"बेदम हुए बीमार दवा क्यों नही -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़": अवतरणों में अंतर
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बेदम हुए बीमार दवा क्यों | बेदम हुए बीमार दवा क्यों नहीं देते | ||
तुम अच्छे मसीहा हो शफ़ा क्यों नहीं देते | तुम अच्छे मसीहा हो शफ़ा क्यों नहीं देते | ||
दर्दे-शबे-हिज्राँ की जज़ा क्यों नहीं देते | दर्दे-शबे-हिज्राँ की जज़ा क्यों नहीं देते | ||
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मुंसिफ़ हो तो अब हश्र उठा क्यों नहीं देते | मुंसिफ़ हो तो अब हश्र उठा क्यों नहीं देते | ||
हाँ नुक्तावरो लाओ लबो-दिल की गवाही | हाँ नुक्तावरो लाओ लबो-दिल की गवाही | ||
हाँ नग़मागरो साज़े-सदा क्यों | हाँ नग़मागरो साज़े-सदा क्यों नहीं देते | ||
पैमाने-जुनूँ हाथों को शरमाएगा कब तक | पैमाने-जुनूँ हाथों को शरमाएगा कब तक | ||
दिलवालो गरेबाँ का पता क्यों नहीं देते | दिलवालो गरेबाँ का पता क्यों नहीं देते |
12:48, 2 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण
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बेदम हुए बीमार दवा क्यों नहीं देते |
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