"शिवकुमार 'बिलगरामी'": अवतरणों में अंतर
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'''शिवकुमार 'बिलगरामी'''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Shivkumar Bilagrami'') समकालीन गीतकार एवं ग़ज़लकार हैं जो अपने मौलिक लेखन और चिंतन के लिए जाने जाते हैं। शिवकुमार 'बिलगरामी' का जन्म [[12 अक्टूबर]], [[1963]] को [[उत्तर प्रदेश]] के [[हरदोई ज़िला]] की बिलग्राम तहसील के अंतर्गत महसोनामऊ गाँव में हुआ। शिवकुमार के पिता का नाम (स्वर्गीय) ठाकुर रघुबर सिंह और माता का नाम (स्वर्गीय) लक्ष्मी देवी है। शिवकुमार ने लखनऊ विश्वविद्यालय से | {| style="background:transparent; float:right; margin:5px;" | ||
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{{सूचना बक्सा साहित्यकार | |||
|चित्र=Shivkumar-bilgrami.png | |||
|चित्र का नाम=शिवकुमार 'बिलगरामी' | |||
|पूरा नाम=शिवकुमार 'बिलगरामी' | |||
|अन्य नाम= | |||
|जन्म=[[12 अक्टूबर]], [[1963]] | |||
|जन्म भूमि=गाँव- महसोनामऊ, [[हरदोई]], [[उत्तर प्रदेश]] | |||
|मृत्यु= | |||
|मृत्यु स्थान= | |||
|अभिभावक= ठाकुर रघुबर सिंह और लक्ष्मी देवी | |||
|पालक माता-पिता= | |||
|पति/पत्नी= | |||
|संतान= | |||
|कर्म भूमि=[[भारत]] | |||
|कर्म-क्षेत्र=लेखन | |||
|मुख्य रचनाएँ='नई कहकशाँ’ | |||
|विषय= | |||
|भाषा=[[हिन्दी]], [[अंग्रेज़ी]] | |||
|विद्यालय= [[लखनऊ विश्वविद्यालय]] | |||
|शिक्षा=एम. ए. | |||
|पुरस्कार-उपाधि= | |||
|प्रसिद्धि= | |||
|विशेष योगदान= | |||
|नागरिकता=भारतीय | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1=विधाएँ | |||
|पाठ 1=गीत, ग़ज़ल | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी= | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
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<div style="border:thin solid #a7d7f9; margin:10px"> | |||
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! शिवकुमार 'बिलगरामी' की रचनाएँ | |||
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{{शिवकुमार 'बिलगरामी' की रचनाएँ}} | |||
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'''शिवकुमार 'बिलगरामी'''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Shivkumar Bilagrami'') समकालीन गीतकार एवं ग़ज़लकार हैं जो अपने मौलिक लेखन और चिंतन के लिए जाने जाते हैं। शिवकुमार 'बिलगरामी' का जन्म [[12 अक्टूबर]], [[1963]] को [[उत्तर प्रदेश]] के [[हरदोई ज़िला]] की बिलग्राम तहसील के अंतर्गत महसोनामऊ गाँव में हुआ। शिवकुमार के पिता का नाम (स्वर्गीय) ठाकुर रघुबर सिंह और माता का नाम (स्वर्गीय) लक्ष्मी देवी है। शिवकुमार ने [[लखनऊ विश्वविद्यालय]] से अंग्रेज़ी साहित्य में एम. ए. किया। | |||
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इसके बाद इन्होंने [[पत्रकारिता]] को अपनाया और कुछ वर्षों तक इस पेशे से | इसके बाद इन्होंने [[पत्रकारिता]] को अपनाया और कुछ वर्षों तक इस पेशे से जुड़े रहे। इस बीच आपने [[आकाशवाणी]], [[दिल्ली]] के विभिन्न प्रोग्रामों में शिरकत की और स्क्रिप्ट लेखन का कार्य भी किया। शिवकुमार ने दिल्ली के कई प्रकाशकों के लिए अंग्रेज़ी से [[हिन्दी]] और हिन्दी से अंग्रेज़ी में [[अनुवाद]] कार्य भी किया। वर्तमान में शिवकुमार 'बिलगरामी' [[संसद|भारतीय संसद]] के लोकप्रिय सदन अर्थात [[लोकसभा]] में बतौर संपादक कार्यरत हैं। | ||
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शिवकुमार 'बिलगरामी' की रचनाओं में अनूठे बिम्ब और उपमाएं देखने को मिलती हैं। इनकी छंद पर गहरी पकड़ है जिसके कारण इनके गीतों और ग़ज़लों में ग़ज़ब की रवानी देखने को मिलती है। 'नई कहकशाँ’ इनका पहला ग़ज़ल संग्रह है। | शिवकुमार 'बिलगरामी' की रचनाओं में अनूठे बिम्ब और उपमाएं देखने को मिलती हैं। इनकी छंद पर गहरी पकड़ है जिसके कारण इनके गीतों और ग़ज़लों में ग़ज़ब की रवानी देखने को मिलती है। 'नई कहकशाँ’ इनका पहला ग़ज़ल संग्रह है। | ||
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शिवकुमार 'बिलगरामी' (अंग्रेज़ी: Shivkumar Bilagrami) समकालीन गीतकार एवं ग़ज़लकार हैं जो अपने मौलिक लेखन और चिंतन के लिए जाने जाते हैं। शिवकुमार 'बिलगरामी' का जन्म 12 अक्टूबर, 1963 को उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िला की बिलग्राम तहसील के अंतर्गत महसोनामऊ गाँव में हुआ। शिवकुमार के पिता का नाम (स्वर्गीय) ठाकुर रघुबर सिंह और माता का नाम (स्वर्गीय) लक्ष्मी देवी है। शिवकुमार ने लखनऊ विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में एम. ए. किया।
कार्यक्षेत्र
इसके बाद इन्होंने पत्रकारिता को अपनाया और कुछ वर्षों तक इस पेशे से जुड़े रहे। इस बीच आपने आकाशवाणी, दिल्ली के विभिन्न प्रोग्रामों में शिरकत की और स्क्रिप्ट लेखन का कार्य भी किया। शिवकुमार ने दिल्ली के कई प्रकाशकों के लिए अंग्रेज़ी से हिन्दी और हिन्दी से अंग्रेज़ी में अनुवाद कार्य भी किया। वर्तमान में शिवकुमार 'बिलगरामी' भारतीय संसद के लोकप्रिय सदन अर्थात लोकसभा में बतौर संपादक कार्यरत हैं।
रचनाएँ
शिवकुमार 'बिलगरामी' की रचनाओं में अनूठे बिम्ब और उपमाएं देखने को मिलती हैं। इनकी छंद पर गहरी पकड़ है जिसके कारण इनके गीतों और ग़ज़लों में ग़ज़ब की रवानी देखने को मिलती है। 'नई कहकशाँ’ इनका पहला ग़ज़ल संग्रह है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख