"साँचा:फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की रचनाएँ": अवतरणों में अंतर

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|रचना 3= रंग है दिल का मेरे  
|रचना 3= रंग है दिल का मेरे  
|रचना 4=तेरी सूरत जो दिलनशीं की है
|रचना 4=तेरी सूरत जो दिलनशीं की है
|रचना 5=अब वही हर्फ़--जुनूँ सबकी ज़ुबाँ
|रचना 5=अब वही हर्फ़ ए जुनूँ
|रचना 6=आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो  
|रचना 6=आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो  
|रचना 7= मुझ से पहली सी मोहब्बत
|रचना 7= मुझ से पहली सी मोहब्बत
पंक्ति 19: पंक्ति 19:
|रचना 16= बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे  
|रचना 16= बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे  
|रचना 17=आप की याद आती रही रात भर
|रचना 17=आप की याद आती रही रात भर
|रचना 18= गीत
|रचना 18= ख़्वाब बसेरा
|रचना 19=जब तेरी समन्दर आँखों में  
|रचना 19=जब तेरी समन्दर आँखों में  
|रचना 20= चंद रोज़ और मेरी जान फ़क़त
|रचना 20= चंद रोज़ और मेरी जान फ़क़त
|रचना 21= ये शहर उदास इतना ज़ियादा
|रचना 21= ये शहर उदास इतना ज़ियादा
|रचना 22= चश्मे-मयगूँ ज़रा इधर कर दे
|रचना 22= चश्मे-मयगूँ ज़रा इधर कर दे
|रचना 23=गर्मी--शौक़-ए-नज़्ज़ारा का असर
|रचना 23=गर्मी ए शौक़
|रचना 24= गरानी-ए-शबे-हिज़्रां दुचंद
|रचना 24= मेरे दर्द को जो ज़बाँ मिले
|रचना 25=ख़ुदा वो वक़्त न लाये कि सोगवार
|रचना 25=ख़ुदा वो वक़्त न लाये
|रचना 26= गुलों में रंग भरे, बादे-नौबहार चले
|रचना 26= गुलों में रंग भरे, बादे-नौबहार  
|रचना 27= मेरी तेरी निगाह में जो लाख इंतज़ार
|रचना 27= मेरी तेरी निगाह में जो लाख
|रचना 28=मेरे दिल ये तो फ़क़त एक घड़ी है
|रचना 28=मेरे दिल ये तो फ़क़त एक घड़ी है
|रचना 29= तुम मेरे पास रहो
|रचना 29= तुम मेरे पास रहो
|रचना 30=तुम आए हो न शबे-इंतज़ार
|रचना 30=तुम आए हो न शबे-इंतज़ार
|रचना 31=दिल में अब यूँ तेरे भूले हुए ग़म
|रचना 31=दिल में अब यूँ तेरे भूले
|रचना 32= चाँद निकले किसी जानिब तेरी
|रचना 32= चाँद निकले किसी जानिब
|रचना 33= दश्ते-तन्हाई में ऐ जाने-जहाँ
|रचना 33= दश्ते तन्हाई में ऐ जाने जहाँ
|रचना 34= कोई आशिक़ किसी महबूब से  
|रचना 34= कोई आशिक़ किसी महबूब से  
|रचना 35=आइए हाथ उठाएँ हम भी
|रचना 35=आइए हाथ उठाएँ हम भी
|रचना 36=दोनों जहान तेरी मुहब्बत में हार के
|रचना 36=दोनों जहान तेरी मुहब्बत में
|रचना 37= मेरे दिल मेरे मुसाफ़िर
|रचना 37= मेरे दिल मेरे मुसाफ़िर
|रचना 38= नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तजू ही सही
|रचना 38= नहीं निगाह में मंज़िल  
|रचना 39=न गँवाओ नावके-नीमकश, दिले-रेज़ा रेज़ा
|रचना 39=न गँवाओ नावके  
|रचना 40=नसीब आज़माने के दिन आ रहे हैं
|रचना 40=नसीब आज़माने के दिन  
|रचना 41=तनहाई  
|रचना 41=तनहाई  
|रचना 42= फिर हरीफ़े-बहार हो बैठे  
|रचना 42= फिर हरीफ़े-बहार हो बैठे  
|रचना 43=नज़्रे ग़ालिब  
|रचना 43=नज़्रे ग़ालिब  
|रचना 44= फिर लौटा है ख़ुरशीदे-जहांताब सफ़र से
|रचना 44= फिर लौटा है ख़ुरशीदे  
|रचना 45=फ़िक्रे-दिलदारी-ए-गुलज़ार करूँ या न करूँ
|रचना 45=फ़िक्रे दिलदारी  
|रचना 46=बात बस से निकल चली है
|रचना 46=बात बस से निकल चली है
|रचना 47=इन्तिसाब
|रचना 47=इन्तिसाब
|रचना 48=मुलाक़ात
|रचना 48=मुलाक़ात
|रचना 49=सोचने दो
|रचना 49=सोचने दो
|रचना 50=बेदम हुए बीमार दवा क्यों नही देते
|रचना 50=बेदम हुए बीमार दवा क्यों नही
|रचना 51=बहुत मिला न मिला ज़िन्दगी से ग़म क्या है
|रचना 51=बहुत मिला न मिला ज़िन्दगी से
|रचना 52=मौज़ू--सुख़न
|रचना 52=मौज़ू ए सुख़न
|रचना 53=पास रहो
|रचना 53=ख़त्म हुई बारिशे संग
|रचना 54= बोल.........
|रचना 54=जिस रोज़ क़ज़ा आएगी
|रचना 55= क्या करें
|रचना 55= क्या करें
|रचना 56=यह फ़स्ल उमीदों की हमदम
|रचना 56=यह फ़स्ल उमीदों की हमदम
पंक्ति 64: पंक्ति 64:
|रचना 61=सुबहे आज़ादी
|रचना 61=सुबहे आज़ादी
|रचना 62=एक मन्जर
|रचना 62=एक मन्जर
|रचना 63=तिपबं बवउम ठंबा
|रचना 63=जैसे हम-बज़्म हैं फिर यारे
|रचना 64=ऐ रोशनियों के शहर
|रचना 64=ऐ रोशनियों के शहर
|रचना 65=यहाँ से शहर को देखो
|रचना 65=यहाँ से शहर को देखो
|रचना 66=एक शहरे-आशोब1 का आग़ाज़2
|रचना 66=एक शहरे आशोब
|रचना 67=ज़िन्दां की एक शाम
|रचना 67=ज़िन्दां की एक शाम
|रचना 68=हम जो तारीक राहों में मारे गए
|रचना 68=हम जो तारीक राहों में मारे गए
पंक्ति 75: पंक्ति 75:
|रचना 72= वासोख़्त
|रचना 72= वासोख़्त
|रचना 73=मन्ज़र
|रचना 73=मन्ज़र
|रचना 74= शहर में चाके गिरेबाँ हुए नापैद अबके
|रचना 74= शहर में चाके गिरेबाँ  
|रचना 75=रंग पैराहन का, ख़ुश्बू जुल्फ़ लहराने का नाम
|रचना 75=रंग पैराहन का  
|रचना 76= वफ़ाये वादा नहीं, वादये दिगर भी नहीं
|रचना 76= वफ़ाये वादा नहीं  
|रचना 77=हर सम्त परीशाँ तेरी आमद के क़रीने
|रचना 77=हर सम्त परीशाँ तेरी आमद
|रचना 78= क़र्ज़े-निगाहे-यार अदा कर चुके हैं हम
|रचना 78= क़र्ज़े निगाहे यार  
|रचना 79=कब याद में तेरा साथ नहीं
|रचना 79=कब याद में तेरा साथ नहीं
|रचना 80=हम पर तुम्हारी चाह का इल्ज़ाम ही तो है
|रचना 80=हम पर तुम्हारी चाह का इल्ज़ाम
|रचना 81=जमेगी कैसे बिसाते याराँ  
|रचना 81=जमेगी कैसे बिसाते याराँ  
|रचना 82=शफ़क़ की राख में जल बुझ गया
|रचना 82=शफ़क़ की राख में  
|रचना 83= यह मौसमे गुल गर चे तरबख़ेज़
|रचना 83= यह मौसमे गुल गर चे तरबख़ेज़
|रचना 84=हम मुसाफ़िर युँही मस्रूफ़े सफ़र
|रचना 84=हम मुसाफ़िर युँही मस्रूफ़े सफ़र
|रचना 85=हज़र करो मेरे तन से
|रचना 85=हज़र करो मेरे तन से
|रचना 85= दिले मन मुसाफ़िरे मन
|रचना 86= दिले मन मुसाफ़िरे मन
|रचना 87= जिस रोज़ क़ज़ा आएगी
|रचना 87=
|रचना 88=ख़्वाब बसेरा
|रचना 88=
|रचना 89= ख़त्म हुई बारिशे संग
|रचना 89=
|रचना 90= मेरे दर्द को जो ज़बाँ मिले
|रचना 90=  
|रचना 91= जैसे हम-बज़्म हैं फिर यारे-तरहदार
|रचना 91=  
|रचना 92=
|रचना 92=
|रचना 93=
|रचना 93=

11:00, 5 अक्टूबर 2022 के समय का अवतरण