"विश्व हिन्दी सम्मेलन 1975": अवतरणों में अंतर

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#[[वर्धा ज़िला|वर्धा]] में 'विश्व हिन्दी विद्यापीठ' की स्थापना हो।
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#विश्व हिन्दी सम्मेलनों को स्‍थायित्‍व प्रदान करने के लिए ठोस योजना बनाई जाए।
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पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन वर्ष 1975 में 10 जनवरी से 12 जनवरी तक नागपुर, भारत में आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन का आयोजन 'राष्ट्रभाषा प्रचार समिति', वर्धा के तत्वावधान में हुआ था।

  • इस सम्मेलन से सम्बन्धित राष्ट्रीय आयोजन समिति के अध्यक्ष तत्कालीन महामहिम उपराष्ट्रपति बी. डी. जत्ती थे।
  • 'राष्ट्रभाषा प्रचार समिति', वर्धा के अध्यक्ष मधुकर राव चौधरी उस समय महाराष्ट्र के वित्त, नियोजन व अल्पबचत मन्त्री थे।
  • पहले विश्व हिन्दी सम्मेलन का बोधवाक्य था- वसुधैव कुटुम्बकम
  • इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि मॉरीशस के प्रधानमंत्री शिवसागर रामगुलाम थे, जिनकी अध्यक्षता में मॉरीशस से आये एक प्रतिनिधिमण्डल ने भी सम्मेलन में भाग लिया।
  • 30 देशों के कुल 122 प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया था।

पारित प्रस्ताव

वर्ष 1975 में आयोजित पहले विश्व हिन्दी सम्मेलन में पारित प्रस्ताव निम्नलिखित थे-

  1. संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थान दिया जाए।
  2. वर्धा में 'विश्व हिन्दी विद्यापीठ' की स्थापना हो।
  3. विश्व हिन्दी सम्मेलनों को स्‍थायित्‍व प्रदान करने के लिए ठोस योजना बनाई जाए।

साँचा:विश्व हिन्दी सम्मेलन श्रृंखला


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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