"साँचा:फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की रचनाएँ": अवतरणों में अंतर

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|रचना 51=बहुत मिला न मिला ज़िन्दगी से
|रचना 51=बहुत मिला न मिला ज़िन्दगी से
|रचना 52=मौज़ू ए सुख़न
|रचना 52=मौज़ू ए सुख़न
|रचना 53=पास रहो
|रचना 53=ख़त्म हुई बारिशे संग
|रचना 54= बोल...
|रचना 54=जिस रोज़ क़ज़ा आएगी
|रचना 55= क्या करें
|रचना 55= क्या करें
|रचना 56=यह फ़स्ल उमीदों की हमदम
|रचना 56=यह फ़स्ल उमीदों की हमदम
पंक्ति 64: पंक्ति 64:
|रचना 61=सुबहे आज़ादी
|रचना 61=सुबहे आज़ादी
|रचना 62=एक मन्जर
|रचना 62=एक मन्जर
|रचना 63=तिपबं बवउम ठंबा
|रचना 63=जैसे हम-बज़्म हैं फिर यारे
|रचना 64=ऐ रोशनियों के शहर
|रचना 64=ऐ रोशनियों के शहर
|रचना 65=यहाँ से शहर को देखो
|रचना 65=यहाँ से शहर को देखो
पंक्ति 87: पंक्ति 87:
|रचना 84=हम मुसाफ़िर युँही मस्रूफ़े सफ़र
|रचना 84=हम मुसाफ़िर युँही मस्रूफ़े सफ़र
|रचना 85=हज़र करो मेरे तन से
|रचना 85=हज़र करो मेरे तन से
|रचना 85= दिले मन मुसाफ़िरे मन
|रचना 86= दिले मन मुसाफ़िरे मन
|रचना 87= जिस रोज़ क़ज़ा आएगी
|रचना 87=
|रचना 88=जैसे हम-बज़्म हैं फिर यारे
|रचना 88=
|रचना 89= ख़त्म हुई बारिशे संग
|रचना 89=
|रचना 90=  
|रचना 90=  
|रचना 91=  
|रचना 91=  

11:00, 5 अक्टूबर 2022 के समय का अवतरण