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'''धवलगिरि''' अथवा 'धवलागिरि' [[भुवनेश्वर]], [[उड़ीसा]] से 2 मील {{मील|मील=2}} की दूरी पर स्थित एक पहाड़ी का नाम है। इस पहाड़ी को '[[अश्वत्थामा पर्वत]]' के नाम से भी जाना जाता है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=465|url=}}</ref>
'''धवलगिरि''' अथवा 'धवलागिरि' [[भुवनेश्वर]], [[उड़ीसा]] से 2 मील {{मील|मील=2}} की दूरी पर स्थित एक पहाड़ी का नाम है। इस पहाड़ी को '[[अश्वत्थामा पर्वत]]' के नाम से भी जाना जाता है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=465|url=}}</ref>


*इस पहाड़ी में [[मौर्य]] सम्राट [[अशोक]] का प्रसिद्ध 'कलिंग अभिलेख' उत्कीर्ण है, जिसमें [[कलिंग]] के युद्ध तथा तज्जनित अशोक के [[हृदय]] परिवर्तन का मार्मिक वृत्तान्त है।
*इस पहाड़ी में [[मौर्य]] सम्राट [[अशोक]] का प्रसिद्ध 'कलिंग अभिलेख' उत्कीर्ण है, जिसमें [[कलिंग]] के युद्ध तथा तज्जनित अशोक के [[हृदय]] परिवर्तन का मार्मिक वृत्तान्त है।

08:10, 16 जून 2013 के समय का अवतरण

धवलगिरि अथवा 'धवलागिरि' भुवनेश्वर, उड़ीसा से 2 मील (लगभग 3.2 कि.मी.) की दूरी पर स्थित एक पहाड़ी का नाम है। इस पहाड़ी को 'अश्वत्थामा पर्वत' के नाम से भी जाना जाता है।[1]

  • इस पहाड़ी में मौर्य सम्राट अशोक का प्रसिद्ध 'कलिंग अभिलेख' उत्कीर्ण है, जिसमें कलिंग के युद्ध तथा तज्जनित अशोक के हृदय परिवर्तन का मार्मिक वृत्तान्त है।
  • संभवत: कलिंग युद्ध की स्थली धवलगिरि की पहाड़ी के निकट ही थी।
  • धवलगिरि पहाड़ी को 'अश्वत्थामा पर्वत' भी कहते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार |पृष्ठ संख्या: 465 |

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