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'''शान्ता राव''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Shanta Rao'', जन्म- [[1930]]; मृत्यु- [[28 दिसंबर]], [[2007]]) [[भारत]] की प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगनाओं में से एक थीं। वह शास्त्रीय नृत्य की [[कथकली]], [[भरतनाट्यम]] और [[कुचिपुड़ी]] में निपुण थीं। वह [[पद्म श्री]] ([[1971]]), [[संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]] और शास्त्रीय नृत्य के लिए [[कालिदास सम्मान]] की प्राप्तकर्ता थीं।<br />
'''शान्ता राव''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Shanta Rao'', जन्म- [[1930]]; मृत्यु- [[28 दिसंबर]], [[2007]]) [[भारत]] की प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगनाओं में से एक थीं। वह शास्त्रीय नृत्य की [[कथकली]], [[भरतनाट्यम]] और [[कुचिपुड़ी]] में निपुण थीं। वह [[पद्म श्री]] ([[1971]]), [[संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]] और शास्त्रीय नृत्य के लिए [[कालिदास सम्मान]] की प्राप्तकर्ता थीं।<br />
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*शान्ता राव का जन्म सन 1925 में बम्बई (वर्तमान [[मुम्बई]], [[महाराष्ट्र]]) में हुआ था।
*शान्ता राव का जन्म सन् [[1925]] में बम्बई (वर्तमान [[मुम्बई]], [[महाराष्ट्र]]) में हुआ था।
*वह मुंबई और [[बैंगलोर]] में रहती थीं। वह मैंगलोर की रहने वाली थीं। 28 दिसंबर 2007 को मल्लेश्वरम, बैंगलोर में उनके घर पर उनका निधन हो गया
*वह मुंबई और [[बैंगलोर]] में रहती थीं। वह मैंगलोर की रहने वाली थीं। [[28 दिसंबर]] [[2007]] को मल्लेश्वरम, बैंगलोर में उनके घर पर उनका निधन हो गया
*उन्होंने मीनाक्षी सुंदरम पिल्लई से भरतनाट्यम की शिक्षा ली थी।
*उन्होंने मीनाक्षी सुंदरम पिल्लई से भरतनाट्यम की शिक्षा ली थी।
*सन [[1942]] में [[मद्रास]] की संगीत अकादमी में शान्ता राव ने भरतनाट्यम में अपनी शुरुआत की।
*सन [[1942]] में [[मद्रास]] की संगीत अकादमी में शान्ता राव ने भरतनाट्यम में अपनी शुरुआत की।
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शान्ता राव (अंग्रेज़ी: Shanta Rao, जन्म- 1930; मृत्यु- 28 दिसंबर, 2007) भारत की प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगनाओं में से एक थीं। वह शास्त्रीय नृत्य की कथकली, भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी में निपुण थीं। वह पद्म श्री (1971), संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और शास्त्रीय नृत्य के लिए कालिदास सम्मान की प्राप्तकर्ता थीं।

  • शान्ता राव का जन्म सन् 1925 में बम्बई (वर्तमान मुम्बई, महाराष्ट्र) में हुआ था।
  • वह मुंबई और बैंगलोर में रहती थीं। वह मैंगलोर की रहने वाली थीं। 28 दिसंबर 2007 को मल्लेश्वरम, बैंगलोर में उनके घर पर उनका निधन हो गया
  • उन्होंने मीनाक्षी सुंदरम पिल्लई से भरतनाट्यम की शिक्षा ली थी।
  • सन 1942 में मद्रास की संगीत अकादमी में शान्ता राव ने भरतनाट्यम में अपनी शुरुआत की।
  • उन्होंने वेम्पति चिन्ना सत्यम के तहत नृत्य रूप कुचिपुड़ी की खोज की थी।
  • शान्ता राव ने वेंकटचलपति शास्त्री से प्रेरित और प्रभावित 'भामा नाट्यम' की रचना की, जिन्होंने उन्हें भामासूत्रम अनुष्ठानों से परिचित कराया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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