक का सहोदर भाई और सबसे छोटा था।
- उत्तरी परम्परा में इसका नाम वीताशोक या विगताशोक भी मिलता है। युवानचुंग इसका नाम महेंद्र बताता है और अन्य चीनी ग्रंथों में सुदत्त और सुगात्र नाम भी आये हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
मुखर्जी, राधाकुमुद अशोक (हिंदी)। नई दिल्ली: मोतीलाल बनारसीदास, 2।