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'''सीमा सुरक्षा बल''' ([[अंग्रेज़ी]]: Border Security Force; संक्षिप्त रूप- बी.एस.एफ़.) [[भारत]] की सीमा रक्षा सेना है। यह एक अर्धसैनिक बल है, जिसकी स्थापना [[वर्ष]] [[1965]] में शांति के समय के दौरान भारत सीमाओं की रक्षा और अन्तर्राष्ट्रीय अपराध को रोकने के लिए की गई थी। यह बल केंद्र सरकार की '[[गृह मंत्रालय]]' के नियंत्रण के अंतर्गत आता है। [[बांग्लादेश]] की आज़ादी में 'सीमा सुरक्षा बल' की अहम भूमिका अविस्मरणीय है। | '''सीमा सुरक्षा बल''' ([[अंग्रेज़ी]]: Border Security Force; संक्षिप्त रूप- बी.एस.एफ़.) [[भारत]] की सीमा रक्षा सेना है। यह एक अर्धसैनिक बल है, जिसकी स्थापना [[वर्ष]] [[1965]] में शांति के समय के दौरान भारत सीमाओं की रक्षा और अन्तर्राष्ट्रीय अपराध को रोकने के लिए की गई थी। यह बल केंद्र सरकार की '[[गृह मंत्रालय]]' के नियंत्रण के अंतर्गत आता है। [[बांग्लादेश]] की आज़ादी में 'सीमा सुरक्षा बल' की अहम भूमिका अविस्मरणीय है। | ||
==स्थापना== | ==स्थापना== | ||
देश के उत्कृष्ट बलों में से एक 'सीमा सुरक्षा बल' की स्थापना [[1 दिसम्बर]], [[1965]] को मौलिक रूप से [[पाकिस्तान]] तथा [[बांग्लादेश]] के साथ अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित बनाने के लिए की गई थी। 'सीमा सुरक्षा बल' के गठन से पहले इन सीमाओं पर संबंधित [[राज्य]] की सशस्त्र पुलिस तैनात थी, तथापि [[9 अप्रैल]], [[1965]] को [[गुजरात]] में सरदार पोस्ट, छार बेट तथा बेरिया बैट सीमा चैकियों पर पाकिस्तानी आक्रमण ने इन संवेदनशील सीमाओं की एक समान सशस्त्र बल द्वारा सुरक्षित रखने की आवश्यकता को उजागर किया।<ref name="aa">{{cite web |url=http://www.news4city.com/%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE-%E0%A4%AC%E0%A4%B2-1-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AC%E0%A4%B0-%E0%A4%95.html |title=सीमा सुरक्षा बल, 48वाँ स्थापना दिवस|accessmonthday=05 जनवरी |accessyear= 2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | देश के उत्कृष्ट बलों में से एक 'सीमा सुरक्षा बल' की स्थापना [[1 दिसम्बर]], [[1965]] को मौलिक रूप से [[पाकिस्तान]] तथा [[बांग्लादेश]] के साथ अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित बनाने के लिए की गई थी। 'सीमा सुरक्षा बल' के गठन से पहले इन सीमाओं पर संबंधित [[राज्य]] की सशस्त्र पुलिस तैनात थी, तथापि [[9 अप्रैल]], [[1965]] को [[गुजरात]] में सरदार पोस्ट, छार बेट तथा बेरिया बैट सीमा चैकियों पर पाकिस्तानी आक्रमण ने इन संवेदनशील सीमाओं की एक समान सशस्त्र बल द्वारा सुरक्षित रखने की आवश्यकता को उजागर किया।<ref name="aa">{{cite web |url=http://www.news4city.com/%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE-%E0%A4%AC%E0%A4%B2-1-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AC%E0%A4%B0-%E0%A4%95.html |title=सीमा सुरक्षा बल, 48वाँ स्थापना दिवस|accessmonthday=05 जनवरी |accessyear= 2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | ||
====गठन==== | ====गठन==== | ||
समय की मांग एक ऐसे बल की स्थापना की थी, जो सीमाओं की सुरक्षा के लिए [[थल सेना]] की तरह प्रशिक्षित हो तथा सीमा पार अपराध को रोकने के लिए पुलिस की तरह कार्य करें। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु गठित सचिवों की एक समिति की सिफारिश के अनुसार दिनांक [[1 दिसम्बर]], [[1965]] को के.एफ़. रुस्तमजी के कुशल नेतृत्व में 'सीमा सुरक्षा बल' का गठन किया गया। ऑपरेशन के लिए गठित इस बल की कार्य क्षमता में लगातार वृद्धि हुई तथा आज यह बल देश का उत्तम भरोसेमंद व्यावसायिक बलों में एक है। | समय की मांग एक ऐसे बल की स्थापना की थी, जो सीमाओं की सुरक्षा के लिए [[थल सेना]] की तरह प्रशिक्षित हो तथा सीमा पार अपराध को रोकने के लिए पुलिस की तरह कार्य करें। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु गठित सचिवों की एक समिति की सिफारिश के अनुसार दिनांक [[1 दिसम्बर]], [[1965]] को के. एफ़. रुस्तमजी के कुशल नेतृत्व में 'सीमा सुरक्षा बल' का गठन किया गया। ऑपरेशन के लिए गठित इस बल की कार्य क्षमता में लगातार वृद्धि हुई तथा आज यह बल देश का उत्तम भरोसेमंद व्यावसायिक बलों में एक है। | ||
==वाहिनियाँ== | ==वाहिनियाँ== | ||
'सीमा सुरक्षा बल' अपनी स्थापना के समय 25 वाहिनियों से प्रारंभ किया गया था। इस बल में आज 175 | 'सीमा सुरक्षा बल' अपनी स्थापना के समय 25 वाहिनियों से प्रारंभ किया गया था। इस बल में आज 175 वाहिनियाँ हैं, जिन्हें सुदृढ बनाने हेतु मुख्य प्रशिक्षण संस्थानों, विस्तृत चिकित्सा ढाँचों, आर्टिलरी रेजिमेंट, वायु तथा जल खण्ड, ऊँट कंटिनजेंट तथा स्वांग स्कवाड हैं। शांति के समय तथा लड़ाई के दौरान दोनों अवस्थाओं में अहम भूमिका निभाने हेतु, रात-दिन सीमाओं पर कृत्रिम तथा प्राकृतिक चुनौतियों का सामना करते हुए 'सीमा सुरक्षा बल' देश का अनूठा बल है। | ||
====भूमिका==== | ====भूमिका==== | ||
सीमा प्रहरियों के लिए शांत पोस्टिंग तथा फ़ील्ड पोस्टिंग में कोई अन्तर नहीं है, क्योकि सीमा प्रहरियों के लिए यह जीवन पर्यन्त का कर्तव्य है। विगत वर्षों में बल को सौपी गई समस्त जिम्मेदारियों को 'सीमा सुरक्षा बल' ने उत्कृष्ट ढंग से निभाया है। राष्ट्र के सुरक्षा साँचे में 'सीमा सुरक्षा बल' ने सदैव महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। [[पंजाब]], [[जम्मू और कश्मीर]] तथा उत्तर-पूर्व में आतंकवाद को समाप्त करने तथा थल में वामपंथी चरमपंथी से निपटने में 'सीमा सुरक्षा बल' ने अदम्य साहस का परिचय दिया है।<ref name="aa"/> | सीमा प्रहरियों के लिए शांत पोस्टिंग तथा फ़ील्ड पोस्टिंग में कोई अन्तर नहीं है, क्योकि सीमा प्रहरियों के लिए यह जीवन पर्यन्त का कर्तव्य है। विगत वर्षों में बल को सौपी गई समस्त जिम्मेदारियों को 'सीमा सुरक्षा बल' ने उत्कृष्ट ढंग से निभाया है। राष्ट्र के सुरक्षा साँचे में 'सीमा सुरक्षा बल' ने सदैव महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। [[पंजाब]], [[जम्मू और कश्मीर]] तथा उत्तर-पूर्व में आतंकवाद को समाप्त करने तथा थल में वामपंथी चरमपंथी से निपटने में 'सीमा सुरक्षा बल' ने अदम्य साहस का परिचय दिया है।<ref name="aa"/> | ||
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08:03, 1 दिसम्बर 2015 के समय का अवतरण
सीमा सुरक्षा बल
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विवरण | 'सीमा सुरक्षा बल' एक अर्धसैनिक बल है, जिसकी स्थापना शांति के समय के दौरान भारत सीमाओं की रक्षा और अन्तर्राष्ट्रीय अपराध को रोकने के लिए की गई थी। |
स्थापना | 1 दिसम्बर, 1965 |
गठनकर्ता | के. एफ़. रुस्तमजी के कुशल नेतृत्व में 'सीमा सुरक्षा बल' का गठन किया गया था। |
वाहिनियाँ | 175 |
विशेष | पंजाब, जम्मू और कश्मीर तथा उत्तर-पूर्व में आतंकवाद को समाप्त करने तथा थल में वामपंथी चरमपंथी से निपटने में 'सीमा सुरक्षा बल' ने अदम्य साहस का परिचय दिया है। |
संबंधित लेख | भारतीय थल सेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय सशस्त्र सेना, भारतीय नौसेना |
अन्य जानकारी | 'सीमा सुरक्षा बल' अपनी स्थापना के समय 25 वाहिनियों से प्रारंभ किया गया था। इस बल में आज 175 वाहिनियाँ हैं। |
सीमा सुरक्षा बल (अंग्रेज़ी: Border Security Force; संक्षिप्त रूप- बी.एस.एफ़.) भारत की सीमा रक्षा सेना है। यह एक अर्धसैनिक बल है, जिसकी स्थापना वर्ष 1965 में शांति के समय के दौरान भारत सीमाओं की रक्षा और अन्तर्राष्ट्रीय अपराध को रोकने के लिए की गई थी। यह बल केंद्र सरकार की 'गृह मंत्रालय' के नियंत्रण के अंतर्गत आता है। बांग्लादेश की आज़ादी में 'सीमा सुरक्षा बल' की अहम भूमिका अविस्मरणीय है।
स्थापना
देश के उत्कृष्ट बलों में से एक 'सीमा सुरक्षा बल' की स्थापना 1 दिसम्बर, 1965 को मौलिक रूप से पाकिस्तान तथा बांग्लादेश के साथ अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित बनाने के लिए की गई थी। 'सीमा सुरक्षा बल' के गठन से पहले इन सीमाओं पर संबंधित राज्य की सशस्त्र पुलिस तैनात थी, तथापि 9 अप्रैल, 1965 को गुजरात में सरदार पोस्ट, छार बेट तथा बेरिया बैट सीमा चैकियों पर पाकिस्तानी आक्रमण ने इन संवेदनशील सीमाओं की एक समान सशस्त्र बल द्वारा सुरक्षित रखने की आवश्यकता को उजागर किया।[1]
गठन
समय की मांग एक ऐसे बल की स्थापना की थी, जो सीमाओं की सुरक्षा के लिए थल सेना की तरह प्रशिक्षित हो तथा सीमा पार अपराध को रोकने के लिए पुलिस की तरह कार्य करें। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु गठित सचिवों की एक समिति की सिफारिश के अनुसार दिनांक 1 दिसम्बर, 1965 को के. एफ़. रुस्तमजी के कुशल नेतृत्व में 'सीमा सुरक्षा बल' का गठन किया गया। ऑपरेशन के लिए गठित इस बल की कार्य क्षमता में लगातार वृद्धि हुई तथा आज यह बल देश का उत्तम भरोसेमंद व्यावसायिक बलों में एक है।
वाहिनियाँ
'सीमा सुरक्षा बल' अपनी स्थापना के समय 25 वाहिनियों से प्रारंभ किया गया था। इस बल में आज 175 वाहिनियाँ हैं, जिन्हें सुदृढ बनाने हेतु मुख्य प्रशिक्षण संस्थानों, विस्तृत चिकित्सा ढाँचों, आर्टिलरी रेजिमेंट, वायु तथा जल खण्ड, ऊँट कंटिनजेंट तथा स्वांग स्कवाड हैं। शांति के समय तथा लड़ाई के दौरान दोनों अवस्थाओं में अहम भूमिका निभाने हेतु, रात-दिन सीमाओं पर कृत्रिम तथा प्राकृतिक चुनौतियों का सामना करते हुए 'सीमा सुरक्षा बल' देश का अनूठा बल है।
भूमिका
सीमा प्रहरियों के लिए शांत पोस्टिंग तथा फ़ील्ड पोस्टिंग में कोई अन्तर नहीं है, क्योकि सीमा प्रहरियों के लिए यह जीवन पर्यन्त का कर्तव्य है। विगत वर्षों में बल को सौपी गई समस्त जिम्मेदारियों को 'सीमा सुरक्षा बल' ने उत्कृष्ट ढंग से निभाया है। राष्ट्र के सुरक्षा साँचे में 'सीमा सुरक्षा बल' ने सदैव महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पंजाब, जम्मू और कश्मीर तथा उत्तर-पूर्व में आतंकवाद को समाप्त करने तथा थल में वामपंथी चरमपंथी से निपटने में 'सीमा सुरक्षा बल' ने अदम्य साहस का परिचय दिया है।[1]
कार्य
'सीमा सुरक्षा बल' (बी.एस.एफ़.) के कार्यों को इस प्रकार से बांटा गया है[2]-
- शांति काल में
- सीमा क्षेत्रों के आसपास रहने वाले नागरिकों को सुरक्षा प्रशिक्षण देना।
- अंतर सीमा अपराध, अनाधिकृत तरीके से भारत की सीमा में प्रवेश की कोशिशों तथा अनाधिकृत तरीके से सीमा के पार जाने के प्रयत्नों को रोकना।
- तस्करी तथा गैर क़ानूनी गतिविधियों को रोकना।
- पिछले कुछ वर्षों में 'सीमा सुरक्षा बल' को सीमा की रक्षा के साथ ही साथ आतंरिक सुरक्षा के मोर्चों पर भी तैनात किया जाने लगा है।
- युद्ध काल में
- कम खतरे वाले स्थानों को अपने नियंत्रण में रखना
- महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा
- शरणार्थियों के नियंत्रण में सहायता
- निर्दिष्ट क्षेत्रों घुसपैठ रोकने हेतु विशेष कार्यबल
इन्हें भी देखें: भारतीय थल सेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय सशस्त्र सेना एवं भारतीय नौसेना
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 सीमा सुरक्षा बल, 48वाँ स्थापना दिवस (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 05 जनवरी, 2013।
- ↑ सीमा सुरक्षा बल (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 05 जनवरी, 2013।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख