"ध्रुवीय ज्योति": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
प्रीति चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
No edit summary |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''ध्रुवीय ज्योति''' [[आयन मण्डल]] में विधुत चुम्बकीय घटनाओं के परिणामस्वरूप दिखायी पड़ने वाले प्रकाशमय प्रभाव को कहते हैं। यह रात्रि के समय धरातल से लगभग 100 किमी की ऊंचाई पर उच्च अक्षांशीय क्षेत्रों में ही दिखता है। यह [[प्रकाश]] [[श्वेत रंग|श्वेत]], [[लाल रंग|लाल]] एवं [[हरा रंग|हरे]] चारों के रूप में दिखाई पड़ता है। | |||
''' | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
पंक्ति 12: | पंक्ति 9: | ||
[[Category:भू-विज्ञान]] | [[Category:भू-विज्ञान]] | ||
[[Category:भौतिक विज्ञान]] | [[Category:भौतिक विज्ञान]] | ||
[[Category:विज्ञान कोश]] | |||
[[Category: | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
10:57, 11 मई 2014 के समय का अवतरण
ध्रुवीय ज्योति आयन मण्डल में विधुत चुम्बकीय घटनाओं के परिणामस्वरूप दिखायी पड़ने वाले प्रकाशमय प्रभाव को कहते हैं। यह रात्रि के समय धरातल से लगभग 100 किमी की ऊंचाई पर उच्च अक्षांशीय क्षेत्रों में ही दिखता है। यह प्रकाश श्वेत, लाल एवं हरे चारों के रूप में दिखाई पड़ता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख