"भारत की जन जातियाँ": अवतरणों में अंतर

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'''भारत की जनजातियाँ''' ही यहाँ की आदिवासी तथा मूलतः निवास करने वाली जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करती हैं। इनके जीवन-यापन का ढंग वर्तमान में भी प्राचीन पद्धतियों से ही संचालित होता आ रहा है। अब भले ही कुछ जनतियों ने स्थायी ढंग से कृषि, पशुपालन आदि कार्यों में रुचि लेना प्रारम्भ कर दिया है किन्तु इनकी अधिकांश जनसंख्या शिकार करने, मछली पकड़ने, लकड़ी काटने आदि कार्यों द्वारा ही जीवन-निर्वाह करती है। भारत में जनजातीय समुदाय के लोगों की काफ़ी बड़ी संख्या है और देश में 50 से भी अधिक प्रमुख जनजातीय समुदाय है। 'सरलतम रूप में जनजाति ऐसी टोलियों का एक समूह है, जिसका एक सानिध्य वाले भूखण्ड अथवा भूखण्डों पर अधिकार हो और जिनमें एकता की भावना, संस्कृति में गहन समानता, निरन्तर सम्पर्क तथा कतिपय सामुदायिकता हितों में समानता से उत्पन्न हुई हो।' <ref>राल्फ लिंटन</ref> एक जनजाति समान संस्कृति वाली जनसंख्या का स्वतन्त्र राजनीतिक विभाजन है।' <ref>लूसी मेयर</ref>
'''भारत की जनजातियाँ''' ही यहाँ की आदिवासी तथा मूलतः निवास करने वाली जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करती हैं। इनके जीवन-यापन का ढंग वर्तमान में भी प्राचीन पद्धतियों से ही संचालित होता आ रहा है। अब भले ही कुछ जनतियों ने स्थायी ढंग से कृषि, पशुपालन आदि कार्यों में रुचि लेना प्रारम्भ कर दिया है किन्तु इनकी अधिकांश जनसंख्या शिकार करने, मछली पकड़ने, लकड़ी काटने आदि कार्यों द्वारा ही जीवन-निर्वाह करती है। भारत में जनजातीय समुदाय के लोगों की काफ़ी बड़ी संख्या है और देश में 50 से भी अधिक प्रमुख जनजातीय समुदाय है। 'सरलतम रूप में जनजाति ऐसी टोलियों का एक समूह है, जिसका एक सान्निध्य वाले भूखण्ड अथवा भूखण्डों पर अधिकार हो और जिनमें एकता की भावना, संस्कृति में गहन समानता, निरन्तर सम्पर्क तथा कतिपय सामुदायिकता हितों में समानता से उत्पन्न हुई हो।' <ref>राल्फ लिंटन</ref> एक जनजाति समान संस्कृति वाली जनसंख्या का स्वतन्त्र राजनीतिक विभाजन है।' <ref>लूसी मेयर</ref>
==विभिन्न नामों से सम्बोधित==
==विभिन्न नामों से सम्बोधित==
भारतीय जनजातियों को विद्वानों द्वारा अलग-अलग नामों से सम्बोधित किया गया है, जैसे आदिवासी, पहाड़ी जनजातियाँ, जंगली आदिवासी, प्राचीन जनजाति, जंगल निवासी, पिछड़ा हिन्दू, विलीन मानवता आदि।  
भारतीय जनजातियों को विद्वानों द्वारा अलग-अलग नामों से सम्बोधित किया गया है, जैसे आदिवासी, पहाड़ी जनजातियाँ, जंगली आदिवासी, प्राचीन जनजाति, जंगल निवासी, पिछड़ा हिन्दू, विलीन मानवता आदि।  

07:58, 5 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण

भारत की जनजातियाँ ही यहाँ की आदिवासी तथा मूलतः निवास करने वाली जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करती हैं। इनके जीवन-यापन का ढंग वर्तमान में भी प्राचीन पद्धतियों से ही संचालित होता आ रहा है। अब भले ही कुछ जनतियों ने स्थायी ढंग से कृषि, पशुपालन आदि कार्यों में रुचि लेना प्रारम्भ कर दिया है किन्तु इनकी अधिकांश जनसंख्या शिकार करने, मछली पकड़ने, लकड़ी काटने आदि कार्यों द्वारा ही जीवन-निर्वाह करती है। भारत में जनजातीय समुदाय के लोगों की काफ़ी बड़ी संख्या है और देश में 50 से भी अधिक प्रमुख जनजातीय समुदाय है। 'सरलतम रूप में जनजाति ऐसी टोलियों का एक समूह है, जिसका एक सान्निध्य वाले भूखण्ड अथवा भूखण्डों पर अधिकार हो और जिनमें एकता की भावना, संस्कृति में गहन समानता, निरन्तर सम्पर्क तथा कतिपय सामुदायिकता हितों में समानता से उत्पन्न हुई हो।' [1] एक जनजाति समान संस्कृति वाली जनसंख्या का स्वतन्त्र राजनीतिक विभाजन है।' [2]

विभिन्न नामों से सम्बोधित

भारतीय जनजातियों को विद्वानों द्वारा अलग-अलग नामों से सम्बोधित किया गया है, जैसे आदिवासी, पहाड़ी जनजातियाँ, जंगली आदिवासी, प्राचीन जनजाति, जंगल निवासी, पिछड़ा हिन्दू, विलीन मानवता आदि। भारतीय संविधान में इन्हे 'अनुसूचित जनजाति' कहा गया है जबकि वर्तमान में इनको आदिवासी, वन्यजाति, अरण्यवासी, गिरिजन आदि अनेक नामों से जाना जाता है। भारतीय जनजातियों का मूल स्रोत कभी देश के सम्पूर्ण भू-भाग पर फैली प्रोटो आस्ट्रेलियाड तथा मंगोल जैसी प्रजातियों को माना जाता है। इनका एक अन्य स्रोत नीग्रिटों प्रजाति भी है जिसके निवासी अण्डमान निकोबार द्वीप समूह में अभी भी विद्यमान हैं। देश की जनजातीय जनसंख्या के वितरण पर यदि ध्यान दिया जाय तो तीन मुख्य क्षेत्र स्पष्ट होते हैं, जो निम्नलिखित हैं।

  1. उत्तरी एवं उत्तरी-पूर्वी प्रदेश - इसमें हिमालय के तराई क्षेत्र, उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र सम्मिलित किये जाते हैं। देश की लगभग 80 प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या इसी क्षेत्र में निवास करती है। मध्य प्रदेश, दक्षिण राजस्थान, आन्ध्र प्रदेश, दक्षिणी उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, उड़ीसा आदि राज्य इसी क्षेत्र में आते हैं।
  2. मध्यवर्ती क्षेत्र - इसके अन्तर्गत प्रायद्वीपीय भारत के पठारी तथा पहाड़ी क्षेत्र सम्मिलित किये जाते है। देश की लगभग 80 प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या इसी क्षेत्र में निवास करती है। मध्य प्रदेश, दक्षिण राजस्थान, आन्ध्र प्रदेश, दक्षिणी उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, उड़ीसा आदि राज्य इसी क्षेत्र में आते हैं।
  3. दक्षिणी क्षेत्र - इसके अन्तर्गत आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल तथा तमिलनाडु का जनजातीय क्षेत्र शामिल हैं। यह भारतीय जनजातियों के सबसे प्राचीन स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है।

इन तीन प्रमुख क्षेत्रों के अतिरिक्त अण्डमान निकोबार द्वीप समूह में भी एकांकी रूप से कुछ विशिष्ट जनजातियाँ जैसे ओंग, ओंग, जारबा, उत्तर सेण्टिनली, अण्डमानी, निकोबारी आदि भी पायी जाती है।

देश में रहने वाले जनजातीय समुदाय के लोग नीग्रिटो, ऑस्ट्रेलॉयड और मंगोलॉयड प्रजातियों से सम्बद्ध है। देश की प्रमुख जनजातियां निम्नलिखित हैं-

प्रमुख जनजातियाँ
राज्य जनजातियाँ
आंध्र प्रदेश चेन्चू, कोचा, गुड़ावा, जटापा, कोंडा डोरस, कोंडा कपूर, कोंडा रेड्डी, खोंड, सुगेलिस, लम्बाडिस, येलडिस, येरुकुलास, भील, गोंड, कोलम, प्रधान, बाल्मिक।
असमनागालैंड बोडो, डिमसा गारो, खासी, कुकी, मिजो, मिकिर, नागा, अबोर, डाफला, मिशमिस, अपतनिस, सिंधो, अंगामी
झारखण्ड संथाल, असुर, बैगा, बंजारा, बिरहोर, गोंड, हो, खरिया, खोंड, मुंडा, कोरवा, भूमिज, मल पहाड़िया, सोरिया पहाड़िया, बिझिया, चेरू लोहरा, उरांव, खरवार, कोल, भील
महाराष्ट्र भील, गोंड, अगरिया, असुरा, भारिया, कोया, वर्ली, कोली, डुका बैगा, गडावास, कामर, खडिया, खोंडा, कोल, कोलम, कोर्कू, कोरबा, मुंडा, उरांव, प्रधान, बघरी।
पश्चिम बंगाल होस, कोरा, मुंडा, उरांव, भूमिज, संथाल, गेरो, लेप्चा, असुर, बैगा, बंजारा, भील, गोंड, बिरहोर, खोंड, कोरबा, लोहरा।
हिमाचल प्रदेश गद्दी, गुर्जर, लाहौल, लांबा, पंगवाला, किन्नौरी, बकरायल।
मणिपुर कुकी, अंगामी, मिजो, पुरुम, सीमा।
मेघालय खासी, जयन्तिया, गारो।
त्रिपुरा लुशाई, माग, हलम, खशिया, भूटिया, मुंडा, संथाल, भील, जमनिया, रियांग, उचाई।
कश्मीर गुर्जर
गुजरात कथोड़ी, सिद्दीस, कोलघा, कोटवलिया, पाधर, टोड़िया, बदाली, पटेलिया।
उत्तर प्रदेश बुक्सा, थारू, माहगीर, शोर्का, खरवार, थारू, राजी, जॉनसारी।
उत्तरांचल भोटिया, जौनसारी, राजी।
केरल कडार, इरुला, मुथुवन, कनिक्कर, मलनकुरावन, मलरारायन, मलावेतन, मलायन, मन्नान, उल्लातन, यूराली, विशावन, अर्नादन, कहुर्नाकन, कोरागा, कोटा, कुरियियान, कुरुमान, पनियां, पुलायन मल्लार, कुरुम्बा।
छत्तीसगढ़ कोरकू, भील, बैगा, गोंड, अगरिया, भारिया, कोरबा, कोल, उरांव, प्रधान, नगेशिया, हल्वा, भतरा, माडिया, सहरिया, कमार, कंवर।
तमिलनाडु टोडा, कडार, इकला, कोटा, अडयान, अरनदान, कुट्टनायक, कोराग, कुरिचियान, मासेर, कुरुम्बा, कुरुमान, मुथुवान, पनियां, थुलया, मलयाली, इरावल्लन, कनिक्कर, मन्नान, उरासिल, विशावन, ईरुला।
कर्नाटक गौडालू, हक्की, पिक्की, इरुगा, जेनु, कुरुव, मलाईकुड, भील, गोंड, टोडा, वर्ली, चेन्चू, कोया, अनार्दन, येरवा, होलेया, कोरमा।
उड़ीसा बैगा, बंजारा, बड़होर, चेंचू, गड़ाबा, गोंड, होस, जटायु, जुआंग, खरिया, कोल, खोंड, कोया, उरांव, संथाल, सआरा, मुन्डुप्पतू।
पंजाब गद्दी, स्वागंला, भोट।
राजस्थान मीणा, भील, गरासिया, सहरिया, सांसी, दमोर, मेव, रावत, मेरात, कोली
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह औंगी आरबा, उत्तरी सेन्टीनली, अंडमानी, निकोबारी, शोपान।
अरुणाचल प्रदेश अबोर, अक्का, अपटामिस, बर्मास, डफला, गालोंग, गोम्बा, काम्पती, खोभा, मिश्मी, सिगंपो, सिरडुकपेन।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राल्फ लिंटन
  2. लूसी मेयर

बाहरी कड़ियाँ

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