"आओ अब समय नहीं बाक़ी -कैलाश शर्मा": अवतरणों में अंतर
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! कैलाश शर्मा की रचनाएँ | |||
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{{कैलाश शर्मा की रचनाएँ}} | |||
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<poem> | <poem> | ||
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अब नहीं धर्म का राज्य यहाँ, | अब नहीं धर्म का राज्य यहाँ, | ||
अपने स्वारथ में सभी व्यस्त. | अपने स्वारथ में सभी व्यस्त. | ||
दुर्योधन जाग उठा | दुर्योधन जाग उठा फिर से, | ||
बेबस द्रोपदी फिर आज त्रस्त. | बेबस द्रोपदी फिर आज त्रस्त. | ||
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==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{समकालीन कवि}} | {{समकालीन कवि}} | ||
[[Category:पद्य साहित्य]][[Category:कैलाश शर्मा]][[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]] | [[Category:समकालीन कवि]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:कैलाश शर्मा]][[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]] | ||
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14:04, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
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चहुँ ओर गहन अँधियारा है, |
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